स्विट्ज़रलैंड में कई स्तरों की अदालतें हैं—स्थानीय, kantonal (कैंटोनी) और संघीय। जब कोई मामला अपने राज्य में सुलझ नहीं पाता, तो यह संघीय न्यायालय तक पहुँचता है। इस लेख में हम बताते हैं कि स्विस अदालत कैसे काम करती है और क्यों यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी क़ीमती मानी जाती है।
सबसे नीचे स्थानीय न्यायालय (स्थानीय अदालत) होता है, जहाँ छोटे मामलों जैसे झगड़े या जुर्माने का फैसला होता है। अगला स्तर कैंटोनी अदालत है, जो प्रत्येक kanton (प्रांत) में अलग‑अलग होता है और बड़े सिविल या आपराधिक मामलों को सुनता है। सबसे ऊपर संघीय न्यायालय (Federal Supreme Court) है, जहाँ अंतिम अपील दायर की जा सकती है। यह अदालत सभी कानूनी व्याख्याओं को एकसाथ लाती है, जिससे पूरे देश में एकरूपता बनी रहती है।
स्विस अदालत का एक खास काम है—अंतरराष्ट्रीय मुकदमों को सुनना। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मुख्यालयस्विट्ज़रलैंड में हैं, इसलिए यहाँ अक्सर मानवाधिकार, व्यापार या समुद्री कानून से जुड़े केस होते हैं। उदाहरण के लिए, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के विवादों की सुनवाई कभी‑कभी स्विस न्यायालय में होती है। इस वजह से स्विट्ज़रलैंड को ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय का हब’ कहा जाता है।
अगर आप स्विस अदालत में केस दायर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने स्थानीय वकील से मिलें। वकील केस की जटिलता, दस्तावेज़ और समय सीमा को समझाकर आपको सही अदालत में ले जाएगा। प्रक्रिया आमतौर पर लिखित याचिका, साक्षी सुनवाई और फिर निर्णय के तीन चरणों में चलती है। यदि आप अंग्रेज़ी या जर्मन नहीं बोलते, तो अदालत अनुवाद सेवाएँ भी उपलब्ध कराती है।
स्विस अदालतों के फैसले अक्सर विस्तृत होते हैं। फैसला लिखते समय न्यायाधीश सभी दलीलों को क्रम‑बद्ध करता है, जिससे भविष्य में समान मामले आसानी से समझ में आएँ। इस कारण, कई छात्र और शोधकर्ता स्विस न्यायिक निर्णयों को अपने अध्ययन में उपयोग करते हैं।
स्विस अदालत के बारे में सबसे आम सवालों में से एक है—क्या यहाँ निर्णय तेज़ आते हैं? जवाब है, हाँ और नहीं दोनों। छोटे मामलों में कुछ हफ्तों में सुनवाई हो सकती है, पर बड़ी जटिलता वाले अंतरराष्ट्रीय मामलों में कई साल तक लग सकते हैं। लेकिन स्विस न्याय प्रणाली को पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिये सराहा जाता है, जिससे आम जनता का भरोसा बना रहता है।
समापन में कहा जा सकता है कि स्विस अदालत सिर्फ जर्मन या फ्रेंच भाषी लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो कानून में निष्पक्षता चाहता है। चाहे आप स्थानीय झगड़े को सुलझाना चाहें या अंतरराष्ट्रीय विवाद का समाधान, स्विट्ज़रलैंड की अदालतें आपके सवालों का जवाब देने को तैयार हैं।
स्विस अदालत ने भारतीय मूल के अरबपति हिन्दुजा परिवार के चार सदस्यों को कर्मचारियों के शोषण के आरोप में कारावास की सजा सुनाई है। प्रकाश हिन्दुजा और उनकी पत्नी कमल हिन्दुजा को चार साल छह महीने की सजा मिली, जबकि उनके बेटे अजय और बहू नम्रता को चार साल की सजा दी गई। अदालत ने मानवीय तस्करी के आरोप खारिज किए लेकिन कर्मचारियों के शोषण का दोषी पाया।