11 मई 2025 को कोलंबो के आर.प्रेमदासा स्टेडियम में समाप्त हुई ट्राय-नेशन सीरीज का अंतिम मुकाबला, जहाँ भारत महिला क्रिकेट ने होस्ट टीम श्रीलंका को 97 रनों से मात दी। टॉस जीतने के बाद भारत ने पहले बैटरिंग का विकल्प चुना और 50 ओवर में 342/7 का जबरदस्त पार बनाकर लक्ष्य निर्धारित किया।
इस बड़ी पारी का नेतृत्व ओपनर स्मृति मंदाना ने किया, जिन्होंने 101 गेंदों पर 116 रन बनाए। इस शतक में 15 चौके और दो छक्के शामिल थे, जो उनके 11वें ODI शतक की पुष्टि करता है। मंदाना के बाद मध्यक्रम में हरलीन देओल (47), कैप्टन हरमनप्रीत कौर (41) और जेमिमाह रोड्रिगेज़ (44) ने ठोस योगदान दिया, जिससे भारत का स्कोर सहजता से बढ़ता गया।
श्रीलंका की ओर से बेहतर गेंदबाज़ी करने वाली खिलाड़ी सुगंदिका कुमारी थीं, जिन्होंने 10 ओवर में 2 विकेट ले कर 59 रन दांव पर रखे। लेकिन भारत की बॉलिंग लाइन‑अप ने फिर भी घातक दबाव बनाये रखा।
श्रीलंका ने 343 रन के कठिन लक्ष्य को पार करने की कोशिश की, लेकिन भारत के स्पिन और पेसिंग बॉलरों ने उन्हें 245/10 पर 48.2 ओवर में ही रोक दिया। कप्तान चमरि अथापथु ने 51 रन बनाए, जबकि निलाक्षिका सिल्वा ने 48 रन का समर्थन किया। स्नेह राणा ने 9.2 ओवर में 4 विकेट लिये, केवल 38 रन दांव पर रखे, जबकि अमनजोत कौर ने 3 विकेट के साथ 54 रन दिए। इन दो गेंदबाज़ों की जबरदस्त फॉर्म ने श्रीलंका के मध्यक्रम को बिखेर दिया।
ट्राय-नेशन सीरीज में भारत ने 4 मैचों में 3 जीत हासिल कर 6 अंक के साथ तालिका की शीर्ष पर पहुंचा। उनका नेट रन रेट +0.457 था, जो उनकी आक्रामक खेल शैली को दर्शाता है। द्वितीय स्थान पर होस्ट श्रीलंका 4 अंक पर रहा, जबकि दक्षिण अफ्रीका केवल 2 अंक जुटा पाई।
स्नेह राणा को पूरी सीरीज में 13 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब मिला। उनके विकेट लेने की शैली में विविधता और दबाव बनाने की क्षमता थी, जो किसी भी टॉप ऑर्डर बैटर को घबराने पर मजबूर कर देती थी। अमनजोत कौर की तेज गति वाली पेसिंग ने भी उपर्युक्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे विरोधी टीम को लगातार रुकावटें स्वीकारनी पड़ीं।
सीरीज का एक और खास पहलू था क्रांती गौड़ का ODI डेब्यू। उन्होंने टीम में नई ऊर्जा का संचार किया, जिससे भारत को आगे की बड़ी टूर्नामेंट की तैयारी में अतिरिक्त लाभ मिला। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने विजयी समारोह में ट्रॉफी और विजेताओं के चेक के साथ टीम को बधाई दी, जिससे माहौल और भी उत्साहित हो गया।
इन सभी उपलब्धियों ने भारत के महिला क्रिकेटरों के आत्मविश्वास को दशियों में नई ऊँचाई पर ले जाया है, खासकर 2025 के विश्व कप की दिशा में। टॉस पर फोकस, बैटरिंग में गहराई, स्पिन व पेसिंग के संतुलित मिश्रण और फील्डिंग में तेज़ी, इन सभी पहलुओं ने इस सीरीज को भारतीय टीम की पूर्ण तैयारी के रूप में सिद्ध किया।
आगामी विश्व कप में भारत को शारीरिक फिटनेस, रणनीतिक प्लानिंग और खिलाड़ी रोटेशन जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान देना होगा। इस जीत के बाद टीम को यह भरोसा है कि वे बड़े मंच पर भी वही दबाव बनाये रख सकेंगी और जीत की लहर को जारी रखेंगे।