पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ईवीकेएस इलांगोवन का निधन, राजनीतिक यात्रा का एक अध्याय समाप्त

पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ईवीकेएस इलांगोवन का निधन, राजनीतिक यात्रा का एक अध्याय समाप्त

दिसंबर 15, 2024 shivam sharma

ईवीकेएस इलांगोवन का जीवन: योगदान और उपलब्धियाँ

पूर्व तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ईवीकेएस इलांगोवन का लंबी बीमारी के बाद 75 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन एक लंबे समय से चल रही बीमारी के कारण हुआ, जो उन्होंने बहादुरी से सामना किया। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। इलांगोवन का जन्म 21 दिसंबर 1948 को गोबिचेट्टीपाल्यायम में हुआ था। वे महान द्रविड़ विचारक पेरियार रामासामी के प्रपौत्र थे। उनके पिता संपत भी राजनीतिक रूप से सक्रिय थे और द्रविड़ आंदोलन से जुड़े थे, जिनका बाद में कांग्रेस के साथ जुड़ाव हुआ।

राजनीतिक करियर: एक सफल सफर

ईवीकेएस इलांगोवन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 के दशक में की। उन्होंने 1984 में सथ्यमंगलम विधानसभा क्षेत्र, इरोड जिला से विधायक का चुनाव जीता। उस समय उनकी पार्टी का एआईएडीएमके के साथ गठबंधन था। वह चाणक्य की तरह राजनीति के कुशल रणनीतिकार माने जाते थे। उन्होंने राजनीति के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया और उनका Every Constituency Important मसीहा का सिद्धांत उनकी ताकत रही। उन्होंने तमिलनाडु कांग्रेस का नेतृत्व 2014 से 2016 तक किया और हाल ही में अपने बेटे की मृत्यु के उपरांत इरोड ईस्ट उपचुनाव में जीत प्राप्त की।

केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवा

ईवीकेएस इलांगोवन ने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएँ दीं। वे पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री बने, जिसके पश्चात उन्होंने उद्योग और वाणिज्य तथा कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनकी भूमिका में CENVAT के उन्मूलन के लिए लागू किया गया, जो उनके राजनीतिक करियर का एक प्रमुख उपलब्धि थी। उनकी मंत्रिस्तरीय जिम्मेदारियों में कई बड़े फैसले शामिल थे, जो उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में क्रांति लेकर आए।

निधन का दुखद समाचार

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलांगोवन को 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका पिछले एक महीने से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया। उनकी मृत्यु के बाद तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सेल्वापेरुंतगई ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। उनके अनुसार, इलांगोवन का निधन न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी जीवन की अपूरणीय क्षति है। इलांगोवन अपनी स्पष्टता और साफगोई के लिए जाने जाते थे।

एक अनमोल राजनीतिक विरासत

ईवीकेएस इलांगोवन की राजनीतिक यात्रा और योगदान कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने न केवल राजनीतिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक यथार्थवादी नीतियों के माध्यम से जनता की सेवा की। उनकी शक्तिशाली उपस्थिति और सहज व्यक्तित्व ने उन्हें एक पार्टी के नेता से अधिक कुछ बनाया और उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए कई उपलब्धियाँ संभव कीं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

15 Comments

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    VIKASH KUMAR

    दिसंबर 15, 2024 AT 10:56
    ये वो आदमी थे जिन्होंने इरोड के हर गांव में अपना नाम छोड़ दिया... अब वो नहीं हैं, पर उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी 😢💔
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    UMESH ANAND

    दिसंबर 16, 2024 AT 08:51
    ईवीकेएस इलांगोवन जी के निधन के अवसर पर, मैं उनके राजनीतिक जीवन की अत्यंत उच्च नैतिकता एवं संस्थागत निष्ठा के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उनका जीवन एक नमूना है।
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    Rohan singh

    दिसंबर 16, 2024 AT 09:49
    इनका जीवन साबित करता है कि अगर तुम ईमानदारी से लोगों की सेवा करोगे, तो लोग तुम्हें कभी नहीं भूलेंगे। शांति से विश्राम करो, दादाजी। 🙏
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    Karan Chadda

