हर दिन खबरों में कई ऐसी घटनाएँ आती हैं जिनमें जान‑जाना शामिल होता है। परीक्षा की तैयारी या सामान्य जानकारी के लिए इन घटनाओं को समझना जरूरी है, क्योंकि कई प्रश्नों में ऐसे ही आँकड़े या कारण पूछे जाते हैं। इस पेज पर हम नवीनतम निधन सम्बंधित खबरों को संक्षेप में पेश करेंगे, ताकि आप जल्दी से जरूरी जानकारी पकड़ सकें।
अगस्त 2025 में रिकॉर्ड‑तोड़ मॉनसून ने उत्तर से दक्षिण तक बाढ़ और भूस्खलन मचा दिया। जम्मू‑कश्मीर, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में 100 से अधिक लोगों की जान गई, साथ ही लाखों लोग बेघर हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास का परिणाम है। इसी तरह, उत्तराखंड के छह जिलों में भारी बारिश के कारण यलो अलर्ट जारी हुआ और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना बढ़ी। इन आपदाओं की तिथियों, प्रभावित क्षेत्रों और कारणों को याद रखना परीक्षा में मददगार रहता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान‑अधिकृत कश्मीर में मोईन अली के माता‑पिता की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई, जहाँ एक घंटे की दूरी पर भारतीय सेना की स्ट्राइक हुई थी। जबकि यह सीधे मौत से जुड़ा नहीं है, ऐसी घटनाएँ अक्सर सुरक्षा‑सम्बंधी प्रश्नों में आएँगी। इसी प्रकार, भोपाल लव जिहाद केस में पुलिस की कार्रवाई और मकान मालिकों की तफ्तीश से जुड़े वाक्यांश भी मिडिया में दिखे, जिससे संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं की समझ बनी।
इन समाचारों को देखते हुए, दो मुख्य बिंदु स्पष्ट होते हैं: पहला, प्राकृतिक आपदाएँ और उनका मानवीय ख़र्च लगातार बढ़ रहा है; दूसरा, सुरक्षा‑और कानूनी मामलों में भी अक्सर जान‑जाने की घटनाएँ सामने आती हैं। परीक्षा के लिए इन पैटर्न को नोट करना फायदेमंद रहता है, क्योंकि कई वर्तमान मामलों के प्रश्नों में इन्हें उलट‑पुलट करके पूछा जाता है।
यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो इन प्रमुख घटनाओं को अपने नोटबुक में रखें। तिथि, स्थान, कारण और घातक आँकड़े लिखें। साथ ही, सरकार की राहत‑कार्यवाई और प्रभावी उपायों को भी समझें, क्योंकि प्रश्नों में अक्सर सरकारी नीतियों का उल्लेख होता है।
अंत में, यह याद रखें कि हर मौत एक कहानी बताती है—चाहे वह प्रकृति की अराजकता हो या मानव‑निर्मित त्रुटि। हम इस टैग में लगातार नई जानकारी जोड़ते रहेंगे, ताकि आप हमेशा अपडेटेड रहें और अपनी परीक्षा में एक कदम आगे रहें।
तमिलनाडु के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ईवीकेएस इलांगोवन का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राजनीति में दशकों की सेवा देने वाले इलांगोवन की मृत्यु को कांग्रेस पार्टी और उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है। वे पेट्रोलियम, वाणिज्य और कपड़ा मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके थे।