उत्तराखंड में मानसून अलर्ट: छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

उत्तराखंड में मानसून अलर्ट: छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

जून 16, 2025 shivam sharma

उत्तराखंड में वक्त से पहले मानसूनी हलचल

उत्तराखंड के कई हिस्सों में इन दिनों मौसम तेजी से करवट बदल रहा है। अभी आधिकारिक तौर पर मानसून की शुरुआत का समय नहीं आया, लेकिन बादल लगातार सक्रिय हैं और कई जगह हल्की-तेज बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग ने छह जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया है। इसका मतलब है कि इन जिलों में कहीं-कहीं तेज बारिश के साथ गरज-चमक की भी आशंका है। राज्य के पहाड़ी इलाकों में हालात कुछ ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि पहले से भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसे खतरे मौजूद रहते हैं।

उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चंपावत, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों की बात करें, तो इन इलाकों में बीते कुछ दिनों से मौसम लगातार गड़बड़ है। बादल घिर आते हैं, कभी अचानक तेज हवा चलने लगती है, और कहीं-कहीं पर खासी बारिश भी हो रही है। इन संकेतों से लग रहा कि मानसून उत्तराखंड की तरफ वक्त से पहले कदम बढ़ा सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी कमजोर-तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है। ये बारिश जून के दूसरे से तीसरे हफ्ते के बीच और बढ़ सकती है।

स्थानीय प्रशासन की तैयारियां और आम लोगों के लिए सलाह

स्थानीय प्रशासन की तैयारियां और आम लोगों के लिए सलाह

सरकार और प्रशासन ने हालात को देखते हुए लोगों को सजग रहने के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर उन लोगों को, जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं या फिर जरूरी काम से रोजाना आना-जाना करते हैं। सड़कों पर भूस्खलन की आशंका बनी हुई है, जिससे सफर बीच में ही रुक सकता है या फिर वाहनों को डायवर्ट किया जा सकता है। ट्रैवल करने वालों को कहा गया है कि मौसम अपडेट लगातार चेक करें और खराब मौसम में गैरजरूरी सफर टालें। ग्रामीण इलाकों में छोटे नालों और नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे अचानक की बाढ़ का खतरा रहता है।

स्थानीय प्रशासन स्कूलों, बाजारों और सार्वजनिक जगहों पर अलर्ट मोड में है। जरूरत पड़ी तो राहत-बचाव टीमों को भी चौकस किया गया है। फिलहाल, हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं, लेकिन किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए जिलेवार कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर भी चालू किए गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मानसून के दौरान बारिश का पैटर्न पिछले वर्षों जैसा ही रहने वाला है, यानी जून के मध्य या आखिरी हफ्ते में भारी बारिश के सबसे ज्यादा मौके हैं। इस वजह से सभी को थोड़ी ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। आपातकालीन किट, मोबाइल चार्जर, जरूरी दवाइयां और खाने-पीने की चीजें घर में तैयार रखें। पहाड़ी रास्तों पर चलने वालों को पत्थर गिरने का भी ध्यान रखना होगा।

18 Comments

  • Image placeholder

    ADI Homes

    जून 16, 2025 AT 21:53
    ये बारिश तो हर साल होती है, पर इस बार तो बादलों ने अपना दिल ही बदल दिया है। बस एक बार गांव वालों की बात सुन लो, वो जानते हैं कि ये क्या हो रहा है।
  • Image placeholder

    Chirag Desai

    जून 17, 2025 AT 07:10
    मैंने आज सुबह नैनीताल रोड पर देखा, एक तरफ बारिश, दूसरी तरफ बस चल रही थी। बस ड्राइवर ने बस इतना कहा - अब तो बारिश आ गई, अब तो रास्ता खुल गया।
  • Image placeholder

    Uday Teki

    जून 18, 2025 AT 20:55
    बारिश के बाद वो खुशबू आती है ना... 🌧️🍃 जैसे पृथ्वी सांस ले रही हो। इस बार भी वैसा ही महसूस हो रहा है।
  • Image placeholder

    VIKASH KUMAR

    जून 19, 2025 AT 11:48
    ये सब तो अभी शुरू हुआ है... अगले हफ्ते तो आकाश फट जाएगा! 🌪️ लोग घरों में बंद हो जाएंगे, बिजली जाएगी, और सब कुछ बंद! अभी से तैयार हो जाओ!
  • Image placeholder

    Ashwin Agrawal

    जून 21, 2025 AT 05:29
    मैंने पिछले साल उत्तरकाशी में बारिश में फंस गया था। रास्ता बंद, मोबाइल नहीं चल रहा था। लोग बस एक दूसरे के साथ बैठे थे, चाय पी रहे थे। ये बारिश नुकसान नहीं, बल्कि एक याद है।
  • Image placeholder

