जब विवेक प्रकाश, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट चमोली जिला प्रशासन ने अचानक घोषणा की कि 6-7 अक्टूबर, 2025 को चमोली में सभी ट्रेकिंग गतिविधियों को रोक दिया जाएगा, तो स्थानीय ट्रैकर्स की आँखें चौड़ी हो गईं। यह कदम चमोली डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑफिस के निर्देश पर लिया गया, क्योंकि भारत मौसम विभाग ने उच्च altitude वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की थी।
चमोली, उत्तराखंड का वह जिला है जहाँ समुद्र तल से 4,000 मीटर से ऊपर के कई ट्रेकिंग रूट स्थित हैं। पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में दो‑तीन बड़े आकस्मिक दुर्भाग्य हुए हैं – 2013 की बाढ़, 2019 का लैंडस्लाइड, और 2022 की तेज़ बर्फबारी। इन घटनाओं ने सरकार को सतर्क रहने की सीख दी। मौसम विभाग की मौसमी रिपोर्टों में बताया गया है कि अक्टूबर के शुरू में पश्चिमी घण्टियों में दो‑तीन दिनों तक लगातार भारी वर्षा और बर्फबारी हो सकती है, खासकर हिमालयी रेंज में।
6 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक, सभी चमोली ट्रेकिंग निषेध को लागू किया गया। यह केवल पर्यटन विभाग ही नहीं, बल्कि वन विभाग को भी आदेश देता है कि वे खुले में चल रही सभी टूरिस्ट कर्वे को बंद रखें। इसके अलावा, जिले के सभी निर्माण कार्य, विशेषकर बाढ़‑संकट क्षेत्रों में चल रहे प्रोजेक्ट, को 5-7 अक्टूबर तक रोक दिया गया।
प्रमुख बिंदु:
विवेक प्रकाश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारी वर्षा के कारण लैंडस्लाइड, रोड ब्लॉकेज और जल स्तर में तीव्र वृद्धि की संभावना है। इसलिए लोग उच्चतम अल्टिट्यूड वाले क्षेत्रों में, विशेषकर 4,000 मीटर से ऊपर, बिना जरूरत चलने से बचें।” उन्होंने स्थानीय लोगों से अनुरोध किया कि वे किसी भी अनौपचारिक सूचना या सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को न मानें और केवल सरकारी आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें।
प्रकाश ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी यात्रा के लिए पहले से भुगतान किया गया है, तो रिफंड प्रक्रिया अब प्रतिदिन की जाएगी और सभी बुकिंग एजेंसियां अपनी वेबसाइट पर अपडेटेड निर्देश प्रकाशित करेंगे।
चमोली में हर साल लगभग 15,000 ट्रेकर्स आते हैं, जिनका औसत खर्च ₹12,000 से ₹18,000 के बीच रहता है। दो‑दिन की बंदी से स्थानीय आर्थिक नुकसान लगभग ₹1.8 करोड़ से ₹2.4 करोड़ तक हो सकता है। होटल, गेस्टहाउस, खाने‑पीने की दुकानें, तथा गाइडों की आय पर असर पड़ेगा। लेकिन प्रशासन ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा को लेकर आर्थिक नुकसान को कम करके नहीं आँका जा सकता।
स्थानीय व्यापार संघ के प्रतिनिधि ने टिप्पणी की, “अगर मौसम सुधरता है तो हम पुनः खोलेँगे, लेकिन इस बार हम स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सुरक्षा उपायों को अधिक सख्ती से लागू करेंगे।”
भारत मौसम विभाग ने 8‑10 अक्टूबर के बीच मौसम को “स्थिर लेकिन हल्की बर्फबारी” के रूप में पूर्वानुमानित किया है। इसलिए प्रशासन ने सुझाव दिया कि ट्रैकिंग के शौकीन लोग तब तक इंतजार करें जब तक बारिश की तीव्रता घट न जाए। संभावित लैंडस्लाइड क्षेत्रों में स्थापित “सुरक्षा निगरानी कक्ष” को 24‑घंटे सक्रिय किया गया है, जहाँ रियल‑टाइम डेटा को स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के साथ साझा किया जाता है।
सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:
चमोली जिला प्रशासन ने कहा कि इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए “विकल्पीय टुरिज़्म” को बढ़ावा दिया जाएगा – जैसे कि ग्लेशियर व्यू पॉइंट्स पर छोटे‑छोटे पिकनिक स्थल। इसके साथ ही, भविष्य में मौसम संबंधी डेटा को बेहतर बनाने के लिए डोमीट्रिक सेंसर नेटवर्क स्थापित करने की योजना भी है। यह कदम न केवल ट्रैकिंग को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी मौसम के बारे में सटीक जानकारी देगा।
डिस्ट्रिक्ट डिसास्टर मैनेजमेंट ऑफिस ने निर्देश दिया है कि सभी स्थापित टूर एजेंसियों को रिफंड प्रक्रिया अगले 48 घंटे के भीतर शुरू करनी होगी। अधिकांश बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म में अब विशेष “रिफंड क्लेम” बटन उपलब्ध है।
मुख्य जोखिम वाले क्षेत्रों में गढ़वाल ट्रेक, रुद्रप्रयाग ट्रेल, और चमोली‑कटरा के बीच की ऊँची चोटियाँ शामिल हैं। विशेष रूप से 4,000 मीटर से ऊपर के भागों में बर्फबारी और लैंडस्लाइड की संभावना अधिक है।
सभी को आधिकारिक हेल्पलाइन (112) पर कॉल करके अपनी सुरक्षा की पुष्टि करनी चाहिए और तेज़ बहाव वाले नदियों के किनारों से दूर रहना चाहिए। साथ ही स्थानीय सरकारी कार्यालयों में उपलब्ध सुरक्षित आश्रयस्थलों में रहने की सलाह दी जाती है।
यदि मौसम विभाग ने 8 अक्टूबर के बाद भी बाढ़ और बर्फबारी की चेतावनी जारी रखी, तो प्रशासन अतिरिक्त दिन के लिए प्रतिबंध बढ़ा सकता है। अद्यतन जानकारी जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर मिलेगी।
राज्य पर्यटन विभाग ने कहा है कि प्रभावित होटल और गाइडों को वित्तीय सहायता के तौर पर विशेष फंड प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अगली सत्र में पुनः संचालन कर सकें।
Sameer Srivastava
अक्तूबर 6, 2025 AT 20:51अरे यार! ये बरसात‑बर्फ़ का खतरा तो सच में दिल दहलाने वाला है!!! सरकार ने एकदम तेज़ी से ट्रेकिंग बंद कर दी, और हम सब को घर‑घर में फँसा दिया!! लेकिन सोचो, क्या हमें इस मौसमी जोखिम को हल्का नहीं लेना चाहिए? जब प्रकृति खुद चेतावनी दे रही है, तो फिर हमारा क्या काम!!