स्वास्थ्य जोखिम – मौसमी आपदाओं से शरीर को कैसे बचाएँ?

जब मौसम बदलता है, तो हमारी सेहत पर असर जरूर पड़ता है। बाढ़, भारी बारिश, या तेज़ गर्मी – इन सबमें छिपे होते हैं कई स्वास्थ्य जोखिम। अगर आप भी इन सिचुएशन में फंसते हैं तो परेशान न हों, हम आपको सरल टिप्स देंगे जिनसे आप सुरक्षित रह सकते हैं।

मॉनसून में स्वास्थ्य जोखिम और उनका समाधान

अगस्त 2025 की रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने पूरे देश में बाढ़ और भूस्खलन पैदा कर दिया। बाढ़ से जलजन्य रोग, डायरिया, टायफ़ाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पानी को साफ़ रखने के लिए सबसे पहले खाना, पानी और हाथ धोने के तरीके बदलें।

  • पानी का स्रोत भरोसेमंद हो – बोतल वाली पानी या उबला हुआ पानी ही पीएँ।
  • भोजन को अच्छी तरह पकाएँ, खासकर दाल‑चावल को कम से कम 10 मिनट तक उबालें।
  • हाथ धोना सबसे ज़रूरी है। साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ रगड़ें, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट के बाद।
  • बादलों से बचने के लिए सर्जिकल मास्क पहनें, खासकर जब धूल‑धुंए वाला हवा हो।

अगर आप बाढ़‑ग्रस्त क्षेत्र में हैं, तो घर के अंदर रहने की कोशिश करें। अगर बाहर निकलना पड़े, तो जल‑रोधी जूते और रबर के दस्ताने पहनें। यह फंसे हुए कीचड़ या दूषित पानी से सीधे संपर्क को रोकता है।

हीटवेव और शहरी जीवन में स्वास्थ्य जोखिम

पश्चिमी राजस्थान और दिल्ली में हाल ही में हीटवेव ने तापमान 40°C से ऊपर पहुंचा दिया। ऐसे दिनों में डिहाइड्रेशन, थकान, और हृदय संबंधी समस्याएँ आम हो जाती हैं। खासकर बुज़ुर्ग, बच्चे और थकावट वाले लोग इस जोखिम में अधिक होते हैं।

हीटवेव में बचाव के लिए कुछ आसान कदम अपनाएँ:

  • दिन के 11‑से‑14 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना ज़रूरी हो तो हेडकैप, हल्की कपड़े और सनग्लास पहनें।
  • भारी शारीरिक काम को शाम या सुबह के ठंडे समय में शिफ्ट करें।
  • पानी पीते रहें – हर 30 मिनट में कम से कम 200 ml पानी सेवन करें।
  • घर में एसी या फैन चलाते रहना, खिड़कियों को बंद रखकर ठंडी हवा को बाहर ना जाने दें।
  • हल्के फल, खीरा, तरबूज जैसे पानी‑भरे खाद्य पदार्थ खाएँ; ये शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाते हैं।

अगर आपको हल्का सिरदर्द या चक्कर आए, तो तुरंत ठंडी जगह पर बैठें, पानी पियें और तहसील में उपलब्ध इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स ले सकते हैं। गंभीर लक्षण जैसे तेज़ उल्टी, सांस नहीं लेना, या बेहोशी होने पर तुरंत अस्पताल जाएँ।

इन छोटे‑छोटे सावधानियों से आप मौसमी आपदाओं के दौरान भी स्वस्थ रह सकते हैं। याद रखिए, स्वास्थ्य जोखिम को समझना और उससे बचाव के उपाय अपनाना ही सबसे बड़ा फ़ायदा है।

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भारत में Mpox के Clade 1b स्ट्रेन का पहला मामला सामने आया है। यह तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। यह मामला केरल के एक 38 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया है, जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटे थे।

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