इस वर्ष सऊदी अरब में हज यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अत्यधिक कठिनाइयाँ सामने आईं। हज यात्रा के दौरान तीव्र गर्मी की वजह से 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इस बार गर्मी का प्रकोप बेहद खतरनाक रहा और तापमान 49 डिग्री सेल्सियस (120 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक पहुँच गया। इस वार्षिक धार्मिक महासमर में यह स्थिति बेहद चिंताजनक रही।
मृतकों में अधिकतर मिस्र के तीर्थयात्री थे। इसके अलावा, 31 अधिकृत तीर्थयात्री भी पुरानी बीमारियों के कारण काल का ग्रास बन गए। इसके अलावा, मक्का आपातकालीन परिसर के शवगृह में लगभग 630 तीर्थयात्रियों को चिन्हित किया गया, जिनका अधिकांश रूप से उस समय तक अंतिम संस्कार हो गया था। मृतकों में इंडोनेशिया, भारत, जॉर्डन, ट्यूनीशिया, मोरक्को, अल्जीरिया, मलेशिया और यू.एस. के तीर्थयात्री भी शामिल थे।
सऊदी अरब में इस वर्ष हज यात्रा में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कठिनाईयाँ बढ़ गई थीं। तीव्र गर्मी और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं के कारण कई तीर्थयात्रियों का निधन हो गया। मिस्र सरकार ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने सम्बंधित दस्तावेजों के बिना तीर्थयात्री भेजे थे। ये एजेंसियां समर्पित सेवाओं का प्रावधान करने में असफल रहीं और गैर-मक्का वीज़ा संपन्न तीर्थयात्रियों की अवैध सहायता की। इन एजेंसियों के कर्मचारियों की जाँच मुकदमा चलाया जा रहा है।
इस वर्ष हज यात्रा में विश्वभर के मुस्लिम समुदाय ने भाग लिया। यह इस्लाम का एक मौलिक कार्य है और इस वर्ष 1.83 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों ने इसमें भाग लिया। इसमें सऊदी नागरिकों और निवासियों के साथ-साथ अन्य देशों से आए लोग भी शामिल थे। तीव्र गर्मी के चलते इस वर्ष मृत्यु दर काफी अधिक रही।
अत्यधिक गर्मी से बचाव के उपायों की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की सीमाएँ और भीड़भाड़ के चलते यह घटना विभिन्न सोशल मीडिया और न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बनी हुई है। हालाँकि, सऊदी सरकार ने स्थिति पर लगाम लगाने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं, लेकिन इस त्रासदी से सिखने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईमानदारी से विचार और प्रयास जरूरी हैं।
मृत तीर्थयात्रियों के परिवारों के लिए यह सदमा असहनीय है। तमाम सरकारें अपने नागरिकों के शव और अवशेष लौटाने में लगी हैं और मानसिक सहारा देने के लिए भी प्रयासरत हैं। इस तरह की घटनाएँ सदैव तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर एक महत्वपूर्ण प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना आवश्यक है।
हालांकि हज यात्रा एक धार्मिक कर्तव्य है, लेकिन इस वर्ष की त्रासदी ने तीर्थयात्रियों और आयोजकों के लिए कई महत्वपूर्ण सबक छोड़े हैं। समय की मांग है कि समान परिस्थितियों में सुधार के लिए संगठित कार्यवाही और सावधानी बरती जाए।