Sameer Wankhede ने Aryan Khan की Netflix श्रृंखला ‘The Ba**ds of Bollywood’ पर 2 करोड़ रुपये की मानहानि मुकदमा दायर किया

Sameer Wankhede ने Aryan Khan की Netflix श्रृंखला ‘The Ba**ds of Bollywood’ पर 2 करोड़ रुपये की मानहानि मुकदमा दायर किया

सितंबर 26, 2025 shivam sharma

मानहानि दायर करने के कारण

सितंबर 2025 में Sameer Wankhede ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक विस्तृत याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने Shah Rukh Khan की Red Chillies Entertainment, Netflix और कुछ अन्य निर्माताओं को defamation का आरोपी बनाया। याचिका के मुख्य बिंदु थे – श्रृंखला में उनका एक काल्पनिक किरदार दिखाया गया, जो वास्तव में उनके वास्तविक कार्यों को विकृत रूप में प्रस्तुत करता है।

Wankhede का कहना है कि ‘The Ba**ds of Bollywood’ में एक सीन है जहाँ ‘सत्यमेव जयते’ गान के बाद एक किरदार गाली‑गलौज भरा इशारा करता है। यह दृश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान को अपमानित करने वाला भी माना गया। उनके वकीलों ने इस पर Prevention of Insults to National Honour Act, 1971 के तहत दण्डनीय कार्रवाई का उल्लेख किया।

इसके अलावा, उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) और नई Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) के कई प्रावधानों का भी उल्लंघन बताया। उनका तर्क है कि series में इस्तेमाल किए गए एड़ियल कंटेंट राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुँचाते हैं और प्रतिबंधित सामग्री को बढ़ावा देते हैं।

  • Red Chillies Entertainment (Shah Rukh Khan, Gauri Khan)
  • Netflix India
  • सीरीज़ के निर्माता व सहयोगी

वकीलों ने यह भी रेखांकित किया कि इस मामले में अभी भी मुंबई में Bombay High Court और NDPS Special Court में चल रही सुनवाई के बीच, यह श्रृंखला जनता की राय को प्रभावित कर रही है। उनका मानना है कि ऐसे समय में संदिग्ध चित्रांकन से न्यायिक प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।

वित्तीय माँग के संदर्भ में, Wankhede ने व्यक्तिगत लाभ की बजाय पूरे 2 करोड़ रुपये का रकम Tata Memorial Cancer Hospital को दान करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने series के सभी स्ट्रीमिंग और वितरण पर स्थायी प्रतिबंध का आदेश देने की भी अपील की।

कोर्ट का फैसला और आगे की संभावनाएँ

कोर्ट का फैसला और आगे की संभावनाएँ

हाई कोर्ट ने कई हफ्तों तक मामला सुना, लेकिन अंततः याचिका को खारिज कर दिया। खारिज करने के कारणों में कोर्ट ने कहा कि कथित मानहानि के दावे को सिद्ध करने के लिये पर्याप्त ठोस प्रमाण नहीं प्रस्तुत हुए थे। साथ ही, फिल्म‑फ़िल्मी अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकारों को लेकर भी विचार किया गया, जिससे निर्माताओं की रचनात्मक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।

ख़ारिज निर्णय के बाद Wankhede ने तुरंत अपील का इरादा जताया। उनके वकीलों ने बताया कि वे इस फैसले के विरुद्ध दिल्ली हाई कोर्ट के अंतर्गत ही नहीं, बल्कि Supreme Court में भी चुनौती दे सकते हैं। अपील में मुख्य बिंदु फिर से मानहानि, राष्ट्रीय सम्मान का उल्लंघन और सार्वजनिक हित को लेकर होंगे।

साथ ही, Aryan Khan की तरफ से भी इस मामले को लेकर एक बयान जारी किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति को किसी भी व्यक्तिगत या सरकारी दबाव से नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य फिल्म‑उद्योग की अंधेरी कहानियों को उजागर करना है, न कि किसी विशेष अधिकारी को निशाना बनाना।

