पेरिस ओलंपिक 2024: भारत बनाम अर्जेंटीना पुरुष हॉकी मैच के रोमांचक मोड़
पेरिस 2024 ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 29 जुलाई 2024 को अपने दूसरे पूल बी मैच में अर्जेंटीना का सामना किया। यह मैच पेरिस के प्रतिष्ठित यवेस-डू-म्नोइर स्टेडियम में खेला गया और इसका सीधा प्रसारण Sports18 और Sports18HD पर किया गया, जबकि JioCinema पर इसका लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध था। इस मैच का इंतजार दोनों टीमों के प्रशंसकों ने बेसब्री से किया था।
पहली और दूसरी तिमाही में कड़ी टक्कर
मैच की शुरुआत दोनों टीमों के आक्रामक खेल के साथ हुई। पहले क्वार्टर में भारतीय टीम और अर्जेंटीना दोनों ने कई अवसर बनाए, लेकिन कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। भारत ने गेंद पर अच्छी पकड़ बनाई लेकिन आखिरी समय में गेंद गंवा दी। अर्जेंटीना ने भी बेहतर खेल दिखाया, लेकिन भारतीय डिफेंस को भेद नहीं पाए।
दूसरे क्वार्टर की स्थिति थोड़ी अलग रही। भारत ने अच्छी शुरुआत की लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अर्जेंटीना ने एक महत्वपूर्ण मौका बनाया और उसके खिलाड़ी लुकास मार्टिनेज़ ने एक शानदार फील्ड गोल किया जो भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश के स्टिक से लगा और गोलपोस्ट में चला गया। इस गोल के साथ ही अर्जेंटीना ने 1-0 की बढ़त बना ली।
मध्यांतर के बाद भारतीय टीम का जवाब
हाफटाइम ब्रेक के दौरान भारतीय टीम को खुद को पुनर्गठित करने का मौका मिला। कोच और सपोर्ट स्टाफ ने खिलाड़ियों को रणनीतियों में बदलाव के निर्देश दिए। तीसरी तिमाही में भारतीय टीम ने कई हमले किए और अर्जेंटीना की डिफेंस को बार-बार चुनौती दी। हालाँकि, भारतीय टीम को गोल करने में सफलता नहीं मिल सकी। भले ही भारत को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन हरमनप्रीत सिंह उसे गोल में परिवर्तित नहीं कर सके।
चौथे और अंतिम क्वार्टर में फिर से संघर्ष
मैच के अंतिम क्वार्टर में दोनों टीमों ने अपने-अपने खेल में तीव्रता लाई। समय बीतता जा रहा था और भारत पर दबाव बढ़ रहा था। लेकिन भारतीय हॉकी टीम ने कभी हार नहीं मानी और अंत में, खेल के अंतिम क्षणों में, कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने एक महत्वपूर्ण गोल किया। हरमनप्रीत का यह गोल भारतीय टीम के लिए अमूल्य साबित हुआ और स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया।
फIH प्रो लीग में हुए मुकाबले की झलक
वैसे, इस मैच से पहले ही दोनों टीमों ने फIH प्रो लीग 2023-24 सीजन में भी खुद को परखा था। उस मुकाबले में भारतीय टीम ने पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से जीत दर्ज की थी, जबकि रेगुलेशन टाइम में स्कोर 2-2 से बराबर था। इस जीत से भारतीय टीम को आत्मविश्वास मिला था, लेकिन आज के मुकाबले में अर्जेंटीना से बराबरी पर संतोष करना पड़ा।
मैच का समापन: दोनों टीमों की सीख
पेरिस ओलंपिक 2024 के इस महत्वपूर्ण मैच का परिणाम दर्शा रहा था कि दोनों टीमों के बीच कितना करीबी मुकाबला था। भारतीय टीम को इस ड्रा से सबक मिला कि बहुत सारे मौके बनाना ही काफी नहीं होता, उन्हें भुनाना भी महत्वपूर्ण है। वहीं अर्जेंटीना को अपनी डिफेंस में थोड़ी सुधार की आवश्यकता महसूस हुई।
खेल के प्रशंसकों के लिए यह मैच रोमांचक और उत्साहवर्धक रहा, और इससे यह भी साबित हुआ कि हॉकी खेल में कभी भी कुछ भी हो सकता है। भविष्य में होने वाले मैचों के लिए दोनों टीमों को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी।
