जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अचानक एक नई हलचल उठी जब नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। उमर अब्दुल्ला ने इस दौरान एनसी के साथ कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), आम आदमी पार्टी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र प्रस्तुत किए।
इस दावे के साथ, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया समय लेगी क्योंकि इसमें राष्ट्रपति शासन को हटाने की प्रक्रिया शामिल है। एलजी इस दस्तावेज को राष्ट्रपति भवन और फिर गृह मंत्रालय को भेजेंगे।
जम्मू और कश्मीर कांग्रेस ने यह निर्णय नई दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ा। पार्टी ने सरकार गठन के लिए बिना किसी शर्त के एनसी को समर्थन दिया। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने कहा कि उन्होंने कोई माँग नहीं की और लोगों के लिए "इंडिया" गठबंधन की भावना को बनाए रखना चाहते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू की चिंताओं को लेकर आश्वस्त किया कि नई सरकार में उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर के लोगों का विश्वास जीतना होगा और गलतफहमियों का सामना करना होगा। उन्होंने राज्य की बहाली की मांग को भी दोहराया और केंद्रीय सरकार से सहयोग की अपील की।
फारूक अब्दुल्ला, एनसी के अध्यक्ष, शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण भेजने का निर्णय करेंगे। उमर अब्दुल्ला उन लोगों को निमंत्रण भेजेंगे जिन्हें वे बुलाना चाहते हैं। एनसी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर का पुनर्निर्माण होगा। उमर अब्दुल्ला ने इसे राज्य का दूसरा मुख्यमंत्री बनने का सपना बताया है। उनके नेतृत्व में सरकार कश्मीर के साथ-साथ जम्मू के विकास पर समान रूप से ध्यान देगी।
जम्मू-कश्मीर की राजनीति के इस नए दौर में उमर अब्दुल्ला का उदय फिर से एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। वे कश्मीर के लोगों के साथ-साथ जम्मू के लोगों के लिए नई योजनाएं और नीतियाँ लेकर आ रहे हैं, जिससे राज्य में सकारात्मक परिवर्तन संभव हो सके। जनता को इस नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं, और यह देखना बाकी है कि यह गठबंधन सरकार अपनी योजनाओं और वादों को कैसे पूरा करेगी।