Sensex में 721 अंकों की गिरावट, Nifty 24,850 से नीचे – बड़े पैमाने पर शेयर बिक्री

Sensex में 721 अंकों की गिरावट, Nifty 24,850 से नीचे – बड़े पैमाने पर शेयर बिक्री

सितंबर 26, 2025 shivam sharma

शाम के सत्र में भारत के दो प्रमुख इंडेक्स, Sensex और Nifty, दोनों ने भारी गिरावट दर्ज की। BSE Sensex ने 721.08 अंक (0.88%) खोया और 81,463.09 पर बंद हुआ, जबकि NSE Nifty50 ने 225.10 अंक (0.90%) घटकर 24,837 पर कदम रखा। इस नुकसान की पृष्ठभूमि में कुल 2,654 शेयरों की गिरावट और केवल 826 शेयरों की उन्नति थी, यानी बाजार का मूड काफी नकारात्मक रहा।

सेक्टर्स की विस्तृत स्थिति

बाजार में गिरावट का असर हर सेगमेंट में महसूस हुआ। सबसे अधिक दबाव बजाज जुड़वाँ – बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व – पर पड़ा, जो लगभग 5% तक गिरकर टॉप लॅग्गर्ड बन गए। इसके अलावा पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस और ट्रेंट जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर भी नीचे गए। सिवाय फ़ार्मा के, जहाँ Sun Pharma थोड़ा उछाला दिखा, सभी बड़े‑कैप स्टॉक्स में नकारात्मक प्रवृत्ति रही।

सेक्टर‑वाइज आंकड़े बताते हैं कि Nifty Media सबसे बुरी परफ़ॉर्मेंस के साथ 2.5% से अधिक गिरा। IT, मेटल, ऑटो, फ़ाइनेंशियल सर्विसेज और FMCG में भी क्रमशः 1.42%, 1.64%, 1.27%, 0.91% और 0.9% की गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, Nifty Pharma ने 0.54% की हल्की बढ़ोतरी कर बैंचमार्क को टाला।

तकनीकी संकेतक और भविष्य की दिशा

तकनीकी संकेतक और भविष्य की दिशा

India VIX ने 5.15% की छलांग लगाते हुए 11.28 पर समाप्ति की, जिससे निवेशकों की अनिश्चितता स्पष्ट हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि ऊपर के स्तरों – Nifty के लिए 25,250 और Sensex के लिए 82,800 – पर तकनीकी रेजिस्टेंस ने लाभ‑बुकिंग को प्रेरित किया। चार्ट में बियरिश कैंडल और लोअर टॉप पैटर्न ने नकारात्मक भावना को और मजबूत किया।

यदि Nifty 25,000 और Sensex 82,000 के समर्थन स्तर टूटते हैं, तो आगे के गिरावट में Nifty 24,900‑24,835 और Sensex 81,700‑81,500 तक नीचे जाने की संभावना है। दूसरी ओर, यदि बाजार 25,125 और 83,200 के ऊपर टिक पाता है, तो तकनीकी बाउंस के साथ 25,250‑82,800 के रेजिस्टेंस को चढ़ सकता है, और संभावित टॉप 25,325‑83,000 तक पहुँच सकता है।

  • बाजार में बेचने की मुख्य वजहें: उच्च वैल्यूएशन, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, और लाभ‑बुकिंग।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का सतर्क रवैया अभी भी बना हुआ है।
  • ब्रिटेन के साथ हाल ही में साइन किए गए वैपारिक समझौते ने सकारात्मक प्रभाव नहीं डाला।

समग्र रूप से, आज की ट्रेडिंग सत्र ने बतलाया कि जोखिम‑ऑफ़ माहौल बना हुआ है और ट्रेडर्स को सख्त तकनीकी संकेतों पर प्रतिक्रिया देनी होगी।

10 Comments

  • Image placeholder

    rohit majji

    सितंबर 27, 2025 AT 12:20

    bro market ne toh bas ek din ki si galti ki hai, chill kar, kuch din mein wapas aayega 😊

