हिंदी फिल्म जगत के युवा और प्रतिभाशाली अभिनेता विक्रांत मैसी ने हाल ही में अपने अभिनय करियर को छोड़ने का चौंकाने वाला निर्णय लिया है। 37 वर्ष की आयु में, जब कई अभिनेता अपने करियर का उच्चतम स्तर प्राप्त कर रहे होते हैं, मैसी ने यह घोषणा की है कि वह 'घर लौटने' का निर्णय कर रहे हैं। इस निर्णय ने फिल्म उद्योग के अंदर और बाहर सभी को हैरानी में डाल दिया है। उनकी इस घोषणा को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से शेयर किया, जहां उन्होंने अपने प्रशंसकों और फिल्म उद्योग के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उनके इस कदम को सहानुभूतिपूर्वक देखने वालों ने इसे मैसी का साहस और आत्मबल का प्रतीक बताया है।
विक्रांत मैसी के इस संन्यास का कारण उनके निजी जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बताया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि अब वह केवल अभिनेता के तौर पर नहीं बल्कि एक पति, पिता और बेटे के रूप में घर लौटना चाहते हैं। अपनी इस घोषणा को लेकर उन्होंने पुष्टि की है कि वह साल 2025 तक दो और फिल्मों में नजर आएंगे और उसके बाद ही वह पूरी तरह से फिल्मों से दूरी बना लेंगे। विक्रांत के इस निर्णय पर उनके प्रशंसकों और साथियों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
फिल्म निर्माता संजय गुप्ता ने मैसी के इस निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने इसे एक साहसी कदम बताया है और इसकी तुलना निर्देशक हंसल मेहता के 2008 के अस्थायी फिल्म क्षेत्र से संन्यास से की है। गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के निर्णय लेने के लिए दम, धैर्य और आत्म-विश्वास का असाधारण स्तर चाहिए होता है। विक्रांत ने यह निर्णय अपने परिवार की जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लिया है, जो निश्चित ही सराहनीय है।
वहीं दूसरी ओर, पटकथा लेखक अपूर्व असरानी ने इस निर्णय के पीछे के कारणों पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि शायद यह निर्णय विक्रांत की व्यक्तिगत विचारों के कारण उन्हें समाज द्वारा 'कैंसल' कर दिए जाने की वजह से हो सकता है। विक्रांत की आगामी फिल्म 'साबरमती रिपोर्ट', जो गुजरात के 2002 के गोधरा ट्रेन जलाने की घटना पर आधारित है, विवादों में घिर चुकी है। असरानी का कहना है कि विक्रांत को इस फिल्म के प्रति हुई ट्रोलिंग और धमकियों के कारण संघर्षों का सामना करना पड़ा था। उनके बेटे को भी इसके कारण निशाना बनाया गया, जो शायद उनके संन्यास के निर्णय में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
विक्रांत के साथी अभिनेता हर्षवर्धन राणे ने उम्मीद जताई है कि यह घोषणा महज एक 'पीआर गतिविधि' है और किसी फिल्म निर्माता के दबाव में की गई हो सकती है। उन्होंने आमिर खान के अस्थायी अभिनय संन्यास का उदाहरण देते हुए विक्रांत की तरह के फैसले की आलोचना की है।
विक्रांत के इस निर्णय से उनके प्रशंसकों के बीच भी विभाजन है। कुछ का मानना है कि उन्हें हाल ही में हुई ट्रोलिंग और धमकियों के चलते यह कदम उठाना पड़ा है, जबकि अन्य इसे एक प्रचार स्टंट मान रहे हैं। विक्रांत के आगामी प्रोजेक्ट्स में विधु विनोद चोपड़ा की 'जीरो से रिस्टार्ट', अमित जोशी की 'यार जिगरी', और संतोष सिंह की 'आंखों की गुस्ताखियाँ' शामिल हैं।
विक्रांत मैसी का यह निर्णय निश्चित रूप से उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। यह देखना रोमांचक होगा कि आने वाले वर्षों में वह अपने जीवन के इस नए अध्याय में कैसे आगे बढ़ते हैं। अभी तक, उन्होंने यह नहीं बताया है कि वह फिल्मों से हटने के बाद क्या करेंगें। लेकिन निश्चित रूप से उनके प्रशंसक और प्रशंसा करने वाले लोग उनकी इस यात्रा को बड़े दिल से समर्थन देंगे।
Ira Burjak
