हज यात्रा के दौरान गर्मी से 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

हज यात्रा के दौरान गर्मी से 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

जून 24, 2024 shivam sharma

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी से मौतें

इस वर्ष सऊदी अरब में हज यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अत्यधिक कठिनाइयाँ सामने आईं। हज यात्रा के दौरान तीव्र गर्मी की वजह से 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इस बार गर्मी का प्रकोप बेहद खतरनाक रहा और तापमान 49 डिग्री सेल्सियस (120 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक पहुँच गया। इस वार्षिक धार्मिक महासमर में यह स्थिति बेहद चिंताजनक रही।

मृतकों में अधिकतर मिस्र के तीर्थयात्री थे। इसके अलावा, 31 अधिकृत तीर्थयात्री भी पुरानी बीमारियों के कारण काल का ग्रास बन गए। इसके अलावा, मक्का आपातकालीन परिसर के शवगृह में लगभग 630 तीर्थयात्रियों को चिन्हित किया गया, जिनका अधिकांश रूप से उस समय तक अंतिम संस्कार हो गया था। मृतकों में इंडोनेशिया, भारत, जॉर्डन, ट्यूनीशिया, मोरक्को, अल्जीरिया, मलेशिया और यू.एस. के तीर्थयात्री भी शामिल थे।

दु:खद परिस्थितियों में गुजरी हज यात्रा

दु:खद परिस्थितियों में गुजरी हज यात्रा

सऊदी अरब में इस वर्ष हज यात्रा में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कठिनाईयाँ बढ़ गई थीं। तीव्र गर्मी और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं के कारण कई तीर्थयात्रियों का निधन हो गया। मिस्र सरकार ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने सम्बंधित दस्तावेजों के बिना तीर्थयात्री भेजे थे। ये एजेंसियां समर्पित सेवाओं का प्रावधान करने में असफल रहीं और गैर-मक्का वीज़ा संपन्न तीर्थयात्रियों की अवैध सहायता की। इन एजेंसियों के कर्मचारियों की जाँच मुकदमा चलाया जा रहा है।

विश्वव्यापी उपस्थिति में हुई हज यात्रा

विश्वव्यापी उपस्थिति में हुई हज यात्रा

इस वर्ष हज यात्रा में विश्वभर के मुस्लिम समुदाय ने भाग लिया। यह इस्लाम का एक मौलिक कार्य है और इस वर्ष 1.83 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों ने इसमें भाग लिया। इसमें सऊदी नागरिकों और निवासियों के साथ-साथ अन्य देशों से आए लोग भी शामिल थे। तीव्र गर्मी के चलते इस वर्ष मृत्यु दर काफी अधिक रही।

अत्यधिक गर्मी से बचाव के उपायों की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की सीमाएँ और भीड़भाड़ के चलते यह घटना विभिन्न सोशल मीडिया और न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बनी हुई है। हालाँकि, सऊदी सरकार ने स्थिति पर लगाम लगाने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं, लेकिन इस त्रासदी से सिखने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईमानदारी से विचार और प्रयास जरूरी हैं।

परिवारों का दुखद अनुभव

परिवारों का दुखद अनुभव

मृत तीर्थयात्रियों के परिवारों के लिए यह सदमा असहनीय है। तमाम सरकारें अपने नागरिकों के शव और अवशेष लौटाने में लगी हैं और मानसिक सहारा देने के लिए भी प्रयासरत हैं। इस तरह की घटनाएँ सदैव तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर एक महत्वपूर्ण प्रश्नचिह्न खड़ा करती हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना आवश्यक है।

हालांकि हज यात्रा एक धार्मिक कर्तव्य है, लेकिन इस वर्ष की त्रासदी ने तीर्थयात्रियों और आयोजकों के लिए कई महत्वपूर्ण सबक छोड़े हैं। समय की मांग है कि समान परिस्थितियों में सुधार के लिए संगठित कार्यवाही और सावधानी बरती जाए।

14 Comments

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    Karan Chadda

    जून 25, 2024 AT 06:19
    ये सऊदी वाले तो बस धन कमा रहे हैं बाकी किसी की जान पर कोई फिक्र नहीं। हज के लिए इतनी गर्मी में भेजना तो बर्बरता है। 😡
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    Shivani Sinha

    जून 25, 2024 AT 07:40
    bhagwan ne kaha tha ki haj karna zaroori hai par kya isliye logon ki jaan jaye?? yeh toh koi ibadat nahi balki qatl hai
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    Tarun Gurung

