WPL 2025 में RCB की नाकामी पर स्मृति मंधाना की खरी राय: बीच सीजन में हुई बड़ी चूक

WPL 2025 में RCB की नाकामी पर स्मृति मंधाना की खरी राय: बीच सीजन में हुई बड़ी चूक

अप्रैल 28, 2025 shivam sharma

RCB की 2025 WPL में गिरती लय: कप्तान स्मृति मंधाना ने खोला वजहों का राज

महिला प्रीमियर लीग (WPL 2025) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की कप्तान स्मृति मंधाना के लिए यह सीजन पिछली बार की खुशी लेकर नहीं आया। 2024 की चैंपियन टीम के बतौर मैदान में उतरी RCB की शुरुआत तो जबरदस्त रही, मगर बीच के मैचों में टीम की लय टूट गई। स्मृति ने खुलकर कहा कि टीम ने सीजन के बीच में फोकस खो दिया और इसी वजह से प्लेऑफ से बाहर होना पड़ा।

सीजन की शुरुआत में RCB का प्रदर्शन वैसा ही रहा जैसे चैंपियन टीम का होता है। पर जैसे ही टूर्नामेंट आगे बढ़ा, दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ लगातार हार मिली। स्मृति के मुताबिक इन बड़े मुकाबलों में हार ने टीम का आत्मविश्वास हिला दिया। सबसे अहम बात, टीम एकजुटता के बजाय व्यक्तिगत दम पर खेलती रही। कोई-कोई मैच में स्मृति खुद या किसी एक खिलाड़ी ने अच्छा खेल दिया, लेकिन बाकी खिलाड़ी साथ नहीं दे सके।

इंडिविजुअल परफॉर्मेंस बनाम टीम वर्क: क्या कहती हैं मंधाना?

स्मृति मानती हैं कि कुछ खिलाड़ियों का चमकना टीम को आगे नहीं ले जा सकता, जब तक पूरी टीम मिलकर प्रदर्शन न करे। RCB पूरे सीजन एक ऐसे फॉर्म में नहीं आ सकी जिसमें गेंदबाज और बल्लेबाज़, दोनों डिपार्टमेंट एक साथ चले। आंकड़ें बताने लगे कि RCB का पॉइंट्स टेबल पर फिसलना तय हो गया है। बेंगलुरु की कप्तान मानती हैं कि सिर्फ खुद पर या किसी दूसरे स्टार प्लेयर की फॉर्म पर निर्भर रहना भारी पड़ गया।

कई बार मैच की अहम घड़ियों में टीम के फैसले ग़लत दिशा में चले गए। जैसे कि दिल्ली के खिलाफ बड़े रन चेस में बैटिंग ऑर्डर में फेरबदल या मुंबई इंडियंस के खिलाफ आखिरी ओवर में स्पिनर को थमा देना। छोटे-छोटे फैसलों ने मिलकर पूरे सीजन का समीकरण बदल डाला।

  • RCB की ओपनिंग मजबूत रही, पर मिडल ऑर्डर फीका रहा।
  • बॉलिंग में डेथ ओवर्स में रन लुटे, जिससे कई मैच फिसल गए।
  • इंजरीज और प्लेइंग XI के लगातार बदलाव ने लय तोड़ी।
  • टीम मीटिंग्स और स्ट्रैटजी में क्लैरिटी की कमी दिखी।

पिछले साल खिताब जीतने की खुशी से टीम इस बार उबर नहीं पाई और प्रेशर हर मुकाबले में दिखने लगा। मंधाना ने साफ कहा कि हर मैच को नए सिरे से खेलने के जज्बे की जगह, टीम हालिया जीत-हार के दबाव से जूझती रही।

सीजन की समाप्ति पर RCB पॉइंट्स टेबल में प्लेऑफ से बाहर हो गई। फैन्स के लिए ये किसी झटके से कम नहीं था, क्योंकि सभी को पिछले साल के दोहराव का इंतजार था। स्मृति मंधाना अब अगली सीजन की तैयारी में सिर्फ इंडिविजुअल स्टार्स नहीं बल्कि पूरी टीम को एकजुट करने पर फोकस करने की बात कह रही हैं। महिला प्रीमियर लीग के ताजा माहौल में यही सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।

12 Comments

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    VIKASH KUMAR

    अप्रैल 29, 2025 AT 18:12
    ये RCB वालों ने तो सिर्फ स्मृति पर ही भरोसा किया था... बाकी टीम तो बस दर्शक बन गई। एक बार फिर नाम का खेल।
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    Abhijit Padhye

