राफेल नडाल का शानदार वापसी, नॉर्डिया ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे

राफेल नडाल का शानदार वापसी, नॉर्डिया ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे

जुलाई 20, 2024 shivam sharma

राफेल नडाल की वापसी

राफेल नडाल, जो अपनी यादगार खेल शैली के लिए जाने जाते हैं, ने नॉर्डिया ओपन के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया है। यह उनका पहला क्वार्टरफाइनल है जिसका इंतजार जनवरी से था। नडाल ने दूसरे राउंड में पांचवीं वरीयता प्राप्त कैमरून नॉरी को 6-4, 6-4 से हराकर अपनी काबिलियत का सबूत दिया।

चोट और संघर्ष

नडाल ने मैच के दौरान गिरने के बावजूद अपने जज्बे को नहीं टूटने दिया। दूसरे सेट की पहली गेम में क्ले कोर्ट पर स्लाइड करते समय वह गिर पड़े और उनके घुटनों में चोट लग गई। इसके बावजूद, उन्होंने चिकित्सा उपचार के बाद मैच में वापसी की और अपने मजबूत खेल से मैदान पर धमाकेदार खेल दिखाया।

दूसरे सेट की कहानी

दूसरे सेट में नडाल ने 4-1 की स्थिति में आकर अपने खेल का स्तर बढ़ाया और लगातार पांच गेम जीतकर मैच अपने नाम कर लिया। यह न सिर्फ उनके शारीरिक बलिदान का साक्षी है, बल्कि उनके मानसिक ताकत का भी प्रमाण है।

2005 के बाद से पहली बार

2005 के बाद से पहली बार

इस टूर्नामेंट में नडाल 19 साल की उम्र में खिताब जीतने के बाद पहली बार खेल रहे हैं। यह उनके लिए बेहद खास मौका है क्योंकि स्वीडन के इस टूर्नामेंट में उनकी वापसी हुई है। 2005 में उन्होंने यहां खिताब जीता था और इस बार भी उनकी नजरें शीर्ष पुरस्कार पर हैं।

ओलंपिक की तैयारी

नडाल अब पेरिस में रोलैंड गैरोस पर ओलंपिक टूर्नामेंट के लिए तैयार हो रहे हैं। स्वीडन में उन्होंने अपने आदान-प्रदान और खेल कौशल को सुधारने का प्रयास किया है जिससे वह ओलंपिक में शीर्ष स्थिति पाने की कोशिश करेंगे। नडाल के प्रशंसकों के लिए यह शानदार खबर है क्योंकि उनके पसंदीदा खिलाड़ी ने एक बार फिर अपनी चमक दिखाई है।

राफेल नडाल के इस प्रदर्शन से न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि उनके समर्थकों का उत्साह भी बढ़ा है। अब देखना होगा कि वह क्वार्टरफाइनल में कैसे खेलते हैं और क्या वह इस दौरे में अपनी छाप छोड़ने में सफल होते हैं।

19 Comments

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    Chirag Desai

    जुलाई 20, 2024 AT 12:42
    नडाल तो हमेशा से ऐसा ही है। घुटने टेक रहे हों या बारिश हो रही हो, वो जीतता ही है।
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    Uday Teki

    जुलाई 20, 2024 AT 17:05
    बस देखो इस आदमी को... ❤️🔥 दिल बहुत भावुक हो गया।
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    rohit majji

    जुलाई 21, 2024 AT 10:56
    yessssssss nadal forever bro!!! 🙌💪
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    Rohan singh

    जुलाई 22, 2024 AT 12:56
    ये वापसी देखकर लग रहा है जैसे कोई बुजुर्ग गुरु फिर से अपनी शक्ति दिखा रहा हो। बहुत अच्छा लगा।
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    Abhi Patil

    जुलाई 22, 2024 AT 20:45
    इस खेल में शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि अध्यात्मिक समर्पण ही असली जीत है। नडाल ने अपने घुटनों के दर्द को एक दर्शन के रूप में बदल दिया। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां शरीर नहीं, आत्मा जीतती है। आज का मैच एक तंत्र था, एक यज्ञ, जिसमें राफेल ने अपने आप को अर्पण कर दिया।
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    Shubham Yerpude

    जुलाई 23, 2024 AT 16:33
    क्या ये सब कुछ सिर्फ एक प्रचार अभियान है? क्या ये चोट असली है या फिर दर्शकों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया ड्रामा? मैंने देखा है कि इस तरह के खिलाड़ी हमेशा नए बहाने बनाते हैं।
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    Ira Burjak

