अगर आप रेलवे में काम करते हैं या ट्रेन देखना आपका शौक है, तो ‘रेलवे संरचनाएं’ शब्द आपको अक्सर सुनाई देगा। लेकिन इसका मतलब क्या है? संक्षेप में, रेलवे संरचनाओं में ट्रैक, पुल, टनल, सिग्नल सिस्टम, स्टेशन की निर्माण और रख‑रखाव शामिल होते हैं। यहाँ हम आसान भाषा में समझेंगे कि ये सब भाग कैसे बनते हैं और उनका ध्यान कैसे रखते हैं।
ट्रैक सबसे बुनियादी संरचना है। यह दो रॉड (रेलगाड़) और उन पर रखी हुई बॉल्टों (टाई) से बनता है। रॉड को सही दूरी (गेज) पर रखना ज़रूरी है, नहीं तो ट्रेन झटके खाएगी। प्लैटफ़ॉर्म बनाते समय ध्यान देना चाहिए कि ऊँचाई और दूरी दोनों सटीक हों, ताकि यात्रियों को आसानी से ट्रेन में उतरने‑बैठने में मदद मिले। सफ़ाई, रूटिंग और सफ़ेद‑पॉलीमर कोटिंग भी ट्रैक की लाइफ बढ़ाते हैं।
जब रेलमार्ग को नदी, घाटी या पहाड़ी पार करना हो, तो पुल बनते हैं। स्टील या कंक्रीट दोनों ही उपयोग होते हैं, पर कंक्रीट तेज़ी से रख‑रखाव में आसान होता है। टनल बनाते समय जियो-टेक्टोनिक सर्वे करना जरूरी है, ताकि जमीन का दबाव समझा जा सके। सिग्नल सिस्टम में लाइट, बर्ल, और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर शामिल होते हैं, जो ट्रेन को सुरक्षित दूरी पर चलाते हैं। यहां की तकनीक रोज‑रोज़ अपडेट होती है, इसलिए ट्रेन ऑपरेटर को नवीनतम सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से लैस रखना चाहिए।
हर संरचना के लिए नियमित निरीक्षण का शेड्यूल बनाना चाहिए। ट्रैक पर क्रैक, पुल में जंग और सिग्नल में लैग को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। अक्सर छोटे‑छोटे काम जैसे जंग हटाना, बोल्ट टाइट करना, या पेंटिंग से बड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है।
अब बात करते हैं सुरक्षा की। काम करने वाले मजदूरों को हेल्मेट, ग्लव्स और सेफ्टी जूते पहनना अनिवार्य है। साथ ही, साइट पर साइनबोर्ड और चेतावनी लाइट्स लगाना चाहिए, ताकि अनजाने में कोई गड़बड़ी न हो। अगर आप किसी प्रोजेक्ट पर नए हैं, तो पहले अनुभवी इंजीनियर से मार्गदर्शन लें।
संक्षेप में, रेलवे संरचनाओं को समझना और उनका सही रख‑रखाव करना दो ही चीज़ों से शुरू होता है – सही योजना और नियमित देखभाल। सही सामग्री, सही तकनीक और सही टीम मिलकर रेलमार्ग को सुरक्षित और तेज़ बनाते हैं। अगली बार जब आप ट्रेन देखेंगे, तो आप जानते होंगे कि उसके नीचे कौन‑कौन से काम चल रहे हैं, और क्यों वह हमेशा समय पर पहुंचती है।
मुंबई में सेंट्रल रेलवे का 63 घंटे का मेगा ब्लॉक गुरुवार मध्यरात्रि से शुरू हुआ, जिससे महत्वपूर्ण देरी और भीड़ भाड़ हो गई। यह ब्लॉक थाने स्टेशन के प्लेटफार्म 5 और 6 के चौड़ीकरण को लेकर है और इससे सेंट्रल रेलवे के मुख्य गलियारे पर स्थानीय सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस दौरान सार्वजनिक सेवा वाहनों को स्टेज कैरिज संचालन की अनुमति दी है।