चित्तौड़गढ़ में 9 जून 2024 को महाराणा प्रताप की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य आकर्षण वाहन रैली रही। इस रैली का उद्घाटन जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने किया। रैली ने फतेह स्टेडियम से आरंभ होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान रैली ने राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया।
रैली का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा किया गया और इसे विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सहयोग दिया। रैली के दौरान महाराणा प्रताप के जीवन और वीरता को दर्शाती झांकियां प्रदर्शित की गईं। रैली में शामिल स्थानीय कलाकारों ने मार्ग के साथ-साथ पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया, जिससे माहौल और भी उत्साहजनक हो गया।
रैली में शामिल सहभागियों ने पारंपरिक पोशाकें पहनीं और महान योद्धा महाराणा प्रताप के चित्रों और बैनरों के साथ रैली में शामिल हुए। रैली का समापन महाराणा प्रताप चौक पर हुआ, जहां एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों और कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महाराणा प्रताप की वीरता और बलिदान को स्मरण करना और राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे। नन्हे-मुन्ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया। सभी ने महाराणा प्रताप के बलिदान और उनकी वीरगाथाओं का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में समय-समय पर वक्ताओं ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें साहस, सम्मान और देशभक्ति की शिक्षा देता है। उनकी कहानियां आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं और हमें प्रेरित करती हैं।
रैली में शामिल विभिन्न झांकियों और प्रदर्शनियों ने न सिर्फ महाराणा प्रताप के जीवन को संजोया बल्कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित किया। पारंपरिक पोशाकों में सजे कलाकारों ने राजस्थान की लोककला और संस्कृति की छटा बिखेरी। इस दौरान विभिन्न प्रकार के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और लोकगीतों की गूंज ने माहौल को अद्वितीय बना दिया।
रैली के मार्ग पर जगह-जगह स्थानीय लोगों ने फूलों की बारिश कर रैली का स्वागत किया। उन्होंने रैली में शामिल लोगों के उत्साह को बढ़ाया और महाराणा प्रताप के प्रतीक चिन्हों की सराहना की। यह आयोजन न सिर्फ महाराणा प्रताप की वीरगाथा को उकेरता है बल्कि नई पीढ़ी को उनके मूल्यों और सिद्धांतों से अवगत कराता है।
कार्यक्रम की सफलता का श्रेय स्थानीय प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयासों को जाता है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की। पुलिस ने रैली के मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया, ताकि आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
कार्यक्रम का समापन महाराणा प्रताप चौक पर एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन के साथ हुआ। यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों और कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। बच्चों और युवाओं ने महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित नाटक और नृत्य प्रस्तुत किए, जो दर्शकों को इतिहास के उन गौरवशाली पलों की याद दिला गए।
निस्संदेह, यह आयोजन चित्तौड़गढ़ की जनता के लिए गर्व का क्षण था। महाराणा प्रताप की जयंती ने एक बार फिर उनके वीरता और बलिदान की याद दिलाई, जिससे लोग प्रेरित हुए और राष्ट्रीयता का भाव प्रबल हुआ।