दुबई के आईसीसी एकेडमी ग्राउंड पर 14 दिसंबर 2025 को एसीसी मेन्स अंडर-19 एशिया कप 2025 का पांचवां मुकाबला खेला गया, जहां भारतीय अंडर-19 टीम ने पाकिस्तान को 90 रनों से चटाकर टूर्नामेंट में मजबूत स्थिति हासिल कर ली। बारिश के कारण यह मैच 49 ओवर प्रति टीम का खेला गया, और भारत ने 241 रन बनाए, जबकि पाकिस्तान सिर्फ 150 रन पर आउट हो गया। इस जीत का श्रेय बल्लेबाजी के बजाय गेंदबाजी और टीम के सामूहिक प्रदर्शन को दिया जा रहा है — खासकर जब टीम के सबसे ज्यादा चर्चित खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी का बल्ला एकदम ठिठक गया।
बल्ला नहीं चला, लेकिन गेंदबाजी ने बदल दी गेम
वैभव सूर्यवंशी, बिहार के 14 साल के युवा ओपनर, जिन्होंने पिछले मैच में यूएई के खिलाफ 95 गेंदों पर 171 रनों की तूफानी पारी खेली थी, इस मैच में महज 6 गेंदों का सामना करके 5 रन बनाकर आउट हो गए। पाकिस्तानी गेंदबाज मोहम्मद सय्याम ने चौथे ओवर की दूसरी गेंद पर एक धीमी गेंद को फंसाकर उन्हें 'कॉट एंड बोल्ड' किया। उसके बाद पाकिस्तानी डगआउट में जश्न की लहर दौड़ गई — लेकिन यह जश्न जल्द ही बुझ गया।
वैभव का बल्ला नहीं चला, लेकिन उनकी गेंदबाजी ने पाकिस्तान की शुरुआत को तबाह कर दिया। पहले ही ओवर में, उन्होंने पाकिस्तानी कप्तान फरहान युसूफ को नमन पुष्पक के हाथों कैच आउट करवाया। यह वैभव का टूर्नामेंट में पहला विकेट था, और यह विकेट टीम के लिए एक बड़ा झटका था। फरहान के साथ 23 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी टूट गई, और पाकिस्तान की पारी शुरू होते ही धराशायी हो गई।
आरोन और विहान ने पारी को संभाला
भारत की बल्लेबाजी शुरुआत में उलझी रही, लेकिन आरोन जॉर्ज और उप-कप्तान विहान मल्होत्रा ने टीम को बचाया। आरोन ने 85 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 11 चौके शामिल थे। विहान ने 69 रन बनाकर बल्लेबाजी को स्थिर रखा। दोनों ने 15वें ओवर तक टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया, और फिर बाकी बल्लेबाजों ने अंत तक रन जोड़े।
एक अहम बात — वैभव के बाद भारत की टीम ने बिना किसी बड़े झटके के बाकी 150 रन जोड़ दिए। यह टीम के गहरे बल्लेबाजी क्रम की ताकत थी। बिना वैभव के बल्ले के, भारत ने अपनी टीम की गहराई को दिखाया।
गेंदबाजी ने दिखाया भारत की विजय की कुंजी
पाकिस्तान की पारी शुरू होते ही तबाही छा गई। 30 रन पर ही टॉप 4 बल्लेबाज आउट हो चुके थे। दीपेश देवेंद्रन और कनिष्क चौहान ने तीन-तीन विकेट झटके, जिससे पाकिस्तान की टीम को कोई रास्ता नहीं मिला। दीपेश की गेंदबाजी ने बाएं हाथ की गेंदों से बल्लेबाजों को बार-बार फंसाया, जबकि कनिष्क की तेज गेंदों ने बाहरी शॉट्स को नियंत्रित किया।
वैभव, नमन पुष्पक और आयुष म्हात्रे ने भी एक-एक विकेट लिया। पाकिस्तान की टीम के लिए सिर्फ सामीर मिन्हास ने 34 गेंदों में 23 रन बनाकर कुछ उम्मीद जगाई। लेकिन उनके बाद कोई नहीं था। पाकिस्तान की पारी का औसत रन रेट 3.65 था — बेहद कम।
वैभव के 171 रन और विरोधाभास
इस मैच से पहले, वैभव के यूएई के खिलाफ 171 रनों की पारी को लेकर बहुत सारी चर्चाएं हुईं। कुछ स्रोतों ने दावा किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी सामीर मिन्हास ने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया — लेकिन यह विरोधाभासी है। क्योंकि पाकिस्तान की पूरी टीम का कुल स्कोर 150 रन था। कोई खिलाड़ी 171 रन नहीं बना सकता जब टीम का कुल स्कोर उससे कम है। यह एक गलत खबर थी, लेकिन इसने वैभव के खिलाफ दबाव बढ़ा दिया।