    दिसंबर 18, 2024 AT 03:38
    अब तो बस बात हो रही है... किसी ने कभी इतना कुछ किया? अब तो सब अपने नाम के लिए झूठ बोलते हैं। ये लोग तो असली नेता थे 😤🇮🇳
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    Shivani Sinha

    दिसंबर 18, 2024 AT 05:56
    कांग्रेस ने इतने बड़े इंसान को खो दिया... अब तो बस नाम बदल के चल रहे हैं बाकी सब बोर्ड पर लिखे हुए हैं
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    Tarun Gurung

    दिसंबर 19, 2024 AT 01:38
    इलांगोवन जी की बातों में हमेशा एक असली द्रविड़ आंदोलन की आवाज़ थी... उन्होंने केवल चुनाव नहीं, बल्कि विचारों को भी जीवित रखा। उनके बिना राजनीति अधूरी लगती है। उनकी बातें अभी भी हमारे कानों में गूंज रही हैं।
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    Rutuja Ghule

    दिसंबर 20, 2024 AT 11:27
    इनकी उपलब्धियाँ बहुत बड़ी थीं, लेकिन क्या ये सब असली नेतृत्व था? या बस एक अच्छा रणनीतिकार थे? आज के राजनीति में ऐसे लोगों की जरूरत है, न कि बस नाम के लिए चलने वाले।
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    vamsi Pandala

    दिसंबर 22, 2024 AT 03:21
    ये तो बस एक और नेता गया... जब तक लोग याद करेंगे तब तक जिंदा रहेगा। अब जल्दी से अगला नाम बना लो ताकि फिर से मीडिया वाले इसे ट्रेंड कर सकें।
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    nasser moafi

    दिसंबर 22, 2024 AT 20:28
    तमिलनाडु की राजनीति में एक असली गायब हुआ... अब बस टीवी पर बोलने वाले रह गए। इलांगोवन जी का जीवन एक बुक था, न कि एक ट्वीट। 📖🇮🇳
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    Saravanan Thirumoorthy

    दिसंबर 23, 2024 AT 18:38
    इलांगोवन जी का निधन एक बड़ी कमी है लेकिन देश के लिए अभी और भी बड़ी चुनौतियाँ हैं जिन्हें हमें सामना करना होगा
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    Tejas Shreshth

    दिसंबर 24, 2024 AT 14:13
    क्या आप जानते हैं कि उनके पिता ने द्रविड़ आंदोलन को कांग्रेस में शामिल करने के लिए एक नया राजनीतिक विकल्प बनाया? ये तो बस एक नेता नहीं, एक सामाजिक रूपांतरण का कारक थे।
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    Hitendra Singh Kushwah

    दिसंबर 25, 2024 AT 11:56
    उनके बाद कौन आएगा? क्या अब तमिलनाडु में बस बोलने वाले ही बचेंगे? असली नेता तो अब दुर्लभ हो गए।
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    sarika bhardwaj

    दिसंबर 25, 2024 AT 22:18
    CENVAT के उन्मूलन का उल्लेख तो किया गया... पर उनकी राजनीतिक रणनीति के अंतर्गत जनता के सामाजिक अधिकारों के विस्तार का कोई उल्लेख नहीं? ये तो बस एक ब्यूरोक्रेटिक नेता थे।
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    Dr Vijay Raghavan

    दिसंबर 26, 2024 AT 00:59
    मैं उनके साथ इरोड में एक जनसभा में गया था... उन्होंने एक गरीब महिला को रोककर पूछा, 'तुम्हारे बच्चे का शिक्षा बिल कैसे है?' वो नेता थे जो लोगों को देखते थे, न कि वोट बैंक।
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    Partha Roy

    दिसंबर 27, 2024 AT 20:23
    सब रो रहे हैं... पर क्या उनकी नीतियों ने वाकई गरीबों की मदद की? या बस चुनावी नाम के लिए नाम बनाया? अब तो बस इतिहास बन गया बाकी सब बस एक लिस्ट है

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