क्या आपको लग रहा है कि पैसे बचाने के बाद कहीं न कहीं निवेश करना चाहिए, पर समझ नहीं आ रहा? चलिए, सीधे बात करते हैं। निवेश सिर्फ बड़े पैसों वाले लोगों का खेल नहीं, हर कोई छोटे-छोटे कदमों से अपनी संपत्ति बढ़ा सकता है।
सबसे पहले अपने मासिक खर्चों को लिखें। खाने‑पीने, किराया, गैस‑बिजली के बाद जितनी रकम बचती है, वह आपकी शुरुआती पूँजी बनती है। इस बचत का 20‑30% भाग सीधे म्यूचुअल फंड या शेयर में लगाएँ। एटीएम से निकाल कर नहीं, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर सीधे ट्रांसफर करना आसान रहता है।
ध्यान रखें, कोई भी निवेश जोखिम के साथ आता है, पर अगर आप बड़ी कंपनियों के शेयर या इंडेक्स फंड चुनते हैं, तो गिरावट कम होती है। शुरुआत में छोटे‑छोटे शेयर खरीदें, फिर धीरे‑धीरे पोर्टफ़ोलियो बढ़ाएँ।
रियल एस्टेट अभी भी लंबी अवधि का अच्छा विकल्प है, खासकर अगर आप सही लोकेशन चुनें। बड़े शहरों के नज़दीकी विकास क्षेत्रों में प्लॉट या फ्लैट खरीदना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन पूरा पैसा एक बार में नहीं लगाएँ। पहले थोड़ा डाउन पेमेंट दें, फिर लोन ले कर धीरे‑धीरे पूरा करें।
रियल एस्टेट में रेंटल इनकम भी मिलती है, जो आपके अन्य निवेशों को सपोर्ट करती है। अगर आप प्रोपर्टी को किराए पर दे सकते हैं, तो प्रतिदिन का किराया आपके बचत को बढ़ाता है।
साथ ही, रियल एस्टेट में टैक्स बचत के विभिन्न विकल्प होते हैं, जैसे घर-खरीद पर सेक्शन 80C, सेक्शन 24 के तहत इंटरेस्ट डिडक्शन। इन्हें समझकर सही डॉक्यूमेंटेशन रखें, ताकि रिटर्न पर बचत बढ़े।
पैसे की सुरक्षा के लिए दो चीज़ें याद रखें: एक, अपने सभी निवेश को एक ही बास्केट में न रखें; दो, समय‑समय पर पोर्टफ़ोलियो की समीक्षा करें। अगर कोई शेयर लगातार घट रहा है, तो उसकी जोखिम को कम करने के लिए बेचकर किसी बेहतर विकल्प में बदलें।
आखिर में, शुरुआती निवेशकों को सुझाव है कि छोटे‑छोटे लक्ष्य बनायें। एक साल में 5% रिटर्न, दो साल में 10% रिटर्न—ऐसी मापदंडों से आप ट्रैक रख पाएँगे और हताशा नहीं होगी। जब आप लक्ष्य हासिल करेंगे, तो नया लक्ष्य तय करें और धीरे‑धीरे अपने साम्राज़ी को बढ़ाएँ।
तो, बस शुरू करें। बचत को निवेश में बदलें, जोखिम को समझें और समय‑समय पर अपना पोर्टफ़ोलियो अपडेट करें। यही रास्ता है निवेशक संपत्ति बनाने का।
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखा गया। बीएसई सेंसेक्स में 1,593 अंकों की वृद्धि हुई, जिससे यह 82,500 के स्तर को पार कर गया, जबकि निफ्टी 25,400 से ऊपर चला गया। इस तेजी ने वित्तीय संस्थानों और निवेशकों की संपत्ति में भारी इजाफा किया, जिससे बाजार पूंजीकरण में 4.85 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।