जब बात टैक्स बचत की आती है, तो कर छूट, विधायी प्रावधान जो आय या लाभ पर कर का बोझ घटाते हैं. Also known as टैक्स छूट, यह आयकर, GST और विभिन्न निवेश साधनों में अलग‑अलग रूप में प्रकट होता है। कर छूट समझना तभी आसान है जब आप इसे आयकर, वर्ष‑भर की आय पर लगने वाला प्रत्यक्ष कर और टैक्स प्लानिंग, कर घटाने के लिए रणनीतिक वित्तीय निर्णय के साथ जोड़ते हैं। यही संबंध कर छूट को वित्तीय लक्ष्य हासिल करने का अहम उपकरण बनाता है।
CBDT ने सॉवरेन वेल्थ फंड और पेंशन फंडों के लिए भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर कर छूट की अवधि 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दी। यह कदम विदेशी दीर्घकालिक पूँजी को आकर्षित करने और बिजली, सड़क, बंदरगाह जैसे मुख्य क्षेत्रों में निजी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। खुलासे के अनुसार, लाभ केवल बड़े वैश्विक फण्डों के लिए है, परन्तु म्यूचुअल फंड और InvITs के माध्यम से भारतीय खुदरा निवेशकों को भी परोक्ष लाभ पहुंच सकता है। वित्तीय वर्ष 2025‑26 से इस प्रावधान को लागू किया गया है।