हरियाणा में लोकसभा चुनाव फिर से धूमधाम में है और सबकी निगाहें राजनैतिक हलचल पर टिकी हैं। इस लेख में हम सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देंगे – कौन-से उम्मीदवार लड़ेगा, मतदान कब होगा और पार्टियों की मुख्य रणनीति क्या है। अगर आप voter हैं या बस चुनावी माहौल समझना चाहते हैं, तो पढ़ते रहिए।
हरियाणा के पाँच प्रमुख मतदाता संजाल – गुरुग्राम, सिरसा, रोहतक, जिंद, और करनाला – में अलग‑अलग पार्टी के दावेदार हैं। भाजपा ने अपने अनुभवी नेताओं को फिर से टिकट दिया, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरा पेश किया जो सामाजिक मुद्दों पर ज़ोर दे रहा है। इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC) ने जिगर बजाते हुए किसान मुद्दे को प्रमुख बनाकर कई युवा सक्रियकर्मियों को आकांक्षा सीट पर रखा। अंबेडकर जनता पार्टी (AAP) ने भी इस बार बढ़ी हुई समर्थन के साथ दो सीटों पर दावेदारी दर्ज की है।
उम्मीदवारों की ताकत अक्सर उनका स्थानीय स्तर पर काम करने का रिकॉर्ड, पाठ्यक्रम (education) और सोशल मीडिया पर फॉलोइंग से तय होती है। उदाहरण के तौर पर, गुरुग्राम में भाजपा के दावेदार ने पिछले पाँच साल में 3 बड़ी infrastructural projects को पूरा करने का दावा किया है, जबकि कांग्रेस का उम्मीदवार ने महिला रोजगार पर विशेष योजना शुरू करने का वादा रखा है। इन वादों को मतदाता समझते या नहीं, यह अगले चरण में फॉलो अप करेंगे।
वर्तमान में भारतात्मक निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के लिए मतदान तिथि 20 मई 2025 तय की है। इस तिथि से पहले दो‑तीन हफ्तों में सभी उम्मीदवारों को अपना अंतिम चुनावी चिन्ह (symbol) मिल जाएगा और VVPAT (वॉयस वेरिफ़िकेशन पपर) मशीनों की जांच पूरी होगी। अगर आप पहली बार वोट डाल रहे हैं, तो आपका EPIC कार्ड (वोटर पहचान पत्र) तैयार होना चाहिए। ऑनलाइन स्थिति जांच करने के लिए आप नसीब फॉर्म पर अपना नाम दर्ज कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि मतदान प्रक्रिया के दौरान एसी (सुरक्षा) कर्मी पहले से ही तैयार रहेंगे। इस बार विशेष रूप से सोशल मीडिया पर नकली समाचार और झूठी प्रचार सामग्री को रोकने हेतु सख्त उपाय किए जा रहे हैं। आपका वोट गुप्त रहेगा, लेकिन यदि आप छाड़ने वाले किसी भी प्रकार की दबाव या प्रलोभन का सामना करते हैं तो तुरंत चुनाव अधिकारी को रिपोर्ट करें।
भाजपा ने परम्परागत विकास कार्य (roads, highways, irrigation) को आधार बनाया है, पर साथ ही किसान अनुदान और कृषि विज्ञान को भी प्रमुख मुद्दा बनाकर पेश किया है। उनके विज्ञापन में अक्सर स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने की बात की जाती है। कांग्रेस अब 'न्याय और समानता' पर फोकस कर रही है, खासकर महिलाओं और युवाओं के रोजगार पर। उनका संदेश है "बदलाव की अर्जी आपके हाथ में" – यह भावनात्मक अपील urban voters को आकर्षित करने के लिए है।
AAP ने अपने पूर्व सफल मॉडल को हरियाणा में लागू करने की कोशिश की है – यानी डाकघर जैसे सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाना, शिक्षा सुधार और स्वास्थ्य सुविधाएँ मुफ्त प्रदान करना। उनका दावा है कि ये कदम सस्ते में बड़े बदलाव लाएंगे। इन्डिया जनरल (IG) पार्टी ने भी कड़ा anti-corruption एजेंडा रखा है, पर उनके पास अभी तक व्यापक संगठनात्मक ढांचा नहीं है।
एक बात साफ़ है – हरियाणा में चुनाव सिर्फ बहस नहीं, बल्कि नीतियों का परीक्षण है। वोटरों के पास अब कई विकल्प हैं, और यह तय करना होगा कि कौन-सा दायरा उनके नजदीकी समस्याओं से सबसे ज्यादा जुड़ा है।
अंत में, यदि आप पहले से ही अपने वोट को तय कर चुके हैं, तो वोटिंग स्टेशन पर समय से पहले पहुँचे। पहचान पत्र साथ रखें और कोई भी अनावश्यक बहस या झगडा से बचें। याद रखें, आपका एक वोट ही कुल मिलाकर परिवर्तन की दिशा तय करता है।
हरियाणा लोकसभा चुनाव 2024 के रोहतक और भिवानी सीटों से जुड़े चुनावी अपडेट पर चर्चा की गई है। इसमें चुनाव प्रचार, मतदान, और उम्मीदवारों की प्रोफाइल के बारे में जानकारी दी गई है। हरियाणा के प्रमुख राजनेता अनिल विज का उल्लेख भी किया गया है, जो इस चुनाव में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।