हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024: रोहतक और भिवानी सीटों से चुनावी अपडेट

हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024: रोहतक और भिवानी सीटों से चुनावी अपडेट

मई 26, 2024 shivam sharma

रोहतक और भिवानी सीटों से चुनावी मूड

हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और राज्य की प्रमुख सीटों में से रोहतक और भिवानी विशेष चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। इस क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी चरम पर है और मतदाताओं में उत्कृष्ट उत्साह देखा जा रहा है। हरियाणा का यह हिस्सा पारंपरिक रूप से राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, और यहां की मतदाता प्रबल राजनीतिक चेतना रखते हैं।

रोहतक में प्रचार अभियान

रोहतक सीट पर उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार अभियान में झोंक दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच शुरू से ही तीखा मुकाबला चल रहा है। बीजेपी की ओर से इस बार मनोहर लाल खट्टर ने मंच संभाला है, जो स्थानीय विकास के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं।

भिवानी में चुनावी संघर्ष

दूसरी ओर, भिवानी सीट पर भी स्थिति बेहद दिलचस्प बनी हुई है। यहां कई दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं, और एक दूसरे के विरोध में जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा चुनावी दंगल में हैं और स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर मतदाताओं के सामने आक्रामक रूप से पेश आ रहे हैं। बीजेपी की नेता सोनाली फोगाट भी कड़ी टक्कर दे रही हैं।

मतदान का उत्साह

दोनों जिलों में अब तक हुए प्रचार अभियानों से जनता का जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला है। मतदाता अपने अपने उम्मीदवारों को लेकर काफी संदिग्ध हैं और उम्मीद है कि आगामी चुनाव में रोहतक और भिवानी में भारी मतदान देखने को मिलेगा।

अनिल विज की सक्रियता

हरियाणा के राजनीति के चर्चित चेहरा अनिल विज भी इस चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र से लेकर state के अन्य हिस्सों में भी प्रचार अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विज की चुनावी रणनीतियों को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है और उनके समर्थन में जुटने वाले मतदाताओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

चुनावी मुद्दे

चुनावी मुद्दे

इस बार चुनाव में मुख्य मुद्दों में पानी, बिजली, सड़कों का विकास, और बेरोजगारी प्रमुख हैं। उम्मीदवारों ने इन मुद्दों को लेकर विभिन्न जनसभाओं और प्रचार रैलियों में जनता से सीधे संवाद किया है। विकास कार्यों का वादा और स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान करने का आश्वासन हर उम्मीदवार की प्राथमिकताओं में शामिल है।

मतदाताओं की राय

अगर मतदाताओं की राय की बात करें तो, उनमें इस बार चुनाव को लेकर विशेष आकर्षण देखा जा रहा है। मतदाताओं का मानना है कि इस बार की सरकार उनके मुद्दों को ध्यान में रखते हुए काम करेगी। महिला मतदाताओं में भी इस बार भारी जुड़ाव देखा जा रहा है, और वे अपने अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को लेकर काफी सजग हो गई हैं।

धरातलीय सच्चाई

धरातलीय सच्चाई

रोहतक और भिवानी की धरातलीय सच्चाई यह है कि यहां के मतदाता और उम्मीदवार बेहद समर्पित हैं। अपने चुनाव क्षेत्र के लिए बेहतर प्रतिनिधि चुनने की चाह हर मतदाता के दिल में है। चुनावी प्रचार और खुली सभाओं के माध्यम से उभरते हुए मुद्दों को समझने का प्रयास किया जा रहा है ताकि सही उम्मीदवार के चयन में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे।

आने वाले दिनों की उम्मीदें

आने वाले दिनों में विभिन्न राजनीतिक दल और उम्मीदवार और भी जोर-शोर से प्रचार करेंगे। अंतिम दिनों में रैलियों और जनसभाओं की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। सभी उम्मीदवार अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक मतदाताओं से संपर्क साधने का प्रयास करेंगे ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके।

लोकतंत्र का उत्सव

अंततः, हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनाव एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक उत्सव है। इसकी सफलता जनता और उम्मीदवारों पर निर्भर करती है। उम्मीद है कि यह चुनाव हरियाणा के लोकतंत्र की नींव को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों सीटों के नतीजे भी बेहद दिलचस्प होंगे और राज्य की भविष्य की राजनीति को दिशा देंगे।

12 Comments

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    Rohan singh

    मई 28, 2024 AT 00:24
    रोहतक में तो बीजेपी का जोर देखकर लग रहा है कि ये बार तो फिर से चल जाएगा। पर भिवानी में हुड्डा वाले ने अच्छा मुकाबला किया है, अब देखना है कि कौन बाजी मारता है।
    मतदान का रिकॉर्ड तो तोड़ देंगे ये दोनों जिले।
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    Karan Chadda