    अप्रैल 29, 2025 AT 21:14
    इंडिविजुअल टैलेंट तो हर टीम में होता है, लेकिन टीम का दिमाग अलग होता है। RCB के पास बल्लेबाज़ तो थे, पर वो खुद को एक टीम समझने की बजाय एक स्टार सिस्टम में फंस गए। जब तक ये नहीं समझेंगे कि क्रिकेट एक समूह है, न कि एक सोलो आर्टिस्ट का शो... ये लगातार फेल होते रहेंगे।
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    Shivani Sinha

    अप्रैल 30, 2025 AT 06:19
    sab kuchh sahi hai par team me koi leadership nahi thi... smriti bhi ek insaan hai aur uske upar itna pressure kyun? 😔
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    Rutuja Ghule

    मई 1, 2025 AT 10:09
    क्या आप लोग ये भूल गए कि 2024 में RCB को जीतने के लिए जो चमत्कार हुआ था, वो एक अनोखी घटना थी? इस साल उसी का दोहराव उम्मीद करना बेवकूफी है। टीम ने बस अपनी भूमिका समझी नहीं।
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    Tarun Gurung

    मई 3, 2025 AT 09:28
    मैं तो सोच रहा था कि बेंगलुरु के फैन्स इतने उत्साही क्यों हैं? देखो तो ये टीम तो एक बार जीत गई, फिर उसी के छाया में फंस गई। बल्लेबाज़ी में नई जवानी नहीं आई, गेंदबाज़ी में रणनीति गायब, और कोचिंग स्टाफ ने तो बस बैठकर देखा। ये टीम तो एक घर है जिसमें सब अलग-अलग दिशा में बातें कर रहे हैं।
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    nasser moafi

    मई 3, 2025 AT 19:27
    अरे भाई, RCB के फैन्स तो अब तक चैंपियनशिप के बारे में सपने देख रहे हैं... लेकिन ये टीम तो बस एक बार जीत गई, अब उसे दोहराने की उम्मीद कर रही है। भारत में तो हर टीम को चैंपियन बनना है... अगर नहीं तो वो फेल है। 😅
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    UMESH ANAND

    मई 4, 2025 AT 09:18
    यहाँ तक कि एक टीम के नेतृत्व के लिए भी व्यवस्थित योजना की आवश्यकता होती है। जब तक खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत लाभों के बजाय टीम के लाभ के लिए काम करने की शिक्षा नहीं दी जाती, तब तक ये विफलताएँ दोहराई जाएँगी। यह एक सामाजिक असफलता है, केवल खेल की नहीं।
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    vamsi Pandala

    मई 6, 2025 AT 05:39
    RCB ने तो सिर्फ दो मैच जीते थे ना? बाकी सब तो बस गिरते रहे। अब तो ये टीम लगती है जैसे कोई बार-बार फेल हो रहा हो। बस बात बना रहे हैं ना कि ये बड़ी टीम है।
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    Karan Chadda

    मई 7, 2025 AT 06:51
    इंडिया की महिलाएं तो दुनिया की बेस्ट हैं... पर RCB वालों ने तो इतना बदतर खेला कि मैंने सोचा ये किसी अन्य देश की टीम है। जब तक ये लोग अपने आप को नहीं सुधारेंगे, तब तक ये टीम बस एक बेकार का नाम रहेगी। 🤦‍♀️
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    Saravanan Thirumoorthy

    मई 8, 2025 AT 23:33
    हर टीम को एक बार जीतना होता है और एक बार हारना होता है अब तो सब ने देख लिया अब बस आगे बढ़ो
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    Tejas Shreshth

    मई 9, 2025 AT 16:12
    अगर आप एक टीम के लिए सिर्फ बल्लेबाज़ी की बात करते हैं, तो आप खेल की वास्तविकता को नहीं समझते। RCB के पास बैटिंग के लिए तो सब कुछ था, पर गेंदबाज़ी और रणनीति के लिए कोई विज्ञान नहीं था। ये टीम तो एक बार बाहर आ गई, अब उसे अपनी जड़ों में वापस जाना होगा।
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    Abhijit Padhye

    मई 10, 2025 AT 10:58
    तुम सब बातें कर रहे हो कि टीम ने फोकस खो दिया... पर क्या आपने कभी सोचा कि ये फोकस किसने खोया? बॉलिंग डिपार्टमेंट को नहीं तैयार किया गया, न ही नए खिलाड़ियों को अवसर दिया गया। टीम का नेतृत्व बस एक नाम बन गया। स्मृति ने तो अपना बोझ उठाया, लेकिन टीम ने उसका साथ नहीं दिया। अब अगले सीजन में अगर ये नहीं बदला तो फैन्स को अलविदा कहना पड़ेगा।

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