NTA के महानिदेशक पद पर सुबोध कुमार की जगह आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति

NTA के महानिदेशक पद पर सुबोध कुमार की जगह आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति

जून 23, 2024 shivam sharma

प्रदीप सिंह खरौला का नया कार्यभार

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने हाल ही में अपने महानिदेशक सुबोध कुमार की जगह 1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरौला को नया महानिदेशक नियुक्त किया है। यह बदलाव एनटीए के हालिया इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब एजेंसी पिछले कुछ महीनों से आलोचनाओं का सामना कर रही थी। विशेष रूप से NEET और UGC NET परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं ने शिक्षकों, छात्रों और उनके अभिभावकों के विश्वास को हिला दिया था।

प्रदीप सिंह खरौला, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, अब एनटीए के संचालक के रूप में अपनी नई भूमिका में जुट गए हैं। उनका अपॉइंटमेंट तब हुआ जब शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए की छवि सुधारने और अपने कार्यक्षेत्र में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता को महसूस किया। खरौला ने अपने करियर में न केवल प्रशासनिक क्षमताओं का लोहा मनवाया है, बल्कि विभिन्न संस्थाओं में सुधार और विकास के लिए भी महत्वाकांक्षी प्रयास किए हैं।

प्रदीप सिंह खरौला का प्रशासनिक अनुभव

1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरौला का प्रशासनिक अनुभव देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का रहा है। उन्होंने एयर इंडिया के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) और बेंगलूर मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। प्रदीप सिंह खरौला को बेंगलूर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। वर्ष 1997 में इस कार्पोरेशन का गठन हुआ था, और इसके बाद खरौला ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी कार्य किया।

इसके अलावा, प्रदीप सिंह खरौला ने 2001 से 2009 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। इसके अलावा, उन्होंने कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर के प्रधान सचिव के रूप में भी सेवाएं दी। खरौला के नेतृत्व में कई नीतियों और चुनावी प्रबंधनों में सुधार देखा गया, जिससे उनकी प्रशासनिक छवि और मजबूत हुई।

शिक्षा मंत्रालय का कदम

शिक्षा मंत्रालय का कदम

शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के महानिदेशक पद पर प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना है क्योंकि एजेंसी हाल ही में कई विवादों में घिरी रही है। खासकर NEET और UGC NET परीक्षाओं के पेपर लीक के मुद्दों ने संपूर्ण शिक्षण जगत में हलचल मचा दी थी। छात्रों, शिक्षक संगठनों और अभिभावकों ने एनटीए के कामकाज पर सवाल उठाए थे और इसमें सुधार लाने की मांग की थी।

ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने इस कदम को पारदर्शिता और विश्वसनीयता बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना है। मंत्रालय के अनुसार, खरौला का अनुभव और उनकी प्रशासनिक क्षमताएं एनटीए को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगी।

एनटीए की नई चुनौतियां

सबसे बड़ी चुनौती एनटीए के सामने यह है कि वह छात्रों और अभिभावकों का विश्वास फिर से जीत सके। पेपर लीक की घटनाओं से एनटीए की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है, और उसे यह साबित करने की जरूरत है कि वह निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने काम को अंजाम देगी।

इसके लिए, प्रदीप सिंह खरौला को एजेंसी के अंदरूनी प्रक्रियाओं और सिस्टम में सुधार करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्हें एनटीए के कर्मचारियों के साथ मिलकर एक ऐसी रणनीति बनानी होगी जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

खरौला के पास न केवल प्रशासनिक बल्कि तकनीकी ज्ञान भी है, जिसे वे एनटीए के फायदे में उपयोग कर सकते हैं। यह देखा जाना बाकी है कि खरौला किस प्रकार एजेंसी की अखंडता को बहाल करने के लिए काम करेंगे और छात्रों का विश्वास जीतने में कामयाब होंगे।

छात्रों की उम्मीदें

छात्रों की उम्मीदें

प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति से छात्रों और उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि एनटीए अपने कार्यों में और भी अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाएगी। पेपर लीक की घटनाओं ने छात्रों के सपनों पर पानी फेर दिया था, और उन्हें निष्पक्ष परीक्षा व्यवस्था की जरूरत महसूस हो रही है।

