ताजमहल को देखने आई 30 वर्षीय चेक टूरिस्ट के साथ 3 अप्रैल, 2025 को जो हुआ, वो आगरा की छवि पर दाग़ लगा गया। दोपहर करीब एक से दो बजे के बीच जब ये महिला ताजमहल के वेस्ट गेट पार्किंग इलाके से अकेले जा रही थी, तभी आगरा का 23 साल का सेल्समैन करन राठौर वहां आया। सड़क सुनसान थी, इसी का फायदा उठा कर आरोपी ने महिला को देख कर शरीर दिखाया, अश्लील हरकत की और भद्दी बातें कहने लगा। महिला घबरा गई, मगर हिम्मत नहीं हारी। आरोपी मौके से भाग गया, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका।
पर्यटक चुपचाप नहीं बैठी। उससे हिंदी नहीं आती थी, तो उसने एक ट्रांसलेशन ऐप से अपनी बात समझाई। उसकी मदद के लिए जिस होमस्टे में वो ठहरी थी, उसके मैनेजर आगे आए। अगले ही दिन, महिला ने थाने जाकर लिखित शिकायत दी। आगरा पुलिस के लिए चुनौती थी कि विदेश की महिला को न्याय दिलाने में कोई कसर न रहे।
शिकायत मिलते ही पुलिस मौके पर सक्रिय हुई। इस रास्ते और आसपास के इलाकों के पूरे सीसीटीवी कैमरे छाने गए। फुटेज खंगालने के बाद पुलिस की टीम आरोपी तक पहुंच गई। करन राठौर को 7 अप्रैल को ताजगंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 75(1) (यौन उत्पीड़न) और 78 (पीछा करने/स्टॉकिंग) में मामला दर्ज किया है। उसे कोर्ट के आदेश से जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद आगरा के सहायक पुलिस आयुक्त, सैयद आरिब अहमद ने खुद पीड़िता से मिलकर माफी मांगी। उन्होंने महिला को भरोसा दिलाया कि उसकी सुरक्षा भारत में पूरी तरह पुलिस की जिम्मेदारी है। अधिकारी ने महिला को यह भी अपील की कि वह पुलिस के संपर्क में रहे, ताकि आगे किसी भी मदद की जरूरत हो तो तुरंत मिल सके। हालांकि, Czech महिला तब तक शहर छोड़ चुकी थी और दूतावास को इसकी जानकारी बाद में मिली।
पूरे मामले ने दिखा दिया कि ताजमहल जैसे बड़े पर्यटन स्थल के पास भी कुछ लोग मौके की तलाश में रुकते नहीं हैं। विदेशी टूरिस्ट की त्वरित शिकायत और पुलिस की तेज़ कार्रवाई, दोनों ने मिलकर ये दिखाने की कोशिश की कि ऐसे मामलों में लापरवाही नहीं बरती जा सकती। आगरा पुलिस की फुर्ती के चलते आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचा, मगर पर्यटन की छवि पर सवाल भी खड़े हो गए हैं।