शेख हसीना का नाम अक्सर राजनीति, सामाजिक काम और शिक्षा के क्षेत्र में सुनने को मिलता है। अगर आप उनका जीवन, काम और वर्तमान में क्या कर रही हैं, इस बारे में जानकारी चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। नीचे हमने उनकी शुरुआती जिंदगी से लेकर आज तक की प्रमुख गतिविधियों को आसान भाषा में बताया है।
शेख हसीना का जन्म एक छोटे गांव में हुआ था जहाँ उनका परिवार खेती-बाड़ी करता था। बचपन में पढ़ाई से उन्हें हमेशा प्रेरणा मिलती थी, इसलिए उन्होंने स्थानीय स्कूल में जादू‑जादू मेहनत की। बाद में उन्होंने दिल्ली की एक प्रमुख कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। कॉलेज के दौरान उन्होंने कई सामाजिक संगठनों में हिस्सा लिया, जिससे उनके नेतृत्व कौशल में निखार आया।
कॉलेज खत्म करने के बाद शेख हसीना ने स्थानीय स्तर पर सामाजिक कार्य शुरू किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में कई परियोजनाएं चलाईं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी। 2010 में उन्होंने पहली बार विधायक चुनाव लड़ाया और जीत हासिल की। उसके बाद वे कई बार पुनः चुनी गईं और विभिन्न विधानसभा समितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रमुख कामों में ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी और महिलाओं के लिए स्वरोजगार कार्यक्रम शामिल हैं।
आज शेख हसीना राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में भी काम कर रही हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने 200 से अधिक स्कूलों को नई पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब से लैस किया है। उनका मानना है कि शिक्षा ही समाज को आगे बढ़ाने की कुंजी है, इसलिए वे हर साल नई योजनाएं लाते रहे हैं।
उनकी राजनीतिक शैली सीधी-सादी और जनता के करीब रहने वाली है। अक्सर वह गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं को सुनती हैं और तुरंत समाधान निकालने की कोशिश करती हैं। यही कारण है कि उनके समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
यदि आप शेख हसीना के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो आप उनके आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों पर भी फॉलो कर सकते हैं। वहाँ नियमित रूप से उनके द्वारा शुरू किए गए नए प्रोजेक्ट और उनके विचार साझा किए जाते हैं।
संक्षेप में, शेख हसीना एक ऐसे नेता हैं जो शिक्षा, सामाजिक सुधार और महिलाओं के अधिकारों पर फोकस करते हैं। उनकी कहानी दर्शाती है कि सच्ची मेहनत और जनता की सेवा से सफलता हासिल की जा सकती है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि अमेरिका ने उन्हें संत मार्टिन द्वीप विवाद के कारण सत्ता से हटा दिया। उन्होंने द्वीप की रणनीतिक महत्ता और उसके भौगोलिक प्रभाव पर जोर दिया। यह द्वीप मछली पकड़ने, चावल उगाने और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है।