खरौला का प्रशासनिक अनुभव और उनकी तकनीकी क्षमताएं छात्रों की इन उम्मीदों को पूरा करने में मददगार साबित हो सकती हैं। इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय का भी मानना है कि खरौला के नेतृत्व में एनटीए में सुधार होगा और यह एजेंसी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करेगी।

अंतिम विचार

प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति एनटीए के लिए एक नई सुबह के रूप में देखी जा रही है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव तो है ही, साथ ही वे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में, एनटीए को उनसे काफी उम्मीदें हैं कि वे एजेंसी की छवि को सुधारने में सफल होंगे और छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का विश्वास फिर से जीतेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने जिस तरह से यह नियुक्ति की है, उससे यह साफ होता है कि वह अपने कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए संकल्पित है। प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एनटीए के संचालन में एक नई दिशा देने में सक्षम रहेगा।

9 Comments

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    Hemant Kumar

    जून 23, 2024 AT 23:08
    ये नया महानिदेशक देखो तो लगता है कि अब कुछ बदलेगा... पेपर लीक का मुद्दा तो बहुत बड़ा है, उम्मीद है वो समझदारी से निकाल लेंगे।
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    NEEL Saraf

    जून 24, 2024 AT 02:24
    बेंगलुरु मेट्रो के लिए जो काम किया था... वो तो असली अनुभव है... उम्मीद है एनटीए में भी उतनी ही लगन लाएंगे... बस इतना चाहिए कि लोगों को भरोसा हो जाए।
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    Ashwin Agrawal

    जून 25, 2024 AT 08:57
    हर बार नया महानिदेशक आता है, और हर बार वही वादे... अब तक क्या बदला? अगर सिस्टम नहीं बदलेगा, तो इंसान बदलने से क्या फायदा?
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    Shubham Yerpude

    जून 25, 2024 AT 20:20
    इस नियुक्ति में राजनीति है... जिसने भी ये फैसला किया, वो शायद अपने दोस्त को नौकरी दे रहा है... ये सब बाहरी नज़र आता है, अंदर कुछ और है।
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    Hardeep Kaur

    जून 26, 2024 AT 04:11
    मैंने उनके बारे में पढ़ा था... बहुत शांत अंदाज़ में काम करते हैं... शायद इसीलिए उन्हें चुना गया होगा... बस थोड़ा समय दें, देखते हैं क्या होता है।
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    Chirag Desai

    जून 26, 2024 AT 13:29
    अच्छा हुआ... अब तो बस एक बार फिर से सब कुछ ठीक हो जाए।
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    Abhi Patil

    जून 27, 2024 AT 09:03
    एक आईएएस अधिकारी को एक टेक्निकल एजेंसी का नेतृत्व देना... ये तो एक अलग तरह का अंतर्विरोध है... इंजीनियरिंग की बातें तो वो जानते ही नहीं होंगे... ये सिर्फ एक राजनीतिक फैसला है।
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    Devi Rahmawati

    जून 29, 2024 AT 03:33
    मैं इस नियुक्ति को बहुत सकारात्मक मानती हूँ। उनके बेंगलुरु मेट्रो के समय के अनुभव से स्पष्ट है कि वे सिस्टमिक बदलाव ला सकते हैं। इस एजेंसी को तकनीकी और प्रशासनिक दोनों दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। यह नियुक्ति उसी दिशा में एक उचित कदम है।
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    Prerna Darda

    जून 30, 2024 AT 15:10
    प्रदीप सिंह खरौला की नियुक्ति एक ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप का संकेत है। उनके पास एक डायनेमिक बैकग्राउंड है-एयर इंडिया, मेट्रो, KSRTC... ये सब उनकी सिस्टम-लेवल इम्पैक्ट का प्रमाण है। एनटीए को अब ऑपरेशनल एक्सीलरेशन की जरूरत है, न कि रिपोर्टिंग। उनके नेतृत्व में टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ऑडिट और ब्लॉकचेन-बेस्ड एग्जाम सिस्टम शुरू हो सकते हैं। ये बस एक नया नेता नहीं, ये एक इंस्टीट्यूशनल रिनेसांस है।

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