2 सितंबर, 2024 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के वर्तमान प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया। इस फैसले ने ब्यास डेरा के अनुयायियों में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है। जसदीप सिंह गिल की उम्र 45 वर्ष है और वे रिटायर्ड आर्मी कर्नल सुखदेव सिंह गिल के पुत्र हैं।
जसदीप सिंह गिल ने अपनी शिक्षा की शुरुआत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से की, जहाँ से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि हासिल की। गिल ने अपनी प्रौद्योगिकी और प्रबंधन विशेषज्ञता का उपयोग करके विभिन्न बड़े कंपनियों में अहम पदों पर कार्य किया।
हाल ही में, उन्होंने सिप्ला लिमिटेड में मुख्य रणनीति अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएँ दीं और मई 2024 तक इस पद पर कार्यरत रहे। इसके अलावा, उन्होंने एथ्रिस, अचिरा लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और वेल्थी थेराप्यूटिक्स के साथ भी काम किया है।
जसदीप सिंह गिल का ब्यास डेरा के साथ लंबा और महत्वपूर्ण संबंध रहा है। वे पिछले 30 वर्षों से डेरा के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। उनके इस समर्पण और अनुभव को देखकर ही गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना।
गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपने अनुयायियों को आग्रह किया कि जो प्रेम और समर्थन उन्हें मिला है, वही जसदीप सिंह गिल को भी मिले। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है और वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
जसदीप सिंह गिल, अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास के नए प्रमुख के रूप में, डेरा के सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यों की देखरेख करेंगे। उन्हें 'संत सतगुरु' का शीर्षक भी दिया गया है, जिससे वे अनुयायियों को 'नाम' देने का अधिकार रखते हैं।
जसदीप सिंह गिल के पिता, सुखदेव सिंह गिल, भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद दो दशकों पहले ही ब्यास आकर बस गए थे। उनके इस निर्णय ने गिल परिवार की डेरा के प्रति निष्ठा को और मजबूत कर दिया।
इस नियुक्ति के साथ, जसदीप सिंह गिल पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ आ गई हैं, और उम्मीद की जाती है कि वे अपने अनुभव और समर्पण के साथ इस भूमिका को बेहतरीन तरीके से निभाएँगे।
इस प्रकार, राधा स्वामी सत्संग ब्यास का नेतृत्व अब जसदीप सिंह गिल के हाथों में है। उनकी शिक्षा, करियर और सामाजिक योगदानों को देखते हुए, अनुयायियों को उम्मीद है कि वे डेरा के कार्यों को नए आयाम तक पहुँचाएँगे।
डेरा के अनुयायी गुरिंदर सिंह ढिल्लों की तरह ही जसदीप सिंह गिल को भी अपना प्रेम और समर्थन प्रदान करेंगे, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा सकें।