Champions Trophy 2025: भारत की फील्डिंग चूकों ने रोहित शर्मा‑हार्दिक पांड्या की गिरती पकड़ से लक्ष्य बदल दिया

Champions Trophy 2025: भारत की फील्डिंग चूकों ने रोहित शर्मा‑हार्दिक पांड्या की गिरती पकड़ से लक्ष्य बदल दिया

सितंबर 25, 2025 shivam sharma

दुर्लभ फॉल्ट्स ने खेल का रुख बदल दिया

दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम पर 20 फ़रवरी 2025 को खेले गये ICC Champions Trophy 2025 के मैच में भारत ने बांग्लादेश को 35/5 तक गिरा दिया था। मोहम्मद शमी और हरित राणा ने पहले दो ओवर में सौम्या सरकार और कप्तान नज्मुल होंसैन शान्तो को क्रमशः ललचा दिया, जबकि शमी ने मेहदी हैसन मीराज़ का भी वीकटेक किया। अक्सर पटेल ने तंजिद तामिम और मुशफ़िकुर रहिम को भी आउट करके विरोधी टीम को अंधी घाटी में धकेल दिया था।

परन्तु इस दबाव को बनाए रखने में भारत की फील्डिंग ने बड़ी भूल की। नौवें ओवर में अक्सर पटेल की तेज गेंद पर जाकर अली ने एगार्ज के साथ एक साफ़ कैच बनाया, जिसे रोहित शर्मा ने पहले स्लिप पर फिसलते हुए नहीं पकड़ा। इस गलती से अक्सर पटेल को हैट्रिक की संभावना से वंचित कर दिया गया। रोहित ने तुरंत हाथ जोड़े और अक्सर को माफ़ी माँगी, लेकिन मैदान पर उनका निराश चेहरा स्पष्ट रूप से दिख रहा था।

तीसरे ओवर की समाप्ति के बाद, बीसवें ओवर में हार्दिक पांड्या ने भी एक साधारण पकड़ को चूक दिया। कुंदेप यादव की गेंद के बाद तक़रीबन सीधे मध्य‑ऑन पर पाँड्या खड़े थे, जब तोवहिद ह्रिदोय ने गेंद को जमीन पर लगा कर एक कठोर शॉट खेला। पांड्या ने हाथ बढ़ाया, लेकिन गेंद उसके हाथों से फिसल गई और फिर बांग्लादेशी बल्लेबाज़ निकटस्थ जाकर अली की सुरक्षा में जा पड़ी।

इन दो महत्वपूर्ण फील्डिंग चूकों ने जाकर अली और तोवहिद ह्रिदोय को दो बड़े शॉट लगाने का अवसर दिया। दोनों ने मिलकर 100‑रन से अधिक का साझेदारी बनाया, 26वें ओवर तक इस साझेदारी ने 60 रन का ब्लॉक कायम किया। इस वजह से बांग्लादेश ने अपने शुरुआती पतन को उलटते हुए एक प्रतिस्पर्धी लक्ष्य स्थापित किया।

क्ले राहुल की चूक और टीम की कुल मिलाकर स्थिति

रोहित और पांड्या के अलावा, क्ले राहुल ने भी एक स्टम्पिंग अवसर चूक दिया, जिससे भारत की फील्डिंग समस्याएं और बढ़ गईं। इस एकत्रित त्रुटियों के कारण भारत को अपने शुरुआती गोल्डन बॉल्स के बाद भी दबाव बनाये रखने में असफल रहना पड़ा। बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने इन चूकों को अपने पक्ष में उपयोग किया और टीम की आत्मविश्वास पुनः स्थापित हो गया।

इसी बीच, भारतीय गेंदबाज़ी ने फिर भी अपनी ताकत दिखायी। शमी ने पहले पावरप्ले में ही तीन विकेट हासिल किए, जबकि राणा ने दो विकेट लेकर कोर में वैरायटी लाई। अक्सर पटेल ने न सिर्फ विकेट लिये बल्कि अपने कुशल मैदान के कारण बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों को सीमित भी किया। लेकिन क्रिकेट में फील्डिंग की भूमिका को अक्सर कम आँका जाता है; इस मैच ने यही स्पष्ट किया।

विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में भारत को फील्डिंग ड्रिल्स पर अधिक समय देना होगा। खासकर बड़े टूर्नामेंट में एक-एक पकड़ का महत्व इतना बड़ा होता है कि एक छोटी गलती भी मैच का परिणाम बदल सकती है।

भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में कहा कि टीम की फील्डिंग में सुधार अनिवार्य है और यह एक बड़े चुनौती के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा, "हमारी बॉलिंग तो सही थी, लेकिन फील्डिंग को हम और बेहतर बनायेंगे, नहीं तो इस तरह की जीत दूर हो जाती है।"

इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि fielding errors को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर जब टीम के सर्वश्रेष्ठ बॉलर्स भी अपनी पूरी क्षमता से खेल रहे हों। अब भारतीय टीम को अपनी ट्रेनिंग रूटीन में फील्डिंग को प्रमुखता देनी होगी, नहीं तो भविष्य के बड़े मैचों में ये ही चूक फिर दोहराई जा सकती है।

19 Comments

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    Shivani Sinha

    सितंबर 27, 2025 AT 12:18
    ये फील्डिंग तो बस शर्म की बात है... इतने बड़े मैच में इतनी आसान कैच छूट जाए तो फिर क्या बात है? भारत की टीम तो बॉलिंग में जीत रही है लेकिन फील्डिंग से खुद को हार रही है।
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    vamsi Pandala

    सितंबर 27, 2025 AT 17:33
    रोहित ने कैच छोड़ा... हार्दिक ने छोड़ा... क्ले राहुल ने छोड़ा... ये टीम तो फील्डिंग के लिए बनी है या बाहर बैठने के लिए? अब तो कोचिंग भी नहीं बची बस देखते रहोगे और रोओगे।
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    nasser moafi

    सितंबर 28, 2025 AT 04:36
    अरे भाई ये फील्डिंग वाली बात तो हर बार होती है... लेकिन हम तो इतने बड़े हैं कि एक गलती से भी नाराज हो जाते हैं 😅 अगर बॉलिंग तो बढ़िया है तो फील्डिंग थोड़ा अभ्यास कर लो... अंग्रेजों के बाद बंगाली भी अच्छे फील्डर बन गए हैं अब हम क्यों नहीं?
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    Saravanan Thirumoorthy

    सितंबर 29, 2025 AT 02:39
    फील्डिंग नहीं बल्कि टीम की अंदरूनी डरपोकपन है जिसने ये गलतियां करवाई हैं जब तक ये दिमाग नहीं बदलेगा तब तक कोई ट्रॉफी नहीं मिलेगी
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    Tejas Shreshth

    सितंबर 30, 2025 AT 16:26
    इस फील्डिंग की चूक को तो फिलॉसफी के बराबर देखना चाहिए... एक छोटी सी गलती जो विश्व के अर्थों को बदल देती है... हम तो बाहर जीत की बात करते हैं लेकिन अंदर तो हमारी धारणाएं टूट रही हैं। क्या हम वाकई इतने बड़े हैं या सिर्फ अपनी भावनाओं में खो गए हैं?
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    sarika bhardwaj

    अक्तूबर 1, 2025 AT 04:44
    फील्डिंग को तो ट्रेनिंग का सबसे बड़ा ब्लॉक बनाना चाहिए... नहीं तो ये गलतियां हमेशा दोहराई जाएंगी... ये बस एक गलती नहीं बल्कि एक सिस्टमिक फेलियर है।
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    Dr Vijay Raghavan

    अक्तूबर 2, 2025 AT 15:42
    मैंने देखा था... रोहित ने जब कैच छोड़ा तो उसकी आंखों में दर्द था... वो भी इसे महसूस कर रहा था... लेकिन टीम का नेतृत्व उसके लिए बहुत ज्यादा दबाव है... हमें उसे समझना चाहिए।
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    Partha Roy

    अक्तूबर 3, 2025 AT 20:13
    हर बार यही बात... बॉलिंग तो बढ़िया है लेकिन फील्डिंग में नाकामयाबी... अब तो लगता है जैसे टीम ने फील्डिंग को भूल दिया है... अगर ये जारी रहा तो अगला टूर्नामेंट भी चूक जाएगा।
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    Kamlesh Dhakad