    Ira Burjak

    जून 22, 2025 AT 04:21
    अरे भाई, अलर्ट तो जारी है, लेकिन क्या कोई ये बता सकता है कि इन जिलों के लोगों को अभी तक कितनी बार ये सुनाना पड़ा है? अलर्ट तो बना लेते हैं, लेकिन राहत की व्यवस्था कहाँ है?
  • Image placeholder

    Abhi Patil

    जून 22, 2025 AT 07:09
    ये बारिश का अलर्ट तो बस एक औपचारिकता है। असली समस्या तो ये है कि हमने पहाड़ों के साथ अपना व्यवहार बदल लिया है। जंगल काटे, नदियों को रोक दिया, अब बारिश आती है तो भूस्खलन होता है। ये न्याय नहीं, ये नियति है।
  • Image placeholder

    Hitendra Singh Kushwah

    जून 23, 2025 AT 16:56
    मैं एक जलवायु विज्ञानी हूँ, और मैं कह सकता हूँ कि यह घटना पूर्व-मानसूनी असंतुलन का एक उदाहरण है, जिसका संबंध उत्तरी हिंद महासागर के तापमान विचलन से है। इसका विश्लेषण करने के लिए आपको एनसीएमपी से डेटा चाहिए।
  • Image placeholder

    Vipin Nair

    जून 24, 2025 AT 00:09
    बारिश नहीं बदल रही। हम बदल रहे हैं। पहाड़ तो हमेशा से रहे हैं। लेकिन हमने उनके दिल को तोड़ दिया। अब वो रो रहे हैं।
  • Image placeholder

    Hardeep Kaur

    जून 25, 2025 AT 23:30
    मैंने चंपावत में एक गांव में एक बुजुर्ग महिला से बात की। उन्होंने कहा - बच्चे आज नहीं जानते कि बारिश के बाद कैसे घर की छत ठीक करते थे। ये ज्ञान खो रहा है।
  • Image placeholder

    Devi Rahmawati

    जून 26, 2025 AT 08:13
    क्या कोई जानता है कि इन जिलों में स्कूलों को बंद करने की आधिकारिक प्रक्रिया क्या है? क्या ये निर्णय स्थानीय प्रशासन लेता है या राज्य स्तर पर?
  • Image placeholder

    NEEL Saraf

    जून 27, 2025 AT 03:40
    मैंने देखा कि रुद्रप्रयाग में एक छोटा सा बच्चा बारिश में नहाने भाग रहा था। उसकी माँ बस हँस रही थी। शायद यही सच्चा अलर्ट है - जब इंसान अपने आप को बारिश के साथ जोड़ लेता है।
  • Image placeholder

    rohit majji

    जून 27, 2025 AT 10:49
    ये बारिश हमें याद दिला रही है कि प्रकृति कभी भी रुकती नहीं। हम तो बस इंतजार कर रहे हैं कि वो हमारे लिए बन जाए। नहीं भाई, वो तो हमारे साथ बन रही है।
  • Image placeholder

    Shardul Tiurwadkar

    जून 28, 2025 AT 21:09
    अलर्ट जारी करने से पहले ये बताओ कि आपने कितने बार इन पहाड़ों के नीचे बसे गांवों को बचाया है? बस अलर्ट नहीं, बचाव चाहिए।
  • Image placeholder

    Shubham Yerpude

    जून 30, 2025 AT 05:14
    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। बारिश तो जानबूझकर बढ़ाई जा रही है ताकि लोग घबराएं और उनके घरों से निकल जाएं। फिर जमीन बेच दी जाएगी। अगर आप नहीं जानते, तो आप बस नियंत्रित हो रहे हैं।
  • Image placeholder

    Abhijit Padhye

    जून 30, 2025 AT 16:16
    मैंने एक वैज्ञानिक रिपोर्ट पढ़ी थी जिसमें कहा गया था कि अगले 10 साल में उत्तराखंड में बारिश का पैटर्न 47% बदल जाएगा। ये तो बस शुरुआत है।
  • Image placeholder

    Hemant Kumar

    जुलाई 1, 2025 AT 11:04
    मैंने गांव में एक बुजुर्ग को देखा, वो बारिश में बैठा था, और अपने हाथों से जमीन को छू रहा था। उसने कहा - ये धरती अभी भी बोलती है, बस हम सुनना भूल गए।
  • Image placeholder

    Haizam Shah

    जुलाई 3, 2025 AT 09:44
    क्या आप जानते हैं कि इस बारिश के बाद कितने बच्चे बीमार होंगे? कितने घर बंद हो जाएंगे? कितने लोग अपना रोजगार खो देंगे? अलर्ट तो बस एक शब्द है। असली आपदा तो इसके बाद आती है।

एक टिप्पणी लिखें