जब Canara Robeco Asset Management Company Limited (CRAMC) ने अपना ऑफर फ़ॉर सेल (OFS) IPO लॉन्च किया, तो बाजार की निगाहें तुरंत इस सौदे पर टिक गईं। यह सार्वजनिक प्रस्ताव Canara Bank और जापान की ORIX Corporation के बीच के साझेदारी को दर्शाता है, जहाँ दोनों प्रमोटर अपने‑अपने हिस्से घटाकर नई हिस्सेदारी बनाते हैं। मुंबई में स्थित कंपनी ने 9 अक्टूबर 2025 को सब्सक्रिप्शन शुरू किया और 13 अक्टूबर तक इसे समाप्त किया, कीमत बैंड 253 से 266 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। इस ऑफ़र से कुल 1,326.13 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य था, जिसमें 4.99 करोड़ शेयर बेचे जाने थे।
Mukesh Yadav
अक्तूबर 16, 2025 AT 22:28ये IPO तो फिर से बैंकों का खेल है।
Yogitha Priya
अक्तूबर 23, 2025 AT 22:28अभी के बाजार में बड़ी फंडिंग के इरादे आम हैं, लेकिन इस ऑफ़र में कई सवाल छिपे हैं। Canara Robeco की साझेदारी को देख के लगता है कि विदेशी पेंशन फंड की उलझनें अभी भी जारी हैं। साथ ही, 1,326 करोड़ का लक्ष्य सच में असाधारण है, लेकिन निवेशकों को जोखिमों का सही आंकलन करना चाहिए। कुल मिलाकर, यह मोमेंटम की तरह लग रहा है, लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है।
Rajesh kumar
अक्तूबर 30, 2025 AT 22:28Canara Robeco का IPO देख कर ऐसा लगता है कि सरकार और विदेशी निवेशकों के बीच एक अजनबी गठबंधन चल रहा है।
इसमें जो हिस्सेदारी पुनर्वितरित की जा रही है, वह राष्ट्रीय हितों के लिए एक गुप्त मोड़ हो सकता है।
जापानी ORIX का जुड़ाव भारतीय बैंकों की स्वायत्तता को धीरे‑धीरे कम कर रहा है।
किसी के भी ध्यान नहीं जाता कि 253‑266 रुपये की कीमत बैंड क्यों चुना गया, यह शायद एरर एंड कॉस्ट मर्जिन को कवर करने के लिये है।
ऐसी कीमत पर 4.99 करोड़ शेयर बेचना, यह दर्शाता है कि कंज़्यूमर फंड्स को कूद के लालच में धकेला जा रहा है।
वित्तीय बाजार में इतनी बड़ी धनराशि को आकर्षित करने के लिये, कई गैर‑पारदर्शी प्रोटोकॉल लागू होते हैं।
यदि आप इतिहास देखें तो, बड़े निजी फंडों ने अक्सर समान OFS को अपनाया है, जो अंत में छोटे निवेशकों को नुकसान पहुँचाता है।
इसमें लगी 1,326 करोड़ की लक्ष्य राशि, यह राष्ट्रीय निवेशकों के प्रति एक धोखा जैसी बहुत बड़ी संख्या है।
अक्सर देखा गया है कि ऐसे बड़े बंडल में, लिक्विडिटी धुंधली हो जाती है और दीर्घकालिक रिटर्न घटता है।
साथ ही, Canara Bank की मौजूदा बौद्धिक संपदा भी इस डील में धुंधली हो रही है, जो राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालता है।
नियामक संस्थाएँ इस तरह के डील की सख्त जांच नहीं करती, जिससे संभावित धोखाधड़ी की संभावना बढ़ती है।
इसलिए, निवेशकों को चाहिए कि वे इस ऑफ़र को केवल संख्यात्मक आंकड़ों की रोशनी में नहीं, बल्कि रणनीतिक जोखिम के आधार पर देखें।
ध्यान रखें कि हर उच्च रिटर्न का मतलब ही उच्च जोखिम नहीं, बल्कि कई बार उच्च जोखिम के पीछे छुपा होता है।
बैंकिंग सेक्टर के इस बड़े खेल में, आम जनता अक्सर जुड़ती नहीं, लेकिन जब जुड़ती है तो बड़ी हानि उठानी पड़ती है।
अंत में, मैं यही कहूँगा कि यह ऑफ़र केवल एक वित्तीय घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आर्थिक संप्रभुता की परीक्षा है।
Bhaskar Shil
नवंबर 6, 2025 AT 22:28OFS (Offer for Sale) एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ प्रचलित शेयरधारक अपने हिस्से को सार्वजनिक रूप से बेचना चाहते हैं। इस केस में, Canara Bank व ORIX दोनों अपने हिस्से को घटाकर नए प्रमोटर को बेच रहे हैं, जिससे शेयर संरचना में बदलाव आता है। फाइनेंशियल मॉडलिंग के अनुसार, यह मूल्य बैंड 253‑266 रुपये मार्केट वैल्यू को प्रतिबिंबित करता है, लेकिन इसका प्रभाव डिल्यूशन पर भी पड़ता है। निवेशकों को चाहिए कि वे इस डील के एंगल्स को समझें, जैसे कि लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम, और एंट्रिप्राइज़ वैल्यू।
Halbandge Sandeep Devrao
नवंबर 13, 2025 AT 22:28सिद्धान्ततः, वित्तीय बाजारों में परिसंपत्ति पुनःवितरण को “सिस्टमिक रिस्क रीअस्सेसमेंट” कहा जाता है, जो निवेशक पैथवेज़ को प्रभावित करता है। CRAMC के IPO में प्रयुक्त मूल्य बैंड को “इंट्रिंसिक वैल्यू एप्रॉक्सिमेशन” के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस प्रकार, नियामक प्रोटोकॉल का अनुपालन एवं प्रकटीकरण मानकों का पालन अनिवार्य है। अतः, संभावित निवेशकों को इस औपचारिक विश्लेषण के आधार पर उपयुक्त निर्णय लेना चाहिए।
One You tea
नवंबर 20, 2025 AT 22:28ओह माय गॉड ये क्या बकवास है? CRAMC का IPO ऐसा लग रहा है जैसे कोई फ़िल्म का सीन हो! 1,326 करोड़ की धंधा देखकर दिमाग घूम गया, भाई! सब लोग बस मानो झपटे मार रहे हों, लेकिन असल में पीठ पीछे धोखेबाज़ी चल रही है।
abhinav gupta
नवंबर 27, 2025 AT 22:28हाँ, एक और “बड़े” फंडरेज़, बहुत प्रेरणादायक।
vinay viswkarma
दिसंबर 4, 2025 AT 22:28इस डील में कई लुके हुए जोखिम हैं, सावधानी जरूरी।