कैरोलीना मारिन की चोट से पेरिस ओलंपिक से वापसी के बाद आँसूओं में टूटीं खिलाड़ी

कैरोलीना मारिन की चोट से पेरिस ओलंपिक से वापसी के बाद आँसूओं में टूटीं खिलाड़ी

अगस्त 4, 2024 shivam sharma

कैरोलीना मारिन को घुटने की चोट, पेरिस ओलंपिक से बाहर

स्पेन की कैरोलीना मारिन, जो 2016 रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं, पेरिस 2024 ओलंपिक के महिला सिंगल्स बैडमिंटन सेमीफाइनल में चीनी खिलाड़ी हे बिंगजिआओ के खिलाफ चोट के कारण बीच मैच में रिटायर हो गईं। जब उन्होंने घुटने की चोट पाई, तब वे दूसरे गेम में 21-14, 10-6 की बढ़त बनाए हुए थीं।

चोट के बावजूद खेल जारी रखने का किया प्रयास

चोट लगने के बाद, हालांकि उन्होंने अपने घुटने पर ब्रेस पहना और मैच जारी रखने की कोशिश की, लेकिन दर्द के कारण वे आगे नहीं खेल सकीं और मैच छोड़ना पड़ा। यह उनकी तीसरी एसीएल (एंटेरिअर क्रूसिएट लिगामेंट) की चोट थी; पहले भी दोनों घुटनों में उन्हें इस तरह की चोटें लग चुकी थीं। उन्होंने इस ओलंपिक मुकाबले में मजबूत दावेदारी दिखाई थी, यूरोपीय खिताब जीतने के साथ ही फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंचकर उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन को साबित किया था।

स्वर्ण पदक की उम्मीदें हुईं समाप्त

इस चोट के कारण उनकी पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें समाप्त हो गईं। हे बिंगजिआओ अब फाइनल में दक्षिण कोरिया की आन से-योंग से भिड़ेंगी। इंडोनेशिया की ग्रेगोरिया मारिस्का तुंजुंग, जिन्हें आन ने अन्य सेमीफाइनल में हराया था, ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त करेंगे।

बैडमिंटन समुदाय ने व्यक्त की सहानुभूति

बैडमिंटन समुदाय ने मारिन के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की है। भारत की पीवी सिंधु ने भी उनके लिए समर्थन संदेश भेजा है। मारिन के कोच, फर्नांडो रिवास ने इस परिणाम पर निराशा जताई और स्वीकार किया कि मारिन को ओलंपिक खेलों में चोट के जोखिमों के बारे में ज्ञान था।

मारिन की कठिन चुनौतियों के बावजूद लड़ाई जारी

ला चापेल एरिना में दर्शकों ने खड़े होकर उन्हें मंच से विदाई दी, यह मार्मिक दृश्य उनके संघर्ष को सम्मानित करता है। मारिन के करियर में यह सिर्फ एक और चुनौती है, उन्होंने इससे पहले भी घुटने की चोटों से एक साल से अधिक समय तक कठिन रिकवरी की थी और 2020 में अपने पिता को खोने का दर्द भी सहा था।

वे दमखम के साथ वापसी की उम्मीद

मारिन ने इस बाधा को पार करने और अपने करियर को जारी रखने की दृढ़ता दिखाते हुए निश्चय किया है। यह हादसा उनके लिए एक और कठिनाई है, लेकिन उन्होंने अपने व्यक्तित्व में हमेशा से एक मजबूत और जुझारू किरदार को दर्शाया है।

11 Comments

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    ADI Homes

    अगस्त 6, 2024 AT 16:00
    ये लड़की तो दिल की बात है... चोट लगी तो भी खेलने की कोशिश की, ऐसी हिम्मत कम ही देखी है।
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    sarika bhardwaj

    अगस्त 8, 2024 AT 12:17
    अरे भाई ये तो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं... ये तो एक असली योद्धा है! 💪❤️ घुटने टेक रहे थे पर दिल तो पूरा जीत रहा था!
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    Tejas Shreshth

    अगस्त 8, 2024 AT 14:29
    अगर तुम्हारा शरीर टूट रहा है तो तुम्हारी आत्मा उड़ रही है... कैरोलीना ने ये सब कुछ दिखा दिया। ये ओलंपिक का खेल नहीं, ये तो जीवन का दर्शन है।
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    Dr Vijay Raghavan

    अगस्त 9, 2024 AT 22:13
    हे बिंगजिआओ ने जीत ली... पर असली जीत तो उस लड़की ने की जिसने दर्द के बीच भी खड़े होने की हिम्मत दिखाई। भारत के लिए ये भी जीत है।
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    Partha Roy

    अगस्त 10, 2024 AT 01:45
    मारिन को चोट लगी तो भी खेली... पर भारत के खिलाड़ी तो बस टीम में बैठे रहते हैं और बोलते हैं कि फिजियो ने कहा है। असली लड़ाई यहीं से शुरू होती है।
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    Kamlesh Dhakad

    अगस्त 11, 2024 AT 11:20
    अच्छा लगा देखकर... ये लड़की बहुत बड़ी है। दुनिया को दिखा दिया कि जीत बस पदक नहीं, दिल की लड़ाई भी होती है।
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    NEEL Saraf

    अगस्त 11, 2024 AT 19:58
    मैंने देखा जब उन्होंने अपना ब्रेस पहना... और फिर वो खड़ी हुईं... आंखें भर आईं... ये कोई खेल नहीं... ये तो एक जीवन शैली है।
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    Hitendra Singh Kushwah

    अगस्त 12, 2024 AT 19:44
    ये चोटें तो बहुत होती हैं... लेकिन इतनी जुझारू भावना किसी और में नहीं देखी। ये एथलीट नहीं, ये एक साधना है।
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    Shubham Yerpude

    अगस्त 13, 2024 AT 13:42
    ये सब बहुत अच्छा है... पर क्या आप जानते हैं कि ये चोटें जानबूझकर की जाती हैं? दर्शकों को भावनाएं दिखाने के लिए? क्या ये सब एक बड़ा नाटक है?
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    Hemant Kumar

    अगस्त 13, 2024 AT 13:58
    कैरोलीना के लिए ये अंत नहीं... ये तो एक नया शुरुआत है। जब तक दिल धड़कता है, खेल जारी रहता है।
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    Ashwin Agrawal

    अगस्त 13, 2024 AT 15:37
    बस एक बात... अगर हर खिलाड़ी इतना साहस दिखाता तो भारत के लिए ओलंपिक भी अलग होता।

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