पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारखंड में हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना पर बीजेपी नीत केंद्र सरकार को कड़ी आलोचना का शिकार बनाया है। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की रेल दुर्घटनाओं को संभालने की क्षमता पर सवाल उठाया है।
दुर्घटना शनिवार को साड़ीकेला-खरसावां जिले में बाराबाम्बू के पास हुई, जो जमशेदपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। हादसे में ट्रेन के 18 कोच पटरी से उतर गए, जिससे यात्री घबरा गए और घायल हो गए। ममता बनर्जी ने जोरदार शब्दों में कहा कि अब हादसे हर हफ्ते होने लगे हैं और सरकार की इस लापरवाही की वजह से लगातार लोगों की जान जा रही है।
ममता बनर्जी के अलावा, अन्य विपक्षी नेता भी इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना कर रहें हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार की रेल सुरक्षा को लेकर उसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि सरकार की जवाबदेही की कमी और रेल दुर्घटनाओं पर उसकी ‘शर्मनाक उदासीनता’ साफ नजर आ रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि हर बार जब कोई हादसा होता है, तो सरकार केवल जांच का आश्वासन देती है लेकिन उन जांचों का कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता। अगर सरकार पहले से सख्ती दिखाती और रेल नेटवर्क की सुरक्षा पर ध्यान देती, तो ऐसे हादसे कम हो सकते थे। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इसी प्रकार की चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को तुरंत अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना चाहिए।
ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक सरकार अपनी लापरवाही को छुपाती रहेगी? उन्होंने कहा कि यह देखना बेहद पीड़ादायक है कि ऐसे बड़े हादसे लगातार हो रहे हैं और केंद्र सरकार केवल खानापूर्ति में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है लेकिन जब जमीनी हकीकत की बात आती है तो कुछ नहीं किया जाता।
विपक्ष के नेताओं का कहना है कि सरकार को रेल सुरक्षा पर अधिक निवेश करना चाहिए और इसके लिए मजबूत कदम उठाने चाहिए। वे कहते हैं कि रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाई जानी चाहिए, जिसमें ट्रैक की नियमित जांच, सुरक्षा उपायों की सख्ती और नवीनतम तकनीकी उपायों का समावेश हो।
इसके विपरीत, केंद्र सरकार का कहना है कि वे इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराएंगे और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। रेलवे मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के प्रयास कर रही है और इसके लिए कई नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी।
लेकिन, विपक्षी दल इस प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि सरकार की नीतियों में भारी कमजोरी है और उन्हें तुरंत सुधार की आवश्यकता है।
भारत जैसे विशाल देश में रेल सुविधा की एहमियत बेहद बड़ी है। यह ना केवल लाखों लोगों के आवागमन का साधन है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। लेकिन हाल के हादसों ने सरकार की रेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता भी अब सरकार से सवाल कर रही है और उम्मीद कर रही है कि जल्द ही रेल नेटवर्क की सुरक्षा में सुधार होगा।
सरकार को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारियों को समझे और रेल सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाए। ऐसे में देशभर में त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।