हालांकि, वैभव ने अपने बल्ले के बजाय गेंदबाजी के जरिए अपना बचाव किया। उन्होंने दिखाया कि एक खिलाड़ी बल्लेबाजी में असफल हो सकता है, लेकिन टीम के लिए अभी भी महत्वपूर्ण हो सकता है। यही तो टीम क्रिकेट की असली परिभाषा है।
अगला मुकाबला: मलेशिया के खिलाफ अंतिम ग्रुप मैच
भारतीय टीम अब 16 दिसंबर 2025 को मलेशिया अंडर-19 टीम के खिलाफ अपना अंतिम ग्रुप मैच खेलेगी। इस जीत के बाद भारत की टीम टूर्नामेंट टेबल में शीर्ष पर है। अगर वे मलेशिया को हरा देते हैं, तो वे सीधे सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगे। अगर हार जाते हैं, तो भी उनकी स्थिति मजबूत है — लेकिन जीत ही सुरक्षित रास्ता है।
इस टूर्नामेंट में भारत की टीम ने अपनी गहराई, टीमवर्क और बदलाव की क्षमता दिखाई है। वैभव के बल्ले की असफलता ने एक बड़ा संदेश दिया — क्रिकेट में एक खिलाड़ी नहीं, टीम जीतती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वैभव सूर्यवंशी के 171 रन का दावा क्यों गलत है?
कुछ स्रोतों ने दावा किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी सामीर मिन्हास ने वैभव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, लेकिन यह तर्क विरोधाभासी है। पाकिस्तान की पूरी टीम का कुल स्कोर 150 रन था, जबकि वैभव के 171 रन एक व्यक्तिगत पारी है। कोई खिलाड़ी अपनी टीम के कुल स्कोर से अधिक रन नहीं बना सकता — इसलिए यह दावा गलत है।
इस मैच में भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत क्या थी?
इस मैच में भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत उसकी गेंदबाजी गहराई और टीमवर्क थी। आरोन जॉर्ज और विहान मल्होत्रा ने बल्लेबाजी को संभाला, जबकि दीपेश देवेंद्रन और कनिष्क चौहान ने तीन-तीन विकेट लेकर पाकिस्तान को रोक दिया। यह दिखाया कि टीम एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है।
वैभव सूर्यवंशी की गेंदबाजी कैसे इस मैच को बदल सकी?
वैभव ने पहले ही ओवर में पाकिस्तान के कप्तान फरहान युसूफ को आउट करके टीम के लिए एक बड़ा झटका दिया। फरहान के साथ 23 रन की साझेदारी टूटने से पाकिस्तान की शुरुआत बर्बाद हो गई। इस विकेट ने टीम का मनोबल बढ़ाया और दबाव बनाया।
भारतीय टीम के लिए अगला चुनौतीपूर्ण मैच कौन सा है?
भारतीय टीम का अगला मैच 16 दिसंबर 2025 को मलेशिया अंडर-19 टीम के खिलाफ है। यह अंतिम ग्रुप मैच है, और जीत से भारत सीधे सेमीफाइनल में पहुंच जाएगा। मलेशिया ने पिछले मैच में शानदार प्रदर्शन किया है, इसलिए यह एक कठिन परीक्षा होगी।
इस जीत के बाद भारतीय टीम की सेमीफाइनल की संभावना क्या है?
इस जीत के बाद भारतीय टीम टूर्नामेंट टेबल में शीर्ष पर है। अगर वे मलेशिया को हरा देते हैं, तो वे सीधे सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगे। अगर हार जाते हैं, तो भी उनकी नेट रन रेट और विकेट अंतर के आधार पर शीर्ष दो में जगह बनाने की संभावना बहुत अधिक है।
क्या वैभव सूर्यवंशी की भविष्य के लिए उम्मीदें खत्म हो गई हैं?
नहीं। एक मैच की असफलता किसी युवा खिलाड़ी की क्षमता को नहीं दर्शाती। वैभव की टीम के लिए गेंदबाजी में योगदान ने दिखाया कि वह एक बहुमुखी खिलाड़ी है। अंडर-19 क्रिकेट में बल्लेबाजी का दबाव बहुत ज्यादा होता है, लेकिन उनकी आयु और पिछला प्रदर्शन उनकी क्षमता का संकेत देता है।