समय के साथ इस विवाद ने दो महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं – पहला, किस हद तक वास्तविक जीवन की घटनाओं को फिक्शन में बदलते समय व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की सुरक्षा आवश्यक है, और दूसरा, मनोरंजन उद्योग को राष्ट्रीय संवेदनशीलता के लिहाज से कितनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, ऐसे मुकदमों का भविष्य में और भी अहम भूमिका होगी। यदि Wankhede का मुकदमा आगे चलकर सफल हो जाता है, तो फिल्म‑फ़िल्मी निर्माताओं को अपनी स्क्रिप्टिंग में अधिक सतर्क रहना पड़ेगा। वहीं, अगर न्यायालय का खारिज फैसला अंतिम हो जाएगा, तो यह रचनात्मक स्वतंत्रता के पक्ष में एक मजबूत उदाहरण बन सकता है।

9 Comments

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    VIKASH KUMAR

    सितंबर 26, 2025 AT 16:09
    ये वाला सीन तो मैंने देखा था... असली में वो आदमी तो बहुत शांत लगता है, लेकिन यहाँ तो जैसे कोई बॉस को गाली दे रहा हो! 😂 ये फिल्में तो सच्चाई को भी बना देती हैं फिक्शन!
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    UMESH ANAND

    सितंबर 27, 2025 AT 12:48
    It is imperative to note that the sanctity of national symbols, as enshrined in the Prevention of Insults to National Honour Act, 1971, must be preserved above all artistic liberties. The dramatization of such a sensitive sequence constitutes a gross dereliction of civic duty and moral responsibility. This is not entertainment-it is an affront to the collective conscience of the nation.
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    Rohan singh

    सितंबर 28, 2025 AT 01:05
    दोनों तरफ की बात समझ में आती है। फिल्में असलियत को उजागर करती हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा के लिए लड़ रहा है, तो उसका भी अधिकार है। बस थोड़ा संतुलन बनाए रखें, दोनों को जीतने का रास्ता है। 🙌
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    Karan Chadda

    सितंबर 29, 2025 AT 07:34
    भाई ये फिल्म बनाने वाले तो देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं! 🇮🇳 अगर ये गाली देने वाला सीन चल गया तो अब क्या अगला राष्ट्रीय ध्वज फेंक देंगे? ये नेटफ्लिक्स तो अमेरिका का बनाया हुआ विष है! बैन कर दो इसे!
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    Shivani Sinha

    सितंबर 29, 2025 AT 15:37
    kya baat hai yaar... yeh sab log apne apne haq ke liye lad rahe hain... lekin film toh fiction hai na? agar har real person ki baat ki toh koi film nahi bani hoti... bas ek scene hai... koi bhi na koi bhi...
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    Tarun Gurung

    सितंबर 30, 2025 AT 13:04
    दोस्तों, ये सब तो बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है। लेकिन सच तो ये है कि फिल्में हमें असलियत के शीशे में देखती हैं। अगर वो आदमी असल में ऐसा नहीं है, तो फिर उसका नाम क्यों लगाया? अगर नाम नहीं लगाया तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन अगर फिक्शन में रियल लोगों को टारगेट किया जा रहा है, तो ये गलत है। बस इतना ही।
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    Rutuja Ghule

    अक्तूबर 2, 2025 AT 02:41
    अगर ये आदमी इतना चिंतित है कि उसकी तस्वीर फिल्म में दिख रही है, तो उसे खुद की नौकरी और अपने बर्ताव का जवाब देना चाहिए। फिल्में बनाने वाले नहीं, वो खुद अपने जीवन को ठीक करे। ये सब नाटक बहुत बोरिंग है।
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    vamsi Pandala

    अक्तूबर 3, 2025 AT 09:59
    ये सब तो बस धोखा है। वो आदमी तो अपने करियर के लिए ये मुकदमा खड़ा कर रहा है। नेटफ्लिक्स ने तो बस एक सीन बनाया, उसे भी नहीं दिखाया। लेकिन अब वो ट्रेंड कर रहा है... फेमस होने के लिए कुछ भी कर देते हैं आजकल!
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    nasser moafi

    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:38
    Bollywood ka drama, Netflix ka drama, aur ab Wankhede ka drama... sab milkar ek full-on Indian soap opera ban gaya! 😆 Agar yeh 2 crore Tata Hospital ko de diye, toh main bhi unki side pe hoon. Par agar yeh sirf publicity ka plan hai... toh bhai, tu toh ek superstar ban gaya! 🎬🇮🇳

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