  • Image placeholder

    Prerna Darda

    सितंबर 29, 2025 AT 05:04

    इस गिरावट को सिर्फ टेक्निकल रिजेक्शन नहीं, बल्कि स्ट्रक्चरल ओवरवैल्यूएशन का परिणाम मानना चाहिए। FIIs का डाटा देखो - उनकी पोजीशनिंग अभी भी नेगेटिव है, और वैश्विक लिक्विडिटी कंडिशन्स ने एमर्जिंग मार्केट्स के लिए एक नए नॉर्म की शुरुआत कर दी है। फार्मा का रिलेटिव स्ट्रेंथ एक अलर्ट है: निवेशक अब सेफ हवन में भाग रहे हैं। अगर 24,800 टूटा, तो 24,500 तक डूब सकता है। ये नहीं बैंचमार्क का टेस्ट है, ये एक सिस्टमिक रीप्राइसिंग है।

  • Image placeholder

    Abhi Patil

    अक्तूबर 1, 2025 AT 01:16

    मुझे लगता है कि यह सब बहुत अधिक अतिरंजित है। एक दिन की गिरावट के आधार पर भविष्यवाणी करना बिल्कुल अंधविश्वास है। जब तक Nifty 25,500 के ऊपर नहीं जाता, तब तक कोई भी बात नहीं होगी। और फिर भी, आपको याद रखना चाहिए कि बाजार कभी भी एक समान दिशा में नहीं चलता - यह एक डायनामिक सिस्टम है, न कि एक लीनियर फंक्शन। अगर आप लंबे समय तक इन्वेस्ट करते हैं, तो ये सभी वोलैटिलिटी आपके लिए बस एक नॉइज है।

    मैंने 2008 में भी ऐसा ही देखा था - लोगों ने बेच दिया, और अब वो अपने शेयर्स के लिए रो रहे हैं। इस बार भी वही बात होगी। निवेश करते रहिए, और ट्रेडिंग छोड़ दीजिए।

    मैंने इन्फोसिस के शेयर 18,000 पर खरीदे थे, और आज 2,300 का नुकसान हुआ। लेकिन मैं नहीं बेच रहा। ये शेयर अभी भी बहुत अच्छा है। बस एक बार फिर से डाउनट्रेंड के बाद इसकी डिमांड बढ़ेगी।

    अगर आप इसे ट्रेडिंग के रूप में देख रहे हैं, तो आप खो रहे हैं। ये एक इन्वेस्टमेंट है। और इन्वेस्टमेंट का मतलब है - धैर्य।

    मैंने बजाज फाइनेंस के शेयर 2021 में खरीदे थे, और उसके बाद तो ये लगभग 200% गिर गए। लेकिन अभी वो फिर से ऊपर आ रहे हैं। ये बाजार का चक्र है।

    आपको ये समझना होगा कि एक बार जब आप लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको अस्थायी नुकसान नहीं देखना चाहिए। आपको तो बस बेसिक्स समझने हैं।

    ये सब बातें बस ट्रेडर्स के लिए हैं। निवेशकों को इन सब चीजों की जरूरत नहीं है।

    मैं आज भी अपने फंड्स को रिबैलेंस कर रहा हूँ। और जब तक आप इसे नहीं करते, तब तक आप बाजार को नहीं समझते।

    आपको ये भी याद रखना है कि बाजार कभी भी आपकी भावनाओं के लिए नहीं चलता। ये डेटा और डायनामिक्स के आधार पर चलता है।

    अगर आप इसे नहीं समझते, तो आप इस बाजार में नहीं रह सकते।

  • Image placeholder

    Ira Burjak

    अक्तूबर 2, 2025 AT 05:53

    क्या कोई बता सकता है कि फार्मा सेक्टर इतना स्ट्रॉंग क्यों है? क्या ये सिर्फ रिलीफ रिक्वेस्ट की वजह से है, या फिर कोई गहरा फंडामेंटल चेंज हुआ है? 😊

