पेरिस ओलंपिक 2024 अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है और भारतीय दल हर संभव कोशिश कर रहा है कि अधिक से अधिक पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया जाए। इस बार के ओलंपिक में भारतीय एथलीटों ने कई उल्लेखनीय प्रदर्शन किए हैं और इनमें से अधिकांश प्रतियोगिताओं में वे पदक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
जसके हर भारतीय को गर्व होता है, नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर से पुरुष भाला फेंक में अपनी छाप छोड़ी है। अपने असाधारण प्रदर्शन के जरिए नीरज ने रजत पदक जीता और वह पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट बन गए हैं जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते हैं। उनके इस अविश्वसनीय उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि नीरज चोपड़ा ने पूरे देश को गर्वित किया है।
खिलाड़ी | देश | रजत पदक |
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नीरज चोपड़ा | भारत | जैवलिन थ्रो |
खिलाड़ी | देश | स्वर्ण पदक |
अरशद नदीम | पाकिस्तान | ओलंपिक रिकॉर्ड |
दूसरी ओर, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता, जो उनके लिए और उनके देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत की विनेश फोगाट फाइनल में पहुँच गई थीं, लेकिन उन्हें कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में एक डिस्क्वालीफिकेशन सुनवाई का सामना करना पड़ रहा है। इस सुनवाई में उनके कानूनी पक्षकार हरिश साल्वे उनके पक्ष में बहस कर रहे हैं। यह सुनवाई उनकी खेल गतिविधियों और उनकी संभावना को प्रभावित कर सकती है।
57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारतीय पहलवान अमन सेहरावत का स्वर्ण पदक का सपना जापान के रेई हिगुची से हारने के बाद टूट गया। हालांकि, अब वह कांस्य पदक के लिए प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज के खिलाफ मुकाबला करेंगे। अमन का संघर्ष और खेल के प्रति उनकी निष्ठा उन्हें इस मुकाबले में विजयी बना सकती है।
कुश्ती में भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन हमेशा से सराहनीय रहा है और अमन सेहरावत का यह संघर्ष भी उसी परंपरा का हिस्सा है।
पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग प्रतियोगिता इस बार विवादों से घिरी रही है। कुछ खिलाड़ियों के लिए जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट की आवश्यकताओं ने विवाद उत्पन्न किए हैं। इन परीक्षणों ने कुछ खिलाड़ियों की प्रतियोगिता में शामिल होने की योग्यता पर सवाल उठाए हैं और इसने कुछ हद तक खेल भावना को प्रभावित किया है।
भारतीय हॉकी टीम, जो हमेशा से ओलंपिक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है, इस बार जर्मनी के खिलाफ एक रोमांचक मुकाबले में हार गई। टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद, टीम की खेल भावना और संघर्ष की प्रशंसा की जा रही है।
साथ ही, भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी खिलाड़ी श्रीजेश ने इस हार के बाद अपने संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मैच से पहले अपने संन्यास की योजना बनाई है, जो टीम के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
गोल्फ में भारत की अदिति अशोक ने भी इस बार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने खेल से दर्शकों का दिल जीत लिया है और गोल्फ में भारत की स्थिति को मजबूत किया है। उनके इस प्रदर्शन से भारतीय गोल्फ प्रेमियों को नई उम्मीदें और उत्साह मिला है।
इस प्रकार, पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल का अब तक का प्रदर्शन सकारात्मक रहा है और अंतिम चरण में सभी खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत और समर्पण के साथ पदक पाने की कोशिश कर रहे हैं।
हमारी टीम पूरे दिल से हमारे खिलाड़ियों का समर्थन करती है और हम उन्हें उनके आगामी मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं देते हैं। उम्मीद है कि आगामी प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम और भी पदक जीतकर अपनी मेहनत का फल प्राप्त करेगी।