जब केटी पेरी, पॉप सुपरस्टार ने ब्लू ओरिजिन के NS-31 मिशनटेक्सास में सीट ली, तो इतिहास लिख दिया। 14 अप्रैल 2025 को सुबह 8:30 ऐएम (सीडीटी) पर, एल‑पासो के दक्षिण‑पूर्व में स्थित लॉन्च पैड से 10 मिनट 21 सेकंड की एक झलक‑वाली यात्रा शुरू हुई, जो 60 सेक्यूरिटी मैल से ऊपर कायरमन लाइन को पार कर थी। यह वही उड़ान थी जिसमें पहली बार पूरी तरह महिला कड़ी ने 1963 के बाद अंतरिक्ष में कदम रखा।
वॉल्कॉव‑6 पर वैलेन्टीना टेरेश्कोवा ने 1963 में पहला अकेला महिला उड़ान भरी थी। तब से लेकर आज तक, अंतरिक्ष में महिला यात्रियों की संख्या धीरे‑धीरे बढ़ी, लेकिन पूरी तरह महिला क्रीडिट वाली टीम कभी नहीं बनी। इस अंतर को पाटने का विचार लॉरेन सैंचेज़ के मन में आया, जो खुद जॉफ़ बेज़ोस की साथी और अनुभवी हेलिकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने इस मिशन को अपने नेटवर्क में महिलाओं को जोड़ने और विज्ञान‑तकनीक में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने के कदम के रूप में देखा।
NS-31 ने कुल छह महिलाओं को सवार किया: केटी पेरी, लॉरेन सैंचेज़, गेले किंग, ऐशा बोवे, अमांडा न्यूंगेन और केरिएन फ्लिन। प्रत्येक सदस्य ने अपना‑अपना मकसद साथ लेकर आया—चाहे वो विज्ञान‑प्रचार हो, सामाजिक न्याय या कला‑कहानी।
उड़ान के दौरान उपयोग किए गए स्पेससूट मोंसे ने डिज़ाइन किए थे, जो विशेष रूप से महिला शरीर के लिए अनुकूलित थे। यह तकनीकी कदम अंतरिक्ष पोशाक के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करता है।
ड्रॉप‑ऑफ़ के बाद, केटी पेरी ने हाथ उठाकर जमीन को छुआ और पुजारी की तरह चुम्बन किया—एक क्षण जिसे कैमरों ने बारीकी से कैद किया। जॉफ़ बेज़ोस, गेले किंग, ओप्रा विनफ़्रे और ख्लोए कार्दशियन समेत उपस्थित लोग इस दृश्य से अभिभूत दिखे। केटी ने कहा, "मैं अपने भीतर के प्यार को महसूस कर रही हूँ, यह अनुभव मुझे दिखा रहा है कि हम सभी में कितना प्यार है।" दूसरी ओर, अमांडा न्यूंगेन ने कहा, "यह सिर्फ मेरे लिए नहीं—यह सभी महिलाओं के लिए है जो अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़तीं।"
यह मिशन कई स्तरों पर प्रभाव डालता है:
ब्लू ओरिजिन ने कहा है कि अगले 12 महीनों में NS‑32 में “एक महिला‑और‑एक पुरुष” का मिश्रित क्रू होगा, जिससे अंतरिक्ष में लैंगिक संतुलन की दिशा तेज होगी। साथ ही, मोंसे जैसी फैशन हाउसें अब अपनी टेक्निकल डिवीजन में अधिक वैज्ञानिक डिजाइनर रख रही हैं, जिससे स्पेससूट का अगला संस्करण और भी हल्का और एर्गोनोमिक होगा। अंत में, इस मिशन ने यह साबित कर दिया कि अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ मिशन‑सिंक्रनाइज़्ड विज्ञान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी एक महत्त्वपूर्ण साधन है।
केटी की यात्रा ने यह सिद्ध किया कि संगीत और विज्ञान एक साथ रह सकते हैं। भारत में कई स्कूल संगीत को STEAM शिक्षा के हिस्से के रूप में अपनाते हैं, और इस तरह की कहानियाँ बच्चों को दोनों क्षेत्रों में प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती हैं।
ऐशा बोवे ने माइक्रोग्रैविटी में सामग्री परीक्षण किए, जबकि अमांडा न्यूंगेन ने बायो‑अस्ट्रोनॉटिक्स के तहत मानव कोशिकाओं के व्यवहार को मॉनिटर किया। ये डेटा भविष्य की लंबी‑अवधि अंतरिक्ष मिशनों में उपयोगी साबित होगा।
सबसे बड़ा नवाचार महिलाओं के लिए विशेष रूप से निर्मित स्पेससूट था, जिसमें हल्के मिश्र धातु और 3‑डि‑प्रिंटेड फेब्रिक का उपयोग हुआ। इसके अलावा, नई रीड‑अवे सिस्टम ने लैंडिंग के बाद तुरंत संवाद को सक्षम किया।
हां, इस मिशन ने दिखाया कि निजी कंपनियों के तहत छोटे‑समय के सब‑ऑर्बिटल फ्लाइट्स संभव हैं। भारत में इस प्रकार की सेवाओं के लिए नियामक ढांचा तैयार हो रहा है, और इस तरह की अंतरराष्ट्रीय सफलताएँ स्थानीय निवेशकों को आकर्षित कर सकती हैं।
वियतनाम में कई युवा लड़की‑लड़के अब अंतरिक्ष में महिला प्रतिनिधित्व देख कर विज्ञान में करियर बनाने की इच्छा रखेंगे। वियतनामी सरकारी एजेंसियों ने इस घटना को प्रो‑साइंस कैंपों के लिए प्रेरणा के रूप में अपनाया है।
poornima khot
अक्तूबर 12, 2025 AT 22:42केटी पेरी की उड़ान को देखकर दिल गर्व से धड़क रहा है। ये सफलता सिर्फ एक सेलिब्रिटी का नहीं, बल्कि हर भारतीय लड़की के सपनों का सार है। विज्ञान और कला के मिलन से हमें नई दिशा मिलती है, और यही हमारा भविष्य है। आप सबको इस प्रेरणा को आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि अगली पीढ़ी और बड़े सपने देखे।