हर दिन सरकार के निर्णय, पार्टियों के बयान और चुनावी रुझान बदलते रहते हैं। अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इन सभी बदलावों को जल्दी समझना जरूरी है। यही वजह है कि हम यहाँ रोज़मर्रा की राजनीति को आसान भाषा में पेश करेंगे, ताकि आप पढ़ते‑पढ़ते ही याद रख सकें।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ने नई आर्थिक नीति पर चर्चा की, जिसमें छोटे व्यवसायों के लिए कर में रियायतें दी गईं। यह कदम रोजगार बढ़ाने के लिए है और अधिकांश मीडिया में काफी सराहा गया। इसी समय, opposition parties ने इस नीति को मध्यम वर्ग को अनजाने में दबाव में लाने वाला कहा। इन दो पक्षों के तर्क को याद रखें – एक तरफ कारगर विकास, दूसरी तरफ हिसाब‑किताब का सवाल.
राजधानी में हाल ही में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की। इसका असर चुनावी अभियान पर भी पड़ा, क्योंकि कई उम्मीदवारों ने अपनी रैली को ऑनलाइन ले जाने का फैसला किया। अब डिजिटल अभियान की भूमिका भी राजनीति में बढ़ रही है, जो परीक्षा में अक्सर पूछे जाने वाले "डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर चुनाव" जैसे सवालों का जवाब देगा।
एक और अहम खबर है कि संसद में नई शिक्षा नीति पर बहस चल रही है। सरकार का कहना है कि यह नीति छात्रों को रोजगार‑उन्मुख बनाएगी, जबकि विरोधी दल इसे शैक्षणिक स्वायत्तता के लिए खतरा मानते हैं। इस पर दोनों पक्षों के प्रमुख बिंदु याद रखें – रोजगार‑केन्द्रित सुधार बनाम शैक्षणिक स्वतंत्रता।
आम तौर पर राजनीति के प्रश्न तीन तरह के होते हैं – तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक और तुलना‑आधारित। तथ्यात्मक सवालों में बस तारीख, नाम या आंकड़ा चाहिए; इसलिए अपडेटेड नोट्स रखें। विश्लेषणात्मक प्रश्नों में आपसे कारण‑प्रभाव या नीति की प्रभावशीलता पूछी जा सकती है। यहाँ दो‑तीन बिंदुओं में अपने जवाब को बाँटें: पहला – सरकार का उद्देश्य, दूसरा – विपक्ष की प्रतिक्रिया, तीसरा – सार्वजनिक प्रतिक्रिया या परिणाम.
तुलना‑आधारित सवालों में अक्सर दो अलग‑अलग समय या दो सरकारों की नीतियों को मिलाकर पूछा जाता है। ऐसे सवालों के लिए एक छोटा टेबल बनाकर रख सकते हैं – जैसे "2014‑2020 में कृषि नीति" बनाम "2021‑2025 में कृषि नीति"। इस तरह जल्दी से मुख्य अंतर दिख जाएगा और जवाब लिखना आसान हो जाएगा।
एक और टिप: जब भी कोई नया राजनीतिक निर्णय या घटना आए, उसे तुरंत अपने नोटबुक में लिखें और साथ में एक छोटा शीर्षक (जैसे "प्रधानमंत्री की नई आर्थिक नीति") दें। इससे आप रिवीजन में अक्सर देखेंगे और याद करना तेज़ होगा।
अंत में, राजनीति सिर्फ समाचार नहीं है, यह बताता है कि सरकार कैसे काम करती है और नीति कैसे बनती है। जब आप इन बातों को समझ कर अपने शब्दों में कहेंगे, तो परीक्षा में आपको न सिर्फ अंक मिलेंगे, बल्कि वास्तविक समझ भी बढ़ेगी। रोज़ की छोटी‑छोटी अपडेट को अपने अध्ययन में शामिल करें, और आप किसी भी राजनीति‑से संबंधित परीक्षा में तैयार रहेंगे।
तमिलनाडु के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ईवीकेएस इलांगोवन का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राजनीति में दशकों की सेवा देने वाले इलांगोवन की मृत्यु को कांग्रेस पार्टी और उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है। वे पेट्रोलियम, वाणिज्य और कपड़ा मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके थे।