इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट) के वैज्ञानिक नरेश कुमार, मुख्य मौसम वैज्ञानिक ने दशहरा 2025दिल्ली‑एनसीआर के दौरान हल्की‑से‑भारी बारिश का प्रकोप बताया, जिससे रावण दहन समारोह बड़े पैमाने पर बाधित हो गए। जहाँ 37°C तक तापमान उम्मीद था, वहीं 64% संभावना के साथ बारिश ने उत्सव की धूम को झटके में डाल दिया।
सत्योंाराधना, संगीत और ध्वज वाले मंच पर रावण के पुतले आमतौर पर धूमधाम से दहन होते हैं, पर 2 अक्टूबर को शाम तक कई स्थानों पर पुतले भीग कर जमीन पर लखड़ाते दिखाई दिए। पुरानी दिल्ली के लव कुश रामलीला मंच पर दर्शक कुर्सियों, पोस्टरों और तौलिए की मदद से बरसात से बचने की कोशिश कर रहे थे। एक युवा दर्शक ने कहा, "बारिश ने तो जैसे धूप में छाया लगा दी, पर पुतला गिरते देखना दिल तोड़ देता है।"
इमिड ने पहले ही इस साल के सबसे गर्म महीनों में हल्की‑बारिश की संभावनाओं को संकेतित किया था। नरेश कुमार ने एएनआई को बताया, "हमने दिल्ली‑एनसीआर के लिए येलो अलर्ट जारी किया था, जिसमें बहुत हल्की बारिश की संभावना थी।" इस चेतावनी के बावजूद कई स्थानीय प्रबंधन इकाइयों को लगता था कि बारिश केवल हल्की रहेगी, पर वास्तविकता में दो‑तीन घंटे में 15‑20 mm की सघन बारिश ने कई सड़कों को जलमग्न कर दिया।
शहर के मुख्य राजमार्ग – सर्किल, बीर मार्कन रोड, और राजीव चौक – पर भीड़भाड़ और जलजाहन की शिकायतें उमड़ पड़ीं। दिल्ली के कई हिस्सों में पानी का स्तर 30 सेमी तक पहुंच गया, जिससे इलेक्ट्रिक ट्रैफ़िक लाइट बंद हो गईं और एटीएम मशीनें भी काम नहीं कर रहीं।
उत्सव स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने अस्थायी टेंप्लेट स्थापित किए, पर वर्षा ने इन प्रयासों को भी उलझा दिया। लव कुश रामलीला के आयोजक ने कहा, "बारिश ने हमारे सजावट को भी नष्ट कर दिया, पर हम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।"
इमिड ने कहा, "पूरा सप्ताह बादल छाए रहेंगे, जिससे एक बुरा‑सुखी मौसम की लहर जारी रहेगी।" इस हफ्ते की बारिश ने पिछले दिनों के 42°C तक तापमान को काफी हद तक घटा दिया, जिससे कई लोगों को ठंडक और राहत महसूस हुई। लेकिन साथ ही, जलजमाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित रोगों की संभावनाओं को लेकर चेतावनी भी जारी कर दी।
राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रश्मि वर्मा का कहना है, "दिल्ली‑एनसीआर में अब मौसम का चक्र बदल रहा है। गर्मी के बाद अचानक बौछारें, विशेषकर बड़े धार्मिक त्यौहारों के दौरान, नागरिक जीवन को काफी प्रभावित कर रही हैं।" उन्होंने कहा कि शहर को जल निकासी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, खासकर दहींगरा, सरायबावन आदि क्षेत्रों में।
शहर प्रबंधन विभाग ने प्राथमिक उपाय के रूप में जल निकासी ग्रिड की त्वरित सफाई और मौसम की चेतावनियों को शहर के डिजिटल बोर्ड पर तुरंत अपडेट करने की घोषणा की है।
यदि 6 अक्टूबर को भी भारी बारिश होगी, तो अगले दो हफ्तों में और अधिक बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों की योजना को पुनः विचार करना पड़ेगा। साथ ही, प्रतीक्षित पर्यटन स्थलों में भी भीड़‑भाड़ कम होगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को आर्थिक असर का सामना करना पड़ सकता है।
जिनके लिए रावण दहन का औपनिवेशिक प्रतीकात्मक महत्व है, उनके लिए यह वर्ष संभवतः इतिहास में एक "बारिश वाले दशहरे" के रूप में दर्ज होगा।
कई स्थलों पर पुतले भीग कर गिर गए, जिससे आग लगाना असुरक्षित हो गया। आयोजकों ने सुरक्षा कारणों से दहन को रोका या देर से करने का निर्णय लिया, जबकि दर्शकों को छतरियों और छतों के नीचे शरण लेनी पड़ी।
नरेश कुमार ने येलो अलर्ट जारी किया था, जिसमें हल्की‑बारिश की संभावना थी। हालांकि वास्तविकता में तेज़ बूँदाबाँदी ने पूर्वानुमान से अधिक गिरावट दर्ज की, जिससे कई क्षेत्रों में जलजाम हो गया।
इमिड के अनुसार 3‑5 अक्टूबर तक हल्का बादलछाया और बिखरे हुए तूफान रहेंगे, जबकि 6 अक्टूबर को फिर से भारी बारिश की आशंका है। तापमान 34‑35°C के आसपास रहेगा, जिससे नमी का स्तर उच्च बना रहेगा।
जलजाम के कारण कई मुख्य सड़कों पर ट्रैफ़िक जाम जारी रहेगा, एटीएम और सार्वजनिक परिवहन में देरी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित रोगों की सम्भावना के कारण अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
उत्सव के रद्द होने और भीड़‑भाड़ में कमी से स्ट्रीट फूड वेंडर, स्नेह बिस्तर, और छोटे बाजारों की बिक्री में गिरावट आएगी। साथ ही, बारिश से साफ‑सफाई और जल निकासी सेवाओं के लिए अतिरिक्त खर्चे बढ़ सकते हैं।