महिला आयोग प्रमुख पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

महिला आयोग प्रमुख पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

जुलाई 8, 2024 shivam sharma

महिला आयोग प्रमुख पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि यह कार्रवाई महिला आयोग की संयुक्त सचिव ए. अशोली चालई द्वारा पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को लिखे एक पत्र के आधार पर की गई है। पत्र में चालई ने मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

एफआईआर के पीछे की वजह

सूचना के अनुसार, यह एफआईआर महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किए गए एक पोस्ट को लेकर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि महुआ मोइत्रा ने एक पोस्ट में शर्मा के बारे में कुछ अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसे बाद में हटा लिया गया था। इस पोस्ट में शर्मा के सामने एक आदमी छाता लिए खड़ा दिखाया गया था और यह घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस में 4 जुलाई को एक भगदड़ स्थल की रेखा शर्मा के दौरे के दौरान हुई थी।

एनसीडब्ल्यू ने इस पोस्ट का नोटिस लेते हुए कहा कि यह एक महिला के गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। आयोग का कहना है कि यह मुद्दा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 के तहत आता है, जो महिलाओं की मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों, इशारों या कार्यों से संबंधित है।

महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया

महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में चुप्पी नहीं साधी और एनसीडब्ल्यू की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है, तो उन्हें नए अधिनियम के तहत एक और सीरियल अपराधी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। मोइत्रा की इस टिपण्णी से मामला और रोचक हो गया है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

राजनीतिक वातावरण में हलचल

मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मोइत्रा को टीएमसी से बर्खास्त करने की मांग की है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस प्रकार की भाषा और टिप्पणीयां सार्वजनिक जीवन में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

यह घटना राजनीतिक धाराओं में और विभाजन पैदा कर रही है, जहां एक तरफ महिला सशक्तिकरण का स्वर मजबूती पकड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इसी मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। मामला अब एक सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़कर राजनीतिक हंगामा बन चुका है, जिसे हल्के में लेना संभव नहीं है।

महुआ मोइत्रा की इस पोस्ट के बाद से उन्हें राजनीतिक और सामजिक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में कौन सी नई ख़बरें सामने आती हैं और क्या वास्तव में मोइत्रा के खिलाफ किसी विशेष कार्रवाई का परिणाम सामने आता है।

मामले का कानूनी पहलू

मामले का कानूनी पहलू

कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 79 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। इस धारा के अंतर्गत, किसी महिला की मर्यादा का अपमान करने वाले शब्द, इशारे या काम अनुचित माने जाते हैं, और इसके लिए सजा का प्रावधान है।

मामले की जांच चल रही है और पुलिस का कहना है कि सभी सबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में, यह बात भी महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से पहले उसकी वैधता और समाज पर उसके प्रभाव को सोचना चाहिए। यह ना केवल कानूनी बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक है।

सोशल मीडिया और जुड़े खतरे

सोशल मीडिया और जुड़े खतरे

आज के समय में सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है जहां लोग अपनी राय और विचार साझा करते हैं। लेकिन इसी मंच का गलत उपयोग और किसी की छवि खराब करने की नियत से किए गए पोस्ट समाज में विभाजितता और तनाव उत्पन्न कर सकते हैं।

महुआ मोइत्रा का यह मामला इसी बात का प्रतीक है कि सोशल मीडिया पर किसी भी अतिरेकी या संवेदनशील मुद्दे पर टिप्पणी करने से पहले सोच-विचार करना अनिवार्य है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि बिना सोचे-समझे किए गए पोस्ट कैसे एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकते हैं।

अन्य घटनाओं के संदर्भ

यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी को लेकर किसी राजनीतिक हस्ती या सार्वजनिक व्यक्ति को आलोचना का सामना करना पड़ा हो। पिछले वर्षों में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के कारण विवाद उत्पन्न हुए हैं।

इसलिए यह आवश्यक है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोग एक जिम्मेदार सामाजिक व्यवहार का पालन करें और इस बात का ध्यान रखें कि उनकी किसी भी प्रकार की टिप्पणी समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित कर सकती है।

निष्कर्ष

महुआ मोइत्रा के खिलाफ दर्ज की गई यह एफआईआर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है जो न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी ध्यान देने योग्य है। यह मामला आने वाले दिनों में और भी कई नई परतें खोलेगा और इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक हलकों में भी कई उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।

5 Comments

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    ADI Homes

    जुलाई 9, 2024 AT 03:25
    ये सब टीका-टिप्पणी तो बस इंटरनेट पर गुस्सा निकालने का तरीका बन गया है। कोई भी चीज़ चल रही हो तो उसका एक बदला बन जाता है। असली समस्या तो ये है कि हम सब एक-दूसरे को इतना जगह नहीं देते कि बात हो सके।
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    Hemant Kumar

    जुलाई 9, 2024 AT 19:57
    मुझे लगता है कि इस तरह के पोस्ट्स को लेकर इतना बड़ा मामला बनाना ज़रूरी नहीं है। शायद वो बस एक बात कहना चाहती थीं और उसका तरीका गलत निकला। लेकिन इतना बड़ा फसाद तो बन गया।
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    NEEL Saraf

    जुलाई 11, 2024 AT 19:00
    क्या हम भूल गए कि महिलाएं भी गलती कर सकती हैं? और उनकी गलतियों को भी उतना ही गंभीरता से लेना चाहिए जितना कि किसी पुरुष की? ये सब राजनीति तो बस एक चित्र बनाने के लिए है... असली बात तो ये है कि हम सब एक-दूसरे को सुनने की कोशिश करें। बस इतना सा।
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    Ashwin Agrawal

    जुलाई 12, 2024 AT 08:38
    मुझे लगता है कि इस मामले में दोनों तरफ की बात सुननी चाहिए। अगर कोई बात गलत है तो उसका जवाब भी गलत नहीं होना चाहिए। लेकिन अब तो सब कुछ बहुत ज़्यादा बढ़ गया है।
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    Shubham Yerpude

    जुलाई 12, 2024 AT 16:43
    यह सब एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है। ये सब बस भारत की सांस्कृतिक एकता को तोड़ने के लिए है। जब तक हम अपने आप को इन लोगों के खिलाफ नहीं खड़े करेंगे, तब तक ये चलता रहेगा। यह एक बड़ा षड्यंत्र है।

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