    मई 28, 2024 AT 03:56
    बीजेपी के बिना कुछ नहीं होता भाई 🇮🇳 अनिल विज भी आ गए और फिर से बात बन गई। इन्हें छोड़कर कौन देश को बचाएगा? 🤷‍♂️
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    Shivani Sinha

    मई 29, 2024 AT 16:00
    सब बोल रहे हैं विकास विकास पर लेकिन पानी और बिजली की बात करो तो अभी भी बिना बिजली के रात गुजारनी पड़ती है। ये सब वादे तो चुनाव से पहले ही भूल जाते हैं। सच बोल रही हूँ ना 😒
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    Tarun Gurung

    मई 30, 2024 AT 05:44
    मैं तो रोहतक के एक गांव से हूँ और देखा है कि बीजेपी के नेता अब तक जितने रोड्स बनाए हैं उनकी तुलना में कांग्रेस वालों का कुछ नहीं। पर फिर भी लोग अब भी बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
    क्योंकि आखिरी बार जब बदलाव आया तो बिजली चली और पानी की टंकी भी बन गई। अब बारी है कांग्रेस की।
    लोग बस एक बार फिर से भरोसा करना चाहते हैं। अगर ये बार भी धोखा दे दिया तो अब कोई नहीं मानेगा।
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    Rutuja Ghule

    मई 30, 2024 AT 19:13
    ये सब लोग बस अपने नाम के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। कोई भी वास्तविक समाधान नहीं दे रहा। बेरोजगारी का क्या हुआ? युवाओं का क्या हुआ? तुम सब बस रैलियों में जा रहे हो।
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    vamsi Pandala

    जून 1, 2024 AT 03:27
    अनिल विज के बिना ये चुनाव तो बोरिंग हो जाता। उसकी रणनीति देखो ना कैसे वो हर गांव में जाकर बोलता है और फिर वहां के लोग उसे गोद में उठा लेते हैं। ये तो नाटक है ना 😂
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    nasser moafi

    जून 2, 2024 AT 10:45
    भिवानी में सोनाली फोगाट ने तो बहुत अच्छा काम किया है। अब तक की रैलियों में सबसे ज्यादा लोग उनके पास आए हैं। और हां, उनके बाद बस दीपेंद्र हुड्डा का नाम आता है।
    अब देखना है कि जनता किसके साथ जुड़ती है - नाम से या काम से 😎
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    Saravanan Thirumoorthy

    जून 4, 2024 AT 06:57
    मतदान बढ़ेगा ये बात तो सब जानते हैं लेकिन क्या ये बदलाव लाएगा ये सवाल है। जितने भी चुनाव हुए हैं उनमें से कितने ने वास्तविक बदलाव लाया है। ये सब बस एक नाटक है
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    Tejas Shreshth

    जून 4, 2024 AT 22:42
    हर चुनाव में विकास की बात करते हैं लेकिन क्या किसी ने कभी ये पूछा कि विकास का मतलब क्या है? क्या ये सिर्फ सड़कों का निर्माण है? या ये शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण का नाम है?
    जो लोग बस रोड्स और बिजली की बात करते हैं वो तो बस राजनीति के बेसिक्स समझते हैं। उनके दिमाग में विकास का एक फ्लैट वर्जन है।
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    sarika bhardwaj

    जून 6, 2024 AT 01:36
    महिलाओं का जुड़ाव बढ़ा है ये बहुत अच्छी बात है। पर उनके लिए सुरक्षा का क्या हुआ? गांवों में अभी भी नियमित बलात्कार के मामले आते हैं। इस पर कोई नहीं बोल रहा। बस वादे कर रहे हैं।
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    Dr Vijay Raghavan

    जून 6, 2024 AT 06:06
    कांग्रेस के उम्मीदवार तो बस अपने पिता के नाम पर चल रहे हैं। अगर दीपेंद्र हुड्डा अपने आप एक अच्छा नेता होते तो वो अपने नाम से चलते। नहीं तो ये सब तो बस विरासत का खेल है।
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    Rohan singh

    जून 6, 2024 AT 11:52
    अच्छा बात है तुमने ये बोल दिया। पर देखो तो भिवानी में जितने भी युवा आए हैं वो सब दीपेंद्र के लिए खड़े हैं। उनकी बातों में कुछ अलग है। बस नाम नहीं, उनका विजन है।
    और हां, बीजेपी के नेता भी अपने पिता के नाम पर नहीं चल रहे। वो तो अपने अपने काम से चल रहे हैं।

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