    जून 26, 2024 AT 00:16
    इस तरह की त्रासदी में गुस्सा करना तो आसान है, पर समाधान ढूंढना ज्यादा मुश्किल। हमें अपने देश के एजेंसियों पर नजर रखनी चाहिए - जो बिना वीज़ा के भी लोगों को भेज रही हैं। और हाँ, सऊदी के साथ बातचीत भी जरूरी है, लेकिन बिना नफरत के। 🤝
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    Rutuja Ghule

    जून 26, 2024 AT 04:35
    हज को धार्मिक कर्तव्य बताना बहुत आसान है, लेकिन जब इसकी वजह से लोग मर रहे हैं तो ये अंधविश्वास है। आजकल के जमाने में ऐसी जोखिम भरी यात्रा क्यों? बस बुढ़ापे के लोगों को भेज रहे हो ताकि तुम्हारी आत्मा शांत हो जाए।
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    vamsi Pandala

    जून 26, 2024 AT 14:22
    अरे यार इतने लोग मर गए और सऊदी वाले अभी तक एक शिकायत नहीं किया? ये तो लोगों को बेच रहे हैं ना? अब तो बस भारत सरकार को बाहर निकालना चाहिए इन लोगों को। 😭
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    nasser moafi

    जून 27, 2024 AT 21:07
    मुस्लिम दुनिया ने हज को बाजार बना दिया है। एक तरफ बिना वीज़ा भेजने वाले एजेंट, दूसरी तरफ गर्मी में लोगों को भेजने वाले देश। बस इतना ही नहीं, अब लोग यहाँ दिखाने के लिए जा रहे हैं। असली ईमान कहाँ है? 🤔
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    Saravanan Thirumoorthy

    जून 29, 2024 AT 14:10
    हमारी सरकार तो बस बयान देती है और भाग जाती है असली जिम्मेदारी से अपने नागरिकों के लिए कुछ नहीं कर रही
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    Tejas Shreshth

    जून 30, 2024 AT 21:40
    अरे भाई, ये सब तो आधुनिकता के खिलाफ एक प्राचीन रिवाज है। आज 21वीं सदी में, जब एआई और वैक्सीन इतने आगे हैं, तो ऐसी यात्रा क्यों? ये तो जनसामान्य के लिए एक धार्मिक बंधन है जिसे कोई नहीं तोड़ पा रहा।
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    Hitendra Singh Kushwah

    जुलाई 1, 2024 AT 02:36
    हज का असली मतलब तो ईमान है, न कि एक टूरिस्ट ट्रिप। लेकिन अब ये बिजनेस हो गया है। जिनके पास पैसा है, वो जाते हैं। जिनके पास नहीं, वो बेचारे लोगों को भेज देते हैं। इस तरह की व्यवस्था का खात्मा होना चाहिए।
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    sarika bhardwaj

    जुलाई 2, 2024 AT 10:33
    इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें धार्मिक नेताओं को नियंत्रित करना होगा। उन्हें अपने समुदायों को शांति से जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। नहीं तो ये अपराध जारी रहेगा। 🙏
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    Dr Vijay Raghavan

    जुलाई 3, 2024 AT 16:15
    हमारे लोग अभी भी इस तरह की यात्रा के लिए तैयार हैं। ये देश की जान है। हमारी सरकार को बस एक बार अपने नागरिकों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। बाकी तो सऊदी का मामला है।
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    Partha Roy

    जुलाई 5, 2024 AT 04:47
    अगर ये लोग इतने ज्यादा गर्मी में जा रहे हैं तो उन्हें अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए। कोई नहीं उन्हें जाने के लिए मजबूर कर रहा। ये तो अपनी मूर्खता के लिए मर रहे हैं।
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    Kamlesh Dhakad

    जुलाई 5, 2024 AT 20:25
    मुझे लगता है हम सबको एक साथ बैठकर बात करनी चाहिए - सऊदी, भारत, इंडोनेशिया, मिस्र। इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो इसके लिए एक सामान्य नियम बनाना होगा। बस एक बार दिमाग लगाओ।
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    ADI Homes

    जुलाई 7, 2024 AT 14:45
    कुछ लोग मर गए, बहुत दुख की बात है। पर अब इसे रोकने के लिए कुछ करना होगा। नहीं तो अगले साल भी ऐसा ही होगा। शायद अगले साल तो बहुत ज्यादा गर्मी होगी।

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