    अक्तूबर 4, 2025 AT 22:42
    ये गलतियां होती हैं... लेकिन बार-बार नहीं होनी चाहिए। अगर ट्रेनिंग में इतना ध्यान नहीं दिया जा रहा तो फिर इंटरव्यू में क्यों बोल रहे हो? काम करो और बोलना बंद करो।
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    ADI Homes

    अक्तूबर 5, 2025 AT 05:14
    अच्छा लगा कि बॉलिंग तो बढ़िया रही... फील्डिंग की गलतियां तो हर टीम को होती हैं... लेकिन इतनी बार नहीं... अगर टीम ने इसे सुधार लिया तो अगला मैच बदल जाएगा।
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    Hemant Kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:34
    हर एक कैच एक टीम के भावनात्मक स्तर का दर्पण है... जब एक बल्लेबाज को बचाने के लिए एक फील्डर के हाथ में गेंद नहीं रहती तो ये उसकी आत्मविश्वास की कमी है... हमें उसे समर्थन देना चाहिए न कि बर्बाद करना।
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    NEEL Saraf

    अक्तूबर 8, 2025 AT 08:36
    मैंने तो देखा था... हार्दिक के हाथ से गेंद फिसली... वो तो बिल्कुल निराश लग रहा था... लेकिन फिर भी उसने बाकी टीम को संभाला... ये असली नेतृत्व है... टीम को बाहर नहीं बल्कि अंदर से समर्थन देना चाहिए।
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    Ashwin Agrawal

    अक्तूबर 8, 2025 AT 12:48
    कोई भी टीम इतनी बड़ी गलतियां नहीं करती... अगर फील्डिंग का ड्रिल नहीं है तो तुरंत शुरू कर दो... अगर ये बात नहीं हुई तो अगले टूर्नामेंट में भी यही होगा।
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    Shubham Yerpude

    अक्तूबर 10, 2025 AT 01:25
    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है... जो लोग टीम के खिलाफ हैं वो इन गलतियों को बढ़ावा दे रहे हैं... फील्डिंग नहीं बल्कि एक राजनीतिक षड्यंत्र है जिसका उद्देश्य भारत को कमजोर दिखाना है।
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    Hardeep Kaur

    अक्तूबर 10, 2025 AT 21:44
    हमें बस ये याद रखना है कि ये खिलाड़ी इंसान हैं... गलतियां होती हैं... लेकिन अगर हम उन्हें समर्थन देंगे तो वो अगली बार बेहतर करेंगे।
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    Chirag Desai

    अक्तूबर 12, 2025 AT 05:41
    कैच छूटा तो क्या हुआ? बॉलिंग तो बढ़िया रही। अब बस अगले मैच में फील्डिंग ठीक कर लो।
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    Tarun Gurung

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:51
    मैंने इस मैच को देखा था... और वो एक कैच जो रोहित ने छोड़ा था... उसके बाद जब अली ने वो लंबा शॉट लगाया... तो मुझे लगा कि ये बस एक गलती नहीं बल्कि एक अवसर था... एक अवसर जिसने बांग्लादेश को फिर से जीवित कर दिया। लेकिन अगर हम इसे गलती के रूप में देखेंगे तो ये एक अवसर बन सकता है... एक अवसर जो हमें अपनी फील्डिंग को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। हम बस इतना ही कर सकते हैं... इसे एक सीख बना लें। अगली बार जब गेंद हवा में उड़ेगी... तो हमारा फील्डर उसे लेने के लिए तैयार होगा। ये नहीं कि हम उसे गलती के लिए दोष दें... बल्कि उसे बेहतर बनाने के लिए जगह दें।
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    Hitendra Singh Kushwah

    अक्तूबर 14, 2025 AT 16:31
    फील्डिंग के लिए ट्रेनिंग नहीं है... ये बस एक बार की बात है... अगले टूर्नामेंट में भी यही होगा।
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    Abhi Patil

    अक्तूबर 15, 2025 AT 04:39
    ये फील्डिंग की गलतियां तो बस एक छोटी सी बात है... लेकिन इसका असर तो बहुत बड़ा है... क्योंकि ये टीम के भीतर की असुरक्षा को दर्शाती है... जब एक फील्डर अपने हाथों में गेंद नहीं रख पाता... तो वो अपने आप को असफल महसूस करता है... और ये असफलता टीम के भीतर फैल जाती है... ये बस एक कैच नहीं है... ये एक सिस्टम की विफलता है।

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