पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ईवीकेएस इलांगोवन का लंबी बीमारी के बाद 75 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन एक लंबे समय से चल रही बीमारी के कारण हुआ, जो उन्होंने बहादुरी से सामना किया। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। इलांगोवन का जन्म 21 दिसंबर 1948 को गोबिचेट्टीपाल्यायम में हुआ था। वे महान द्रविड़ विचारक पेरियार रामासामी के प्रपौत्र थे। उनके पिता संपत भी राजनीतिक रूप से सक्रिय थे और द्रविड़ आंदोलन से जुड़े थे, जिनका बाद में कांग्रेस के साथ जुड़ाव हुआ।
ईवीकेएस इलांगोवन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 के दशक में की। उन्होंने 1984 में सथ्यमंगलम विधानसभा क्षेत्र, इरोड जिला से विधायक का चुनाव जीता। उस समय उनकी पार्टी का एआईएडीएमके के साथ गठबंधन था। वह चाणक्य की तरह राजनीति के कुशल रणनीतिकार माने जाते थे। उन्होंने राजनीति के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया और उनका Every Constituency Important मसीहा का सिद्धांत उनकी ताकत रही। उन्होंने तमिलनाडु कांग्रेस का नेतृत्व 2014 से 2016 तक किया और हाल ही में अपने बेटे की मृत्यु के उपरांत इरोड ईस्ट उपचुनाव में जीत प्राप्त की।
ईवीकेएस इलांगोवन ने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएँ दीं। वे पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री बने, जिसके पश्चात उन्होंने उद्योग और वाणिज्य तथा कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनकी भूमिका में CENVAT के उन्मूलन के लिए लागू किया गया, जो उनके राजनीतिक करियर का एक प्रमुख उपलब्धि थी। उनकी मंत्रिस्तरीय जिम्मेदारियों में कई बड़े फैसले शामिल थे, जो उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में क्रांति लेकर आए।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलांगोवन को 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका पिछले एक महीने से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया। उनकी मृत्यु के बाद तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सेल्वापेरुंतगई ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। उनके अनुसार, इलांगोवन का निधन न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी जीवन की अपूरणीय क्षति है। इलांगोवन अपनी स्पष्टता और साफगोई के लिए जाने जाते थे।
ईवीकेएस इलांगोवन की राजनीतिक यात्रा और योगदान कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने न केवल राजनीतिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक यथार्थवादी नीतियों के माध्यम से जनता की सेवा की। उनकी शक्तिशाली उपस्थिति और सहज व्यक्तित्व ने उन्हें एक पार्टी के नेता से अधिक कुछ बनाया और उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए कई उपलब्धियाँ संभव कीं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।