  • Image placeholder

    Devi Rahmawati

    अक्तूबर 3, 2025 AT 23:44

    मैं इस विश्लेषण के लिए आपका धन्यवाद करती हूँ। विशेष रूप से टेक्निकल स्तरों का उल्लेख बहुत उपयोगी है। अगर मैं एक छोटी सी सुझाव दूँ, तो शायद इसमें एक अतिरिक्त स्तर के रूप में डॉलर-इंडिया एक्सचेंज रेट का विश्लेषण भी शामिल किया जा सकता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो एमर्जिंग मार्केट्स के लिए एक अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह एक अतिरिक्त पैरामीटर है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

    इसके अलावा, फार्मा सेक्टर की बढ़ोतरी का कारण शायद वैश्विक दवा आपूर्ति श्रृंखला के पुनर्गठन के कारण है - जिसमें भारत की भूमिका बढ़ रही है। यह एक दीर्घकालिक ट्रेंड है, न कि एक अस्थायी भावना।

  • Image placeholder

    Vipin Nair

    अक्तूबर 5, 2025 AT 19:28

    24800 तो बस एक नंबर है बस इतना ही। बाजार तो अपने आप चलता है। लोग जो बोल रहे हैं कि ये टूट गया वो सब ट्रेडर हैं। निवेशक तो बस बैठे रहते हैं।

  • Image placeholder

    Uday Teki

    अक्तूबर 6, 2025 AT 15:43

    क्या ये सब तो बस ट्रेडिंग का खेल है? मैं तो अपने SIPs बंद नहीं कर रहा 😌

  • Image placeholder

    Haizam Shah

    अक्तूबर 7, 2025 AT 16:48

    हर कोई डर रहा है, लेकिन क्या कोई ये बता सकता है कि जब तक आप नहीं बेचते, तब तक नुकसान नहीं होता? आपके पास शेयर हैं, तो आप अभी भी अमीर हैं। बस आपकी नोटबुक में नंबर बदल गया है। इसे फाइनेंशियल एकाउंटिंग नहीं, बल्कि एक लाइफ लेसन के रूप में लें।

  • Image placeholder

    Shardul Tiurwadkar

    अक्तूबर 8, 2025 AT 09:10

    हां भाई, अभी तो बाजार ने बस थोड़ा सा नाक का निशान बनाया है। अगर आपको लगता है कि ये गिरावट बड़ी है, तो आपने 2020 का मार्केट देखा भी है या नहीं? वो तो एक तूफान था। अब तो बस बारिश है।

    और फार्मा के शेयर ऊपर जा रहे हैं? बिल्कुल सही। क्योंकि दुनिया भर में लोग अब अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ये एक ट्रेंड है, न कि एक अवसर।

    लेकिन अगर आप अभी भी बजाज फाइनेंस को बेच रहे हैं, तो आपको अपनी जिम्मेदारी याद आनी चाहिए। वो कंपनी तो बाजार की बात नहीं, बल्कि एक ब्रांड है।

    मैं तो अभी भी उनके शेयर खरीद रहा हूँ। क्योंकि जब तक आप नहीं बेचते, तब तक आप अभी भी जीत रहे हैं।

  • Image placeholder

    Abhijit Padhye

    अक्तूबर 8, 2025 AT 20:21

    सुनो, जिन लोगों ने ये बात की है कि बाजार टूट गया - वो लोग तो अभी भी 2015 के बाद के बाजार को नहीं समझ पाए। ये सब एक बड़ा फिल्टर है। जो लोग डर गए वो निकल गए। अब बचे हुए लोग असली निवेशक हैं।

    मैंने 2022 में भी ऐसा ही देखा था। तब भी लोग बोल रहे थे कि अब तो बस खत्म हो गया। लेकिन आज वो शेयर उससे दोगुने हैं।

    ये बाजार नहीं गिरा - ये सिर्फ अपने असली निवेशकों को छान रहा है।

    अगर आप यहाँ आए हैं तो आप जानते हैं कि ये एक अवसर है।

    अगर आप नहीं जानते, तो आप यहाँ क्यों हैं?

एक टिप्पणी लिखें