CBDT ने कर ऑडिट की तिथि बढ़ाई, कर्नाटक‑राजस्थान हाई कोर्ट की आज्ञा पर

CBDT ने कर ऑडिट की तिथि बढ़ाई, कर्नाटक‑राजस्थान हाई कोर्ट की आज्ञा पर

सितंबर 29, 2025 shivam sharma

जब CBDT ने वित्तीय वर्ष 2024‑25 (आकलन वर्ष 2025‑26) के लिए कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी, तो कई करदाताओं ने राहत की सांस ली। इस बदलाव का कारण कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात हाई कोर्टों के हालिया आदेश थे, जिनमें पेश की गई याचिकाएँ प्राकृतिक आपदाओं और कार्य‑संचालन में बाधाओं पर आधारित थीं। नई समय‑सीमा का असर लाखों व्यापारियों, स्वयं‑रोज़गारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर पड़ेगा, क्योंकि अब उन्हें एक महीना अतिरिक्त मिल गया है।

पृष्ठभूमि और कानूनी ढांचा

धारा 44AB के तहत कर ऑडिट की आवश्यकता उन सबके लिए है जो आय‑कर अधिनियम 1961 के अनुच्छेद 139(1) के क्लॉज़ (a) में उल्लेखित हैं। मूल रूप से, टैक्‍स ऑडिट रिपोर्ट का ‘निर्दिष्ट तिथि’ आय‑कर रिटर्न जमा करने की निर्धारित तिथि से एक माह पहले था, यानी 30 सितंबर 2025 को। लेकिन पिछले कुछ महीनों में उत्तरी और दक्षिणी भारत में बाढ़, भूस्खलन और कड़ाई से पाली गयी गर्मी ने व्यापारिक गतिविधियों को गंभीर रूप से बाधित कर दिया था।

इन चुनौतियों को देखते हुए कई पेशेवर संगठनों ने सरकार से छूट की माँग की। सबसे पहले कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA) ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने सेक्शन 44AB की तिथि में लचीलापन माँगा।

हाई कोर्टों के आदेश और पेश किए गए कारण

कर्नाटक हाई कोर्ट ने 24 सेप्टेम्बर 2025 को अपने आदेश में CBDT को निर्देश दिया कि वह कर ऑडिट की नियत तिथि को पुनः विचार करे। कोर्ट ने कहा कि "विनियमों का अनुपालन तभी सार्थक है जब वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाए।"

इसी तरह, राजस्थान हाई कोर्ट के जोधपुर डिवीजन बेंच ने 25 सेप्टेम्बर 2025 को जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशन की याचिका स्वीकार की। बेंच ने उल्लेख किया कि पिछले वर्षों में CBDT ने समान छूट दी थी, इसलिए इस बार भी यही उचित होगा।

गुजरात हाई कोर्ट ने 26 सेप्टेम्बर 2025 को अल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) की प्रस्तुतियों को माना और आय‑कर रिटर्न की अंतिम तिथि भी 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाने का निर्देश दिया।

CBDT का नया नियतकाल और उसके प्रभाव

इन आदेशों के बाद CBDT ने 25 सेप्टेम्बर 2025 को एक प्रेस रिलीज़ जारी की, जिसमें बताया गया कि कर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि आधिकारिक तौर पर 31 अक्टूबर 2025 कर दी गई है। यह विस्तार सीधे कर ऑडिट से जुड़ी रिपोर्टिंग को प्रभावित करेगा, जबकि आय‑कर रिटर्न की तिथि 30 नवंबर 2025 तक आगे बढ़ाई गई है।

सहयोगी पेशेवर संगठनों ने इस घोषणा को "काफी समय पर मिली राहत" बताया। अब छोटे‑मोटे व्यापारियों को बाढ़‑पीड़ित क्षेत्रों में बैंकों से ऋण पुनर्भुगतान या आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान को ठीक करने के लिए अतिरिक्त महीने का अवसर मिल गया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने कहा कि यह कदम कार्य‑भार को संतुलित करने में मदद करेगा और गलतियों की संभावनाओं को घटाएगा।

  • नया नियतकाल: 31 अक्टूबर 2025 (कर ऑडिट रिपोर्ट)
  • आय‑कर रिटर्न की अंतिम तिथि: 30 नवंबर 2025 (ऑडिट वाले करदाताओं के लिए)
  • प्रमुख दस्तावेज़: सेक्शन 44AB, आय‑कर अधिनियम 1961
  • सम्बन्धित हाई कोर्ट: कर्नाटक, राजस्थान (जोधपुर), गुजरात
  • पेश करने वाले समूह: KSCAA, जोधपुर टैक्स बार, AIFTP, CAAS

