जब हम विक्री, सामान या सेवाओं को खरीदार को देने की प्रक्रिया. इसके अलावा इसे बिक्री भी कहते हैं, यह आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ है। विक्रेता चाहे दुकान में हो या ऑनलाइन, मूल लक्ष्य ग्राहक को मूल्य‑परिवर्तन के माध्यम से लाभ उत्पन्न करना है। यहाँ ऑनलाइन बिक्री, इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्म पर उत्पाद या सेवा बेचना एक प्रमुख रूप बन चुका है, क्योंकि मोबाइल इंटरनेट की पहुंच और तेज़ डिलीवरी नेटवर्क ने खरीद‑फरोक्ट को आसान बना दिया है।
स्टॉक मार्केट, शेयरों की खरीद‑बिक्री का मंच सीधे विक्री के मूल्य‑निर्धारण को प्रभावित करता है; जब कंपनी के शेयर पर सकारात्मक प्रवाह होता है, तो उसकी बिक्री में भी भरोसा बढ़ता है। इसी तरह IPO, प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव नई कंपनियों को पूँजी जुटाने का अवसर देता है, पर इसके लिये एक सटीक बिक्री रणनीति जरूरी है – ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए प्री‑सेल, प्री‑ऑर्डर या सदस्यता मॉडल अपनाए जाते हैं। इस प्रकार "स्टॉक मार्केट" → "विक्री" ← "IPO" की त्रिकोणीय कड़ी बनती है।
एक सफल बिक्री में मूल्य निर्धारण, उत्पाद की कीमत तय करना और सप्लाई चे़न, स्रोत से ग्राहक तक माल की आवाज़ दोनों का गहरा असर रहता है। कीमत तय करते समय उत्पादन लागत, प्रतिस्पर्धी कीमतें और ग्राहक की भुगतान क्षमता को देखना पड़ता है – यही विक्री की बुनियादी जाँच है। सप्लाई चे़न को सुगम बनाकर स्टॉक‑आउट से बचा जा सकता है, जिससे ग्राहक भरोसा बना रहता है और दोबारा खरीद की संभावना बढ़ती है। इस क्रम में "विक्री" → "मूल्य निर्धारण" → "सप्लाई चे़न" एक स्पष्ट कारण‑परिणाम संबंध बनता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि इन अवधारणाओं को असली दुनिया में कैसे देखा जा सकता है। नीचे दी गई सूची में ऐसी कई खबरें हैं जहाँ सोने‑चाँदी की कीमतों में उतार‑चढ़ाव, बड़े IPO की शुरुआत, और विभिन्न उद्योगों की बिक्री‑स्टंटेजी का उल्लेख है। इन लेखों को पढ़कर आप समझ पाएँगे कि कैसे "विक्री" की बात अलग‑अलग सन्दर्भों में अलग‑अलग रूप लेती है – चाहे वह सोने की कीमत हो, क्रिकेट की टिकट बिक्री हो, या नई तकनीक का लॉन्च। इस संग्रह को आगे स्क्रोल करके देखें, ताकि आप अपनी खुद की बिक्री रणनीति को अपडेट कर सकें।
25 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में तेज़ गिरावट आई। Sensex 721 अंकों (0.88%) गिरकर 81,463.09 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 225 अंकों (0.90%) घटकर 24,837 पर समाप्त हुआ। बैजाज फाइनेंस व फिनसर्व ने लगभग 5% तक गिरावट दर्ज की, और अधिकांश सेगमेंट निचे थे, सिवाय फ़ार्मा के। India VIX 5% से ऊपर बढ़ा, जिससे बाजार में अनिश्चितता साफ़ है। तकनीकी विश्लेषकों ने समर्थन स्तरों के टूटने पर आगे की गिरावट की आशंका जताई।