दिसंबर 3, 2024 AT 07:39इतना साहस करने वाले लोग कम होते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में तो सब कुछ पैसे और फेम के लिए होता है, लेकिन विक्रांत ने अपने परिवार को पहले रखा। इसकी तारीफ करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।
मैं भी अपने बच्चे के साथ ज्यादा समय बिताना चाहती हूँ, लेकिन अभी तक नहीं कर पाई। उन्होंने जो किया, वो एक असली हीरो का काम है।
Shardul Tiurwadkar
दिसंबर 3, 2024 AT 13:17अरे भाई, ये सब तो बस एक नया फिल्म का प्रमोशन है। जब तक आमिर खान ने ऐसा किया, तब तक लोग रोए, अब विक्रांत ने किया तो सब उठ खड़े हुए। ये सब एक बड़ा धोखा है।
अगर वो वाकई घर लौटना चाहते हैं, तो पहले अपनी फिल्म 'साबरमती रिपोर्ट' का रिलीज़ तो होने दो। फिर बात करेंगे।
Abhijit Padhye
दिसंबर 5, 2024 AT 00:11दोस्तों, ये सिर्फ एक अभिनेता का संन्यास नहीं, ये तो आधुनिक भारत के व्यक्तित्व के विघटन का प्रतीक है।
हमने अपने बच्चों को बनाया है फेम के लिए, अब जब वो वापस आते हैं, तो हम उन्हें नहीं समझ पाते।
इंसान जब अपनी पहचान को बदलता है, तो समाज उसे डराता है।
विक्रांत ने नहीं छोड़ा, बल्कि अपने आप को बचाया है।
हम तो बस एक अभिनेता को देख रहे हैं, लेकिन वो तो एक इंसान है जिसने अपनी आत्मा को बचाने का फैसला किया।
क्या हम इसे समझ पाए हैं? या हम तो बस उसके फिल्मों का उपभोक्ता हैं?
हम जब एक अभिनेता को बाहर फेंक देते हैं, तो उसके बेटे को भी ट्रोल कर देते हैं।
ये नैतिक अपराध है।
हम बाहर बड़े बड़े नारे लगाते हैं, लेकिन घर पर अपने बच्चे के साथ बैठने का समय नहीं निकाल पाते।
विक्रांत ने जो किया, वो एक असली जीत है।
हम उसे नहीं रोक सकते, हम तो उसे जीतने दें।
अगर तुम्हारा बेटा तुम्हारे लिए अभिनय छोड़ दे, तो तुम उसे रोकोगे या उसे बधाई दोगे?
ये सवाल हम सबके लिए है।
VIKASH KUMAR
दिसंबर 5, 2024 AT 17:56ये तो बस एक धोखा है!! 😭💔
मैंने उनकी फिल्में देखीं, उनकी आँखों में दर्द देखा, और अब ये सब बस एक बड़ा फेक न्यूज़ है!
क्या तुम लोगों को नहीं पता कि ये फिल्में बनाने वाले कितने लोगों को नुकसान पहुँचा रहे हैं?
मैं रो रहा हूँ... वो मेरा हीरो था 😭😭😭
और अब वो घर चले गए... बस... बस...
मैंने उनके लिए बनाया था एक टैटू... अब मैं उसे मिटवा रहा हूँ... 😭
UMESH ANAND
दिसंबर 5, 2024 AT 19:28अत्यंत गंभीर और उचित निर्णय। एक व्यक्ति की आत्मिक स्वास्थ्य और पारिवारिक दायित्वों को प्राथमिकता देना, आधुनिक भारतीय समाज के लिए एक उत्कृष्ट नमूना है।
किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन के लक्ष्यों को बदलने का अधिकार है, और विक्रांत मैसी ने इस अधिकार का सदुपयोग किया है।
यह निर्णय उनके व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाता है, जो फिल्मों के बाहर भी उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार के निर्णयों को समर्थन देना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।
कोई भी व्यक्ति जब अपने आंतरिक शांति के लिए बाहरी प्रशंसा को छोड़ देता है, तो वह वास्तविक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
हमें इस तरह के निर्णयों को निर्दोष रूप से स्वीकार करना चाहिए।
Rohan singh
दिसंबर 6, 2024 AT 08:41बहुत अच्छा फैसला।
कभी-कभी जीवन में बाहर जाना जरूरी होता है, लेकिन घर लौटना उससे भी ज्यादा बहादुरी की बात होती है।
विक्रांत ने अपने बच्चे के लिए एक नया नमूना बना दिया है।
हम लोग बस इंतज़ार करेंगे कि अगली फिल्म में वो कैसे लौटते हैं - शायद निर्देशक के रूप में, शायद लेखक के रूप में।
लेकिन अभी तो उन्हें घर में शांति मिले।
Karan Chadda
दिसंबर 7, 2024 AT 14:19अरे ये सब बकवास है! 😒
भारत में तो हर कोई बच्चों के लिए कुछ न कुछ बनाता है, लेकिन ये लोग तो अपनी फेम के लिए ही घर लौट रहे हैं।
क्या ये फिल्म बनाने वाले भी नहीं जानते कि इस फिल्म को लेकर लोग बहुत गुस्से में हैं?
