भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स में एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में उन्होंने यूक्रेन की ओक्साना लीवाच को 7-5 के अंतर से हराया। यह पहली बार है जब विनेश ओलंपिक्स के सेमीफाइनल में पहुँची हैं। उनके इस प्रदर्शन के बाद देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई है।
क्वार्टरफाइनल मैच में विनेश फोगाट ने काफी संघर्ष करते हुए ओक्साना लीवाच को मात दी। यह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, जिसमें विनेश ने अपने अद्वितीय कौशल और धैर्य का परिचय दिया। उन्होंने खेल की उच्चतम स्तर की रणनीति का प्रदर्शन करते हुए यह जीत हासिल की। इसके पहले वे पेरिस ओलंपिक्स में जापान की युई सुसाकी को हराकर चर्चा में आई थीं।
विनेश ने जापान की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन और चार बार की विश्व चैंपियन युई सुसाकी को 3-2 के कड़े मुकाबले में हराया। सुसाकी इससे पहले अपने 94 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में कभी नहीं हारी थीं। इस जीत ने विनेश को सेमीफाइनल में पहुँचने का महत्वपूर्ण मौका दिया।
यह विनेश का तीसरा ओलंपिक है। इससे पहले वे रियो 2016 और टोक्यो 2020 में क्वार्टरफाइनल में ही हार का सामना कर चुकी हैं। अब पेरिस में उन्होंने अपनी पिछली गलतियों को सुधारते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। विनेश का यह सफर काफी कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें यहां तक पहुँचाया है।
विनेश फोगाट का सेमीफाइनल मुकाबला भारतीय समयानुसार रात 10:15 बजे होगा। इस मुकाबले में वे एक और मजबूत प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेंगी। उनकी हार-जीत पूरे देश की निगाहों में होगी और सभी उनके अच्छे प्रदर्शन की कामना कर रहे हैं।
विनेश फोगाट का सफर संघर्षों से सजा हुआ है। इसी साल उन्होंने एशियन ओलंपिक क्वालिफायर में फाइनल तक पहुँचकर पेरिस ओलंपिक्स का कोटा हासिल किया था। इसके अलावा, वे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ भी आवाज उठाती रही हैं। महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे, जिसके खिलाफ विनेश ने आवाज बुलंद की थी।
देशभर में विनेश की इस उपलब्धि की प्रशंसा की जा रही है। खेल प्रेमियों के साथ-साथ आम जनता भी उनकी जीत का जश्न मना रही है। पेरिस में भारतीय ध्वज के साथ मैदान पर उतरती विनेश ने एक बार फिर यह साबित किया कि मेहनत और हौसले के साथ कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
आशा है कि विनेश फोगाट सेमीफाइनल मुकाबले में भी अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखेंगी और भारत के लिए एक और मेडल जीत कर लाएंगी। उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक है और आने वाले छात्र और खेल प्रेमियों के लिए एक आदर्श होगी। पेरिस ओलंपिक्स में विनेश की यह अद्वितीय यात्रा भारतीय कुश्ती के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।