    जुलाई 23, 2024 AT 21:14
    अरे भाई, ये तो बहुत अच्छा लगा... लेकिन अगर आप इतना घुटनों पर जाते हैं तो आगे क्या होगा? ये खेल तो आपके शरीर को खा रहा है।
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    Tarun Gurung

    जुलाई 25, 2024 AT 13:32
    असली जीत वो है जब तुम दर्द के बीच भी गेम जीत जाओ। नडाल ने आज न सिर्फ टेनिस जीता, बल्कि डर को भी शिकस्त दी। ये खिलाड़ी नहीं, एक अलग ही जीवन शैली है।
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    Vipin Nair

    जुलाई 26, 2024 AT 12:28
    क्ले कोर्ट पर गिरना नया नहीं लेकिन वापसी वाली कहानी हमेशा दिल छू जाती है। नडाल के खेल में एक अलग ही आत्मा है।
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    Devi Rahmawati

    जुलाई 28, 2024 AT 06:22
    क्या आपने ध्यान दिया कि उनके बाएं घुटने पर बैंडेज का रंग बदल गया था? यह एक वैज्ञानिक रूप से नियोजित रिकवरी स्ट्रैटेजी है जिसे उनकी टीम ने डिज़ाइन किया है।
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    Hardeep Kaur

    जुलाई 29, 2024 AT 20:58
    मैं बस यही कहना चाहता हूं कि उनकी मेहनत का ये फल है। बहुत बधाई। आप जो भी कर रहे हैं, वो भी ऐसा ही करें।
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    Prerna Darda

    जुलाई 31, 2024 AT 05:36
    इस वापसी में एक निर्माणात्मक निर्णय का सिद्धांत छिपा है - अस्थिरता को अंतर्निहित शक्ति में बदलना। नडाल ने शरीर के विघटन को एक अधिकार के रूप में अपनाया है, जिससे उसकी आत्मा अपने विरोधी के ऊपर विजय प्राप्त करती है। यह एक फिलोसोफिकल रिवोल्यूशन है।
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    Abhijit Padhye

    अगस्त 1, 2024 AT 15:23
    सुनो, अगर आप नडाल को देखते हैं तो आपको लगता है कि वो एक जीवित इतिहास हैं। लेकिन ये सब तो सिर्फ एक फैंटम लेजेंड है। असली खिलाड़ी तो अभी भी अनाम हैं।
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    UMESH ANAND

    अगस्त 3, 2024 AT 01:00
    इस देश में खिलाड़ियों के लिए कोई सम्मान नहीं है। जब तक हम अपने युवाओं को खेल के बजाय नौकरी की ओर धकेलते रहेंगे, तब तक ये वापसियां बस दर्शकों के लिए एक भावनात्मक चिकित्सा होंगी।
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    Karan Chadda

    अगस्त 3, 2024 AT 18:56
    अच्छा हुआ कि नडाल ने जीत लिया... वरना भारतीय टीम का नाम खराब हो जाता 😒
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    Shivani Sinha

    अगस्त 5, 2024 AT 07:33
    nadal jaise hero ki jarurat hai abhi india me.. aur haan.. ye gire hue bhi jeet jaate hain.. sabse badi baat yehi hai.. ❤️
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    Haizam Shah

    अगस्त 5, 2024 AT 17:31
    क्या आप लोग इसे देखकर भी नहीं समझ पा रहे? ये नडाल की असली शक्ति है - वो जीतता है क्योंकि उसे जीतने का अधिकार है, न कि कोई चांस।
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    Shardul Tiurwadkar

    अगस्त 6, 2024 AT 06:14
    हां भाई, ये तो बहुत अच्छा लगा... लेकिन अगर आप इतना घुटने टेक रहे हैं तो ओलंपिक में क्या होगा? ये तो आपका बॉडी ब्रेक हो रहा है।
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    Tarun Gurung

    अगस्त 7, 2024 AT 23:10
    ओलंपिक के लिए तैयारी में शरीर का दर्द एक निवेदन है, न कि एक बाधा। नडाल ने अपने घुटनों को अपनी शक्ति का हिस्सा बना लिया है। वो जीत रहा है क्योंकि वो नहीं डरता - वो दर्द को भी अपना दोस्त बना लेता है।

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