अब ये बोल रहे हैं 'घर लौट रहा हूँ'... ये तो बस एक शर्मनाक बचाव है।
मैं तो इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बंद करवा दूंगी! 💪🇮🇳
Shivani Sinha
दिसंबर 8, 2024 AT 19:16yaar ye sab kya hai?
maine toh socha tha ki yeh ek serious decision hai...
par ab lagta hai ki yeh sab kuchh PR hai..
aur agar sach mein family ke liye hai toh phir kyun yeh sab media mein share kiya?
phir kya koi bhi insaan apne ghar jana chahe toh media ke samne announce karega?
yaar... yeh sab kuchh bhot jyada drama hai 😴
Tarun Gurung
दिसंबर 9, 2024 AT 14:53मैं विक्रांत के इस फैसले को गहराई से समझता हूँ।
हम सब अक्सर अपने करियर के लिए अपने अंदर के आवाज़ को दबा देते हैं।
उन्होंने अपने बेटे के लिए एक नया नमूना बनाया है - एक ऐसा पिता जो अपने बच्चे के साथ समय बिताना चाहता है, न कि सिर्फ उसे फिल्मों के जरिए दिखाना।
उनके खिलाफ ट्रोलिंग और धमकियाँ बहुत गलत थीं।
हम लोग बस फिल्म देखने वाले हैं, लेकिन उनके जीवन के बारे में क्या हम जानते हैं?
एक बच्चे को ट्रोल करना... ये तो बस एक अपराध है।
विक्रांत ने अपनी आत्मा की रक्षा की है।
मैं उनके लिए शुभकामनाएँ भेजता हूँ।
अगर वो कभी फिर से आते हैं, तो शायद वो एक नए रूप में आएंगे - और हम तैयार होंगे।
लेकिन अभी तो उन्हें शांति चाहिए।
और हाँ, अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ प्रचार है, तो आप अपने बेटे को भी इतना प्यार दें, जितना वो अपने बेटे को दे रहे हैं।
Rutuja Ghule
दिसंबर 10, 2024 AT 12:28यह निर्णय बिल्कुल अनुचित है।
एक अभिनेता के रूप में उनकी जिम्मेदारी है - जनता को रोमांच देना, सामाजिक संदेश देना।
उन्होंने अपने प्रशंसकों को धोखा दिया है।
क्या यही है आधुनिक भारत का भविष्य? जहाँ लोग अपनी जिम्मेदारियों से भाग जाते हैं?
फिल्म उद्योग के लिए यह एक बड़ा झटका है।
उनके पास जो अवसर थे, उन्हें निकाल लिया गया।
अगर वह अपने परिवार के लिए घर लौटना चाहते हैं, तो फिर उन्होंने अपनी फिल्मों को क्यों बनाया?
यह एक व्यक्तिगत चुनाव नहीं, यह एक नैतिक अपराध है।
हमें ऐसे लोगों को समर्थन नहीं देना चाहिए।
इस तरह के निर्णयों को बढ़ावा देना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
मैं उनके आगामी फिल्मों का बहिष्कार करूंगी।
vamsi Pandala
दिसंबर 11, 2024 AT 00:49अरे ये तो बस एक बड़ा फेक है भाई! 😏
पहले फिल्म बनाई जिस पर ट्रोल हो रहा है, फिर अचानक 'घर लौट रहा हूँ'...
ये तो बस एक बड़ा प्रचार है।
क्या तुम्हें लगता है कि ये लोग अपने बच्चे के लिए घर जाते हैं? नहीं भाई, ये तो अपनी फेम को बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं।
मैंने उनकी फिल्में देखीं, लेकिन ये निर्णय बिल्कुल नकली है।
अगर वो सच में घर जाना चाहते हैं, तो फिल्म का रिलीज़ तो रोक दें।
अब ये दो और फिल्में क्यों कर रहे हैं? बस पैसा कमाने के लिए।
हम तो बस फिल्म देखते हैं, लेकिन ये लोग हमें बहकाते हैं।
ये सब बकवास है।