व्यवसायियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की प्रतिक्रिया

कर्नाटक के एक छोटे‑मोटे सिलाई कारखाने के मालिक, राजेश चौधरी ने कहा, "बाढ़ के साथ‑साथ हम सबको टैक्स फ़ाइलिंग की टेंशन थी, अब थोड़ा समय मिल गया है तो हम अपने काम पर ध्यान दे सकते हैं।" वहीं, दिल्ली में स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट, सीमा गुप्ता ने कहा, "हाई कोर्टों का यह संकल्प हमें पेशेवर दायित्वों से बाहर नहीं निकालता, बल्कि हमें सही ढंग से काम करने का मौका देता है।"

टॅक्स कंसल्टेंटों के एक समूह ने कहा कि इस विस्तार के चलते सॉफ़्टवेयर कंपनियों को भी अपग्रेड और डेटा क्लीन‑अप करने का अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे साल‑अंत में सिस्टम‑क्रैश की समस्या कम होगी।

आगे की संभावनाएँ और राष्ट्रीय प्रभाव

वर्तमान में कई हाई कोर्टें समान राहत की मांग कर रही हैं। यदि इस प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आगामी वित्तीय वर्ष में भी CBDT को नियत तिथियों में लचीलापन देना पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी न्याय­संगत‑प्रक्रिया टैक्स कॉम्प्लायंस की भावना को सकारात्मक दिशा में विकसित करेगी, जिससे लंबी अवधि में राजस्व संग्रह में स्थिरता बनी रहेगी।

एक महत्त्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि आय‑कर रिटर्न की तिथियों में परिवर्तन का असर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, जैसे टैक्स बॉलीवुड, पर भी पड़ेगा। इन प्लेटफ़ॉर्मों को नई तिथियों के अनुसार अपने कैलेंडर को अपडेट करना पड़ेगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को रिमाइंडर और अंतिम तिथि के नोटिफ़िकेशन मिलने में सुविधा होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कर ऑडिट की नई तिथि कब तक है?

कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि अब 31 अक्टूबर 2025 है, जबकि आय‑कर रिटर्न की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 रखी गई है।

कौन‑से समूह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की?

कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशन, अल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) ने क्रमशः कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात हाई कोर्टों में याचिकाएँ दायर कीं।

क्या यह विस्तार सभी करदाताओं पर लागू होगा?

यह विस्तारित समय‑सीमा सिर्फ उन करदाताओं पर लागू होती है जिनका लेखा‑ऑडिट सेक्शन 44AB के तहत आवश्यक है, अर्थात् आय‑कर अधिनियम 1961 के अनुच्छेद 139(1) के क्लॉज़ (a) में उल्लेखित प्रयोगशालाओं को।

भविष्य में ऐसे और विस्तार की उम्मीद है?

कई हाई कोर्टें अभी भी समान राहत की मांग कर रही हैं, इसलिए अगले वित्तीय वर्ष में भी CBDT द्वारा नियत तिथियों में समायोजन की संभावना बनी हुई है।

प्राकृतिक आपदाओं ने कर डेडलाइन को क्यों प्रभावित किया?

बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं ने कई क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित किया, जिससे रिकॉर्ड्स तैयार करना, ऑडिटर की उपलब्धता और दस्तावेज़ीकरण में गंभीर देरी हुई। यही कारण था जिससे पेशेवर संघों ने राहत की मांग की।

1 Comments

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    Maneesh Rajput Thakur

    सितंबर 29, 2025 AT 23:24

    CBDT की ये नई तिथि केवल अस्थायी राहत नहीं, बल्कि एक चतुर चाल है जिससे प्रशासनिक जाल बंधे रहेंगे। कोर्ट के आदेशों को इतना जल्दी अपनाना दर्शाता है कि सरकार को बजट के आंकड़ों को बनावटी तरीके से दिखाना है। बाढ़ और भूस्खलन के बहाने को अक्सर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की आलोचना को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यदि वास्तव में आर्थिक तंगी है, तो पिछली बार की तरह ही अतिरिक्त समय का विस्तार फिर से माँगा जाएगा। यह दर्शाता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाएँ कभी‑कभी राजनीतिक प्रभावों से मुक्त नहीं रहतीं।

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