दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम पर 20 फ़रवरी 2025 को खेले गये ICC Champions Trophy 2025 के मैच में भारत ने बांग्लादेश को 35/5 तक गिरा दिया था। मोहम्मद शमी और हरित राणा ने पहले दो ओवर में सौम्या सरकार और कप्तान नज्मुल होंसैन शान्तो को क्रमशः ललचा दिया, जबकि शमी ने मेहदी हैसन मीराज़ का भी वीकटेक किया। अक्सर पटेल ने तंजिद तामिम और मुशफ़िकुर रहिम को भी आउट करके विरोधी टीम को अंधी घाटी में धकेल दिया था।
परन्तु इस दबाव को बनाए रखने में भारत की फील्डिंग ने बड़ी भूल की। नौवें ओवर में अक्सर पटेल की तेज गेंद पर जाकर अली ने एगार्ज के साथ एक साफ़ कैच बनाया, जिसे रोहित शर्मा ने पहले स्लिप पर फिसलते हुए नहीं पकड़ा। इस गलती से अक्सर पटेल को हैट्रिक की संभावना से वंचित कर दिया गया। रोहित ने तुरंत हाथ जोड़े और अक्सर को माफ़ी माँगी, लेकिन मैदान पर उनका निराश चेहरा स्पष्ट रूप से दिख रहा था।
तीसरे ओवर की समाप्ति के बाद, बीसवें ओवर में हार्दिक पांड्या ने भी एक साधारण पकड़ को चूक दिया। कुंदेप यादव की गेंद के बाद तक़रीबन सीधे मध्य‑ऑन पर पाँड्या खड़े थे, जब तोवहिद ह्रिदोय ने गेंद को जमीन पर लगा कर एक कठोर शॉट खेला। पांड्या ने हाथ बढ़ाया, लेकिन गेंद उसके हाथों से फिसल गई और फिर बांग्लादेशी बल्लेबाज़ निकटस्थ जाकर अली की सुरक्षा में जा पड़ी।
इन दो महत्वपूर्ण फील्डिंग चूकों ने जाकर अली और तोवहिद ह्रिदोय को दो बड़े शॉट लगाने का अवसर दिया। दोनों ने मिलकर 100‑रन से अधिक का साझेदारी बनाया, 26वें ओवर तक इस साझेदारी ने 60 रन का ब्लॉक कायम किया। इस वजह से बांग्लादेश ने अपने शुरुआती पतन को उलटते हुए एक प्रतिस्पर्धी लक्ष्य स्थापित किया।
रोहित और पांड्या के अलावा, क्ले राहुल ने भी एक स्टम्पिंग अवसर चूक दिया, जिससे भारत की फील्डिंग समस्याएं और बढ़ गईं। इस एकत्रित त्रुटियों के कारण भारत को अपने शुरुआती गोल्डन बॉल्स के बाद भी दबाव बनाये रखने में असफल रहना पड़ा। बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने इन चूकों को अपने पक्ष में उपयोग किया और टीम की आत्मविश्वास पुनः स्थापित हो गया।
इसी बीच, भारतीय गेंदबाज़ी ने फिर भी अपनी ताकत दिखायी। शमी ने पहले पावरप्ले में ही तीन विकेट हासिल किए, जबकि राणा ने दो विकेट लेकर कोर में वैरायटी लाई। अक्सर पटेल ने न सिर्फ विकेट लिये बल्कि अपने कुशल मैदान के कारण बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों को सीमित भी किया। लेकिन क्रिकेट में फील्डिंग की भूमिका को अक्सर कम आँका जाता है; इस मैच ने यही स्पष्ट किया।
विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में भारत को फील्डिंग ड्रिल्स पर अधिक समय देना होगा। खासकर बड़े टूर्नामेंट में एक-एक पकड़ का महत्व इतना बड़ा होता है कि एक छोटी गलती भी मैच का परिणाम बदल सकती है।
भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में कहा कि टीम की फील्डिंग में सुधार अनिवार्य है और यह एक बड़े चुनौती के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा, "हमारी बॉलिंग तो सही थी, लेकिन फील्डिंग को हम और बेहतर बनायेंगे, नहीं तो इस तरह की जीत दूर हो जाती है।"
इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि fielding errors को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर जब टीम के सर्वश्रेष्ठ बॉलर्स भी अपनी पूरी क्षमता से खेल रहे हों। अब भारतीय टीम को अपनी ट्रेनिंग रूटीन में फील्डिंग को प्रमुखता देनी होगी, नहीं तो भविष्य के बड़े मैचों में ये ही चूक फिर दोहराई जा सकती है।