हरियाणा के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का दिन आ पहुंचा है। 5 अक्टूबर, 2024 को, सुबह 7 बजे से 90 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह चुनाव राज्य की राजनीति के भविष्य को तय करने वाला माना जा रहा है, खासकर तीन महत्वपूर्ण पार्टियों – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) और आम आदमी पार्टी (आप) के संदर्भ में। हरियाणा के मतदाता इस चुनाव में भाजपा को सत्ता में रखते हैं या कांग्रेस और 'आप' को मौका देते हैं, यह सब कुछ कुछ समय में स्पष्ट होगा।
हेडलाइंस में रहे उम्मीदवारों में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। नायब सैनी, जो भाजपा की तरफ से नारायणगढ़ से मैदान में हैं, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा से कठिन मुकाबला कर रहे हैं, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र हैं। दूसरी तरफ, कुमारी शैलजा, कांग्रेस की सीनियर लीडर, अंबाला कैन्टोनमेंट से अपनी जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में हैं।
इस बार के चुनावों में आयोजित व्यवस्थाओं और सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। चुनाव आयोग ने 70,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और 200 के करीब अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों की तैनाती की है ताकि चुनाव शांति पूर्वक और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सकें। सुबह से ही मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा।
भाजपा वर्तमान में सत्ता में है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से फिर से उम्मीदवार हैं। पार्टी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, कांग्रेस एक मजबूत वापसी की उम्मीद कर रही है, और उसके सभी उम्मीदवार जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा में अपने सभी प्रत्याशी खड़े किए हैं, और 'आप' के शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल ने पुरजोर प्रचार किया है।
8 अक्टूबर, 2024 को जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे, तब यह स्पष्ट होगा कि किस पार्टी को मतदाताओं की स्वीकृति मिली है। प्रारंभिक जनमत सर्वेक्षणों से संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है, जबकि आम आदमी पार्टी भी चौंकाने वाले नतीजे दे सकती है। इन चुनावों के नतीजे न केवल हरियाणा की राजनीति में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
जहां भाजपा को बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा है, वहीं कांग्रेस इस चुनाव को अपना पुनरुत्थान मान रही है। 'आप' हरियाणा में नई राजनीतिक जमीन तैयार करने और विकास की नई दिशा देने के वादे के साथ मैदान में है। अब देखना है कि कौनसी पार्टी जनता का दिल जीत पाती है और सत्ता में अपनी जगह बना पाती है।