2024 के भारतीय आम चुनाव के संभावित परिणामों पर विचार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि अगर कांग्रेस ने लोकसभा में बहुमत हासिल किया होता, तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री बन सकते थे। खड़गे के अनुसार, कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में काफी बेहतर रहा, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत है।
खड़गे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अगर कांग्रेस 272 सीटों का आवश्यक बहुमत हासिल करती, तो निस्संदेह राहुल गांधी प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालते। कांग्रेस ने इस चुनाव में 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की, जो पिछले चुनावों की अपेक्षा एक बड़ा सुधार है।
इसके विपरीत, भाजपा ने 240 सीटों पर जीत हासिल की, जो कि अकेले बहुमत से कम है। हालांकि, भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगियों के साथ मिलकर बेहतर प्रदर्शन किया और बहुमत के पार जा पहुंची। एनडीए ने कुल मिलाकर एक स्थिर सरकार बनाने की स्थिति बनाई।
चुनाव परिणामों ने नहीं केवल कांग्रेस और भाजपा के बीच के शक्ति संतुलन को फिर से परिभाषित किया है, बल्कि भारतीय राजनीति में पुराने घिसे-पिटे पैटर्न को भी बदल दिया है। नई स्थिति में, गठबंधन राजनीति का महत्व बढ़ गया है, जहां बड़े दलों को छोटे सहयोगियों के साथ तालमेल बैठाना आवश्यक हो गया है।
खड़गे के अनुसार, राहुल गांधी अपने कार्यकाल में धीरे-धीरे एक सक्षम नेता के रूप में उभरे हैं, और उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने नई ऊर्जा और उत्साह प्राप्त किया है। पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को राहुल गांधी की नीति और उनकी ओर से किए गए मेहनताना का परिणाम माना जा रहा है। नेताओं का कहना है कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते, तो वह देश को एक नई दिशा में ले जाने में सक्षम होते।
राहुल गांधी ने हाल ही में जनता के साथ संवाद करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, जिनमें बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, और कृषि संकट प्रमुख हैं। उनके कार्यक्रमों ने मतदाताओं के एक बड़े हिस्से को प्रभावित किया है, और यही कारण है कि कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार बेहतर रहा।
जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार ने मोदी सरकार के समर्थन में कहा कि भाजपा अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास की गति को जारी रखा जाएगा। भाजपा ने इस चुनाव में भी अपने समर्थकों का भरोसा बनाए रखा, हालांकि अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी।
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को लागू किया, जिनका उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को सुनिश्चित करना था। भाजपा के नेताओं का मानना है कि उनके आदर्श और नीतियों ने जनता का विश्वास जीतने में मदद की है।
भारतीय राजनीति के वर्तमान परिदृश्य में, गठबंधन राजनीति का दौर हावी है। बड़े दल अब छोटे दलों के साथ सहयोग कर सरकार बनाने की कोशिश में रहते हैं, जिससे नीतिगत निर्णयों में व्यापकता और जनसंख्या की भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं का समावेश सुनिश्चित होता है।
कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी अब पहले से अधिक मजबूत हुई है और भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। वहीं, भाजपा के समर्थक भी मोदी सरकार के भविष्य को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी फिर से विजय प्राप्त करेगी।
इस प्रकार 2024 के चुनाव के परिणाम ने न केवल भारतीय राजनीति को नया मोड़ दिया है, बल्कि आने वाले वर्षों में राजनीति में संभावित बदलावों की दिशा भी निर्धारित की है।