Chirag Desai
जुलाई 30, 2024 AT 21:35Abhi Patil
जुलाई 31, 2024 AT 09:43इस मैच को बस एक ड्रॉ के रूप में देखना गलत है। यह एक सांस्कृतिक और रणनीतिक विजय थी - भारतीय टीम ने फिल्ड गेमिंग के आधुनिक तरीकों को अपनाया है, जिससे वे अब यूरोपीय टीमों के साथ तुलनीय हो गए हैं। अर्जेंटीना की डिफेंस ने वास्तव में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन भारत के ऑर्गनाइजेशन में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। यह एक ट्रांसफॉर्मेशन है, न कि बस एक मैच।
हरमनप्रीत का गोल एक निर्णायक लॉन्च पॉइंट था - यह उसकी लीडरशिप और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है। इस तरह के गोल्स इतिहास बनाते हैं।
Devi Rahmawati
जुलाई 31, 2024 AT 12:15मैं इस मैच को देखकर बहुत प्रभावित हुई। भारतीय टीम की दृढ़ता और अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का व्यवहार दोनों ही उच्च स्तर के खेल के प्रति सम्मान का प्रतीक हैं। यह खेल न केवल शारीरिक बल का, बल्कि मानसिक साहस और सामूहिक एकता का भी प्रदर्शन है। इस तरह के मैचों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।
मैं आशा करती हूँ कि हम अपने स्कूलों और कॉलेजों में हॉकी को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करेंगे। यह खेल हमारी विरासत है।
Prerna Darda
अगस्त 1, 2024 AT 13:40लुकास मार्टिनेज़ का फील्ड गोल एक टेक्निकल मास्टरस्ट्रोक था - उसने फील्ड पर एक्सप्लॉइटेशन ऑफ स्पेस और डिफेंसिव वैकुअम का बखूबी इस्तेमाल किया। भारतीय डिफेंस ने अपने ट्रांसिशन प्लेस को अनकवर कर दिया, जिससे एक्स्टरनल प्रेशर बन गया।
हरमनप्रीत का गोल एक क्लासिक बैकलॉग एक्सीक्यूशन था - उसने डिफेंस के अंतराल को टारगेट किया, जो एक एंट्री जोन के नियमित उपयोग के बाद संभव हुआ। यह जीत नहीं थी, लेकिन यह एक फिजिकल और साइकोलॉजिकल टर्निंग पॉइंट था।
हमें अब फोकस इंटरमीडिएट फॉर्मेशन के अनुकूलन पर रखना चाहिए - फास्ट बैकफिल और फिल्ड ट्रांसमिशन की दक्षता बढ़ानी होगी। वर्तमान टीम अभी भी एक एलिट लेवल पर नहीं है, लेकिन यह दिशा सही है।
पेनल्टी कॉर्नर के लिए रिपीटेड अटैक लाइन डिज़ाइन में एक गैप है - यह एक बड़ी रिस्क फैक्टर है। अगले मैच में इसे रिवाइज करना होगा।
हमें इस ड्रॉ को एक विजय के रूप में नहीं, बल्कि एक फॉर्मेशन डेवलपमेंट स्टेज के रूप में देखना चाहिए।
rohit majji
अगस्त 2, 2024 AT 11:20Uday Teki
अगस्त 3, 2024 AT 21:27Haizam Shah
अगस्त 5, 2024 AT 10:04ये ड्रॉ बर्बादी है। हमने 70% मैच जीता था, फिर भी गोल नहीं किया? श्रीजेश का गोलकीपिंग बहुत अच्छा था, लेकिन ऑफेंस का जिम्मेदार कौन है? ये टीम फिर से बेकार बन रही है।
अर्जेंटीना के खिलाफ ड्रॉ लेना शर्म की बात है। अगर हम इतना बड़ा मौका छोड़ देंगे, तो ओलंपिक में गोल्ड का सपना कभी नहीं देखेंगे।
कोच को बदल देना चाहिए। ये रणनीति बेकार है।
Vipin Nair
अगस्त 6, 2024 AT 12:44Ira Burjak
अगस्त 6, 2024 AT 18:10हरमनप्रीत का गोल बहुत खूबसूरत था - लेकिन देखिए, अगर हम उस गोल के बाद भी बराबरी से संतोष हो जाएं, तो ये एक आदत बन जाएगी।
क्या हम वाकई उस एक गोल के लिए इतना लंबा इंतजार कर रहे हैं? अर्जेंटीना के खिलाफ ये ड्रॉ एक निशान है - न कि एक जीत।
हमें बस इतना याद रखना है कि खेल में जीत नहीं, बल्कि निरंतरता ही सच्ची जीत है।