हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और राज्य की प्रमुख सीटों में से रोहतक और भिवानी विशेष चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। इस क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी चरम पर है और मतदाताओं में उत्कृष्ट उत्साह देखा जा रहा है। हरियाणा का यह हिस्सा पारंपरिक रूप से राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, और यहां की मतदाता प्रबल राजनीतिक चेतना रखते हैं।
रोहतक सीट पर उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार अभियान में झोंक दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच शुरू से ही तीखा मुकाबला चल रहा है। बीजेपी की ओर से इस बार मनोहर लाल खट्टर ने मंच संभाला है, जो स्थानीय विकास के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
दूसरी ओर, भिवानी सीट पर भी स्थिति बेहद दिलचस्प बनी हुई है। यहां कई दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं, और एक दूसरे के विरोध में जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा चुनावी दंगल में हैं और स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं के सामने आक्रामक रूप से पेश आ रहे हैं। बीजेपी की नेता सोनाली फोगाट भी कड़ी टक्कर दे रही हैं।
दोनों जिलों में अब तक हुए प्रचार अभियानों से जनता का जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला है। मतदाता अपने अपने उम्मीदवारों को लेकर काफी संदिग्ध हैं और उम्मीद है कि आगामी चुनाव में रोहतक और भिवानी में भारी मतदान देखने को मिलेगा।
हरियाणा के राजनीति के चर्चित चेहरा अनिल विज भी इस चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र से लेकर state के अन्य हिस्सों में भी प्रचार अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विज की चुनावी रणनीतियों को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है और उनके समर्थन में जुटने वाले मतदाताओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इस बार चुनाव में मुख्य मुद्दों में पानी, बिजली, सड़कों का विकास, और बेरोजगारी प्रमुख हैं। उम्मीदवारों ने इन मुद्दों को लेकर विभिन्न जनसभाओं और प्रचार रैलियों में जनता से सीधे संवाद किया है। विकास कार्यों का वादा और स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान करने का आश्वासन हर उम्मीदवार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
अगर मतदाताओं की राय की बात करें तो, उनमें इस बार चुनाव को लेकर विशेष आकर्षण देखा जा रहा है। मतदाताओं का मानना है कि इस बार की सरकार उनके मुद्दों को ध्यान में रखते हुए काम करेगी। महिला मतदाताओं में भी इस बार भारी जुड़ाव देखा जा रहा है, और वे अपने अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को लेकर काफी सजग हो गई हैं।
रोहतक और भिवानी की धरातलीय सच्चाई यह है कि यहां के मतदाता और उम्मीदवार बेहद समर्पित हैं। अपने चुनाव क्षेत्र के लिए बेहतर प्रतिनिधि चुनने की चाह हर मतदाता के दिल में है। चुनावी प्रचार और खुली सभाओं के माध्यम से उभरते हुए मुद्दों को समझने का प्रयास किया जा रहा है ताकि सही उम्मीदवार के चयन में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे।
आने वाले दिनों में विभिन्न राजनीतिक दल और उम्मीदवार और भी जोर-शोर से प्रचार करेंगे। अंतिम दिनों में रैलियों और जनसभाओं की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। सभी उम्मीदवार अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक मतदाताओं से संपर्क साधने का प्रयास करेंगे ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके।
अंततः, हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनाव एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक उत्सव है। इसकी सफलता जनता और उम्मीदवारों पर निर्भर करती है। उम्मीद है कि यह चुनाव हरियाणा के लोकतंत्र की नींव को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों सीटों के नतीजे भी बेहद दिलचस्प होंगे और राज्य की भविष्य की राजनीति को दिशा देंगे।