हीटवेव - समझें, कब और कैसे बचें

पिछले कुछ सालों में भारत में गर्मी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जब तापमान 40°C से ऊपर जाता है और कई दिनों तक बना रहता है, तो उसे हीटवेव कहते हैं। हीटवेव सिर्फ असहज नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बन सकता है। इस लेख में हम कारण, असर और रोज़मर्रा में अपनाए जाने वाले आसान उपाय बताएंगे, ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे।

हीटवेव के कारण और असर

सबसे बड़ा कारण है जलवायु परिवर्तन—पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती मात्रा। इससे रफ्तार से गर्मी का बँदा बढ़ता है और ठंडे मौसम का अंतर कम होता है। शहरों में कंक्रीट, अॅसफ़ाल्ट और ट्रैफिक जाम से उत्पन्न गर्मी को “शहरी हीट आइलैंड” कहा जाता है, जो हीटवेव को और भी तीव्र बना देता है। इससे पसीना बहुत जल्दी निकलता है, डिहाइड्रेशन, थकान, सिरदर्द और कभी‑कभी हाइलाइट गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे हीट स्ट्रोक या हार्ट अटैक तक हो सकते हैं।

हीटवेव में स्वास्थ्य रक्षा के उपाय

सबसे आसान उपाय है पानी पीना—रोज़ाना कम से कम 2-3 लीटर पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स लें। ठंडे पानी की बजाय बहुत ठंडा पानी नहीं, क्योंकि अचानक ठंडा द्रव शरीर में शॉक पैदा कर सकता है। घर में पंखे या एसी का सही उपयोग करें, और अगर एसी नहीं है तो बर्फ के पैकेट को पंखे के सामने रखकर ठंडी हवा बन सकती है। सूर्य के नीचे रहने से बचें, खासकर दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक; अगर बाहर जाना पड़े तो हल्के रंग का कपड़ा, टोपी और सनग्लास पहनें।

भोजन में भी बदलाव मदद करता है। हल्का, पानी‑बहुल फल‑सब्ज़ी जैसे तरबूज, खीरा और संतरा खाएँ। तले‑भुने या बहुत मसालेदार खाने से बचें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं। रात को हल्का खायें, ताकि नींद में शरीर का तापमान कम रहे।

बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों को ख़ास ध्यान देना जरूरी है। उनके साथ लगातार तापमान जांचें और अगर पसीना बहुत हो रहा है या लघु‑लक्षण जैसे चक्कर, उल्टी या तेज़ धड़कन दिखे तो तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाएँ और डॉक्टर से संपर्क करें। घर में एसी नहीं है तो बाथरूम में ठंडा पानी से नहाना या ठंडे तौलिए से पोंछना एक तुरंत राहत दे सकता है।

हीटवेव के दौरान बाहर के काम को सुबह जल्दी या शाम देर से कर लें, ताकि सूर्य की तेज़ रोशनी से बचा जा सके। अगर काम नहीं टाल सकते तो जल पूरक शट्रेड्यूल बनायें, जैसे हर 30‑45 मिनट में पाँच मिनट का ब्रेक लेकर पानी पीना या कूलिंग ड्रिंक लेना।

स्मार्टफ़ोन या टेलीविज़न पर मौसम की अद्यतन सूचना देखना न भूलें। यदि सरकार या मौसम विभाग द्वारा चेतावनी जारी की गई हो, तो विशेष दिशा‑निर्देशों का पालन करें। कई शहरों में ठंडे पानी की सप्लाई और सार्वजनिक शीतकालिक केंद्र भी खुलते हैं, उनका उपयोग भी किया जा सकता है।

भविष्य में हीटवेव से बचाव के लिए पर्यावरण पर ध्यान देना जरूरी है—पेड़ लगाना, जल संरक्षण, और कार्बन फ़ुटप्रिंट घटाना। छोटे‑छोटे कदम जैसे साइकिल चलाना, प्लास्टिक कम करना और ऊर्जा बचाना, लंबे‑समय में हीटवेव की तीव्रता को कम कर सकते हैं। याद रखें, आज की सावधानी कल की सुरक्षा बनाती है।

IMD Weather Alert: भारी बारिश और पश्चिमी राजस्थान में हीटवेव की चेतावनी, देशभर में कैसा रहेगा मौसम
IMD Weather Alert: भारी बारिश और पश्चिमी राजस्थान में हीटवेव की चेतावनी, देशभर में कैसा रहेगा मौसम

IMD ने पश्चिमी तट, पूर्वोत्तर और सब-हिमालयन क्षेत्रों में भारी बारिश और गरज-चमक की चेतावनी दी है। पश्चिमी राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में हीटवेव के हालात बन सकते हैं। मानसून 19°N/97°E तक पहुंच चुका है। दिल्ली का पारा 41.4°C तक गया।

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दिल्ली में तापमान ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड: 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा
दिल्ली में तापमान ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड: 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा

दिल्ली में बुधवार, 29 मई को तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, जोकि अब तक का सबसे अधिक तापमान है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंगेशपुर में इस तापमान को रिकॉर्ड किया। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अगले कुछ घंटों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई है। कई इलाकों में 'रेड' अलर्ट जारी किया गया है।

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