Nifty – भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक

When talking about Nifty, इंडिया नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50‑शेयर संकेतक है, जो बड़े‑कंपनियों की कीमतों को एक साथ दिखाता है. Also known as NSE Nifty 50, it भारत की आर्थिक स्वास्थ्य, निवेशक भावना और नीति‑परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करता है. साथ ही IPO, नवीन सार्वजनिक कंपनियों की सूचीकरण प्रक्रिया, जो सूचकांक में नई कंपनियों को जोड़ती है, Gold, कीमती धातु जिसकी कीमतें अक्सर बाजार के जोखिम‑भाव को दिखाती हैं, Stock Split, शेयरों का विभाजन जो लिक्विडिटी और इंडेक्स वजन को प्रभावित करता है और Commodity Prices, सोना‑चांदी जैसे कच्चे माल की कीमतें जो निवेश प्रवाह को दिशा देती हैं सभी Nifty के मूल्य‑निर्धारण में भूमिका निभाते हैं।

वर्तमान में Nifty कई कारकों से प्रभावित हो रहा है: एक ओर नई कंपनियों का Listing (IPO) सूचकांक में बदलाव लाता है, तो दूसरी ओर सोने और चांदी की कीमतों में उतार‑चढ़ाव जोखिम‑भाव को बदलता है। जब सोना तेज़ी से बढ़ता है, तो अक्सर निवेशक इक्विटी से हटकर सुरक्षित सम्पत्तियों की ओर रुख करते हैं, जिससे Nifty के घटने की संभावना बढ़ती है। इसी तरह, किसी बड़ी कंपनी का स्टॉक स्प्लिट, जैसे अदा‍नी पावर ने हाल ही में किया, लिक्विडिटी बढ़ाता है और सूचकांक में उसका वजन बदलता है। इन घटनाओं को मिलाकर Nifty एक जटिल नेटवर्क जैसा बन जाता है, जहाँ प्रत्येक घटक एक‑दूसरे को प्रभावित करता है।

मुख्य वित्तीय तत्व और उनका Nifty पर असर

एक निवेशक के तौर पर आपको तीन मुख्य बिंदु समझना जरूरी है: पहला, IPO की सफलता—उदाहरण के तौर पर टाटा कैपिटल या यूरो प्रा‍टिक सेल्स—सूचकांक में नई कंपनियों को जोड़ती है और कुल बाजार पूँजीकरण बढ़ाती है। दूसरा, Gold और Silver जैसे कमोडिटी की कीमतें—उन्हें एक सुरक्षित आश्रय माना जाता है, इसलिए इनके ऊपर चलने वाले रुझानों को ट्रैक करने से आप Nifty की संभावित प्रतिक्रिया का अनुमान लगा सकते हैं। तीसरा, Stock Split जैसे कॉरपोरेट कार्रवाई—जिनसे शेयरों की कीमतें सस्ती हो जाती हैं और रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ती है—इंडेक्स के वजन को बदलकर Nifty के दैनिक उतार‑चढ़ाव में योगदान देती है।

इन सभी तत्वों का आपसी संबंध स्पष्ट है: नयी IPO से इंडेक्स की परफॉर्मेंस बेहतर हो सकती है, लेकिन अगर उसी समय सोने की कीमतें तेज़ी से बढ़ें, तो जोखिम‑भाव बढ़ता है और Nifty घट सकता है। इसी तरह, स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की बाय‑सेल ट्रैफिक बढ़ती है, जो अल्पावधि में वॉल्यूम को बढ़ाकर सूचकांक को स्थिर या ऊपर ले जा सकती है। इस कारण से, जब आप Nifty को फॉलो करते हैं, तो केवल शेयर मूल्यों ही नहीं, बल्कि ऊपर बताए गए कॉरपोरेट और कमोडिटी समाचारों पर भी नज़र रखें।

नीचे दी गई लेखों की सूची में आप आज के सबसे ताज़ा IPO अपडेट, सोने‑चांदी की कीमतें, अदा‍नी पावर का स्टॉक स्प्लिट और बाजार को हिला देने वाले बड़े वित्तीय कदमों की विस्तृत जानकारी पाएँगे। इन लेखों को पढ़ने से आपको Nifty के बदलते परिदृश्य को समझने में मदद मिलेगी और आपके निवेश निर्णयों को सुदृढ़ करेगा।

Sensex में 721 अंकों की गिरावट, Nifty 24,850 से नीचे – बड़े पैमाने पर शेयर बिक्री
Sensex में 721 अंकों की गिरावट, Nifty 24,850 से नीचे – बड़े पैमाने पर शेयर बिक्री

25 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में तेज़ गिरावट आई। Sensex 721 अंकों (0.88%) गिरकर 81,463.09 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 225 अंकों (0.90%) घटकर 24,837 पर समाप्त हुआ। बैजाज फाइनेंस व फिनसर्व ने लगभग 5% तक गिरावट दर्ज की, और अधिकांश सेगमेंट निचे थे, सिवाय फ़ार्मा के। India VIX 5% से ऊपर बढ़ा, जिससे बाजार में अनिश्चितता साफ़ है। तकनीकी विश्लेषकों ने समर्थन स्तरों के टूटने पर आगे की गिरावट की आशंका जताई।

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