गोवर्धन पूजन का सही तरीका और महत्त्व

क्या आप जानते हैं कि गोवर्धन पूजन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारे इतिहास और संस्कृति में गहरा असर रखता है? कई प्रतियोगी परीक्षा में इस विषय पर प्रश्न आते हैं, इसलिए इस लेख में हम पूरी जानकारी देंगे – कब, कैसे और क्यों।

गोवर्धन पूजन की कथा और महत्व

कृष्ण ने दुष्ट कंस को मारते समय अपने बालक भगीरथ की माँ यशोदा को डर से बचाने के लिए गोवर्धन पहाड़ को उठाया। फिर वह इस पहाड़ को अपने कंधे पर रखकर गाँव वालों को बाढ़ से बचाया। यह कहानी हमें साहस, सहानुभूति और पर्यावरण के सम्मान की सीख देती है। दिवाली के पहले दिन (भाद्रपद की द्वितीया) इस पूजन को किया जाता है, जो आमतौर पर ‘वीर तिथि’ कहलाती है।

सही ढंग से गोवर्धन पूजन कैसे करें

1. सफ़ाई: घर को साफ‑सुथरा रखें, खासकर पूजन स्थल को।
2. आसन: जमीन पर या थाली में काली या सफ़ेद काग़ज़ रखें, उस पर घी और चावल की एक छोटी मुठी रखें।
3. दीप: दो या तीन दीप जलाएँ – एक मुख्य और दो छोटे।
4. लोफर: घी के साथ ऊपर से दो बटुए (लोफर) रखें, जो गोवर्धन की छत्री बनाते हैं।
5. आरती: "ॐ गोवर्द्धनाय नमः" या "श्री गोवर्धन अर्चना" पढ़ें, फिर प्रसाद के रूप में लड्डू या चावल का भोग दें।

पूजन के बाद घर में ही नहीं, बाहर भी दान‑परोपकार करें – जरूरतमंदों को भोजन दें या कपड़े बाँटें। यह कर्तव्य आपकी आध्यात्मिक संतुष्टि बढ़ाएगा और सामाजिक बिंदु भी जोड़ देगा, जो अक्सर सिविल सेवा परीक्षा में ‘सामाजिक कार्य’ के सवालों में काम आता है।

यदि आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस उत्सव से जुड़े कुछ हॉट टॉपिक याद रखें:

  • गोवर्धन पूजन के दिन – द्वितीया (आमतौर पर दिवाली के बाद)
  • मुख्य पात्र – भगवान कृष्ण, बालक भगीरथ, माँ यशोदा
  • पुत्री कथा – कंस के दुष्ट शासन से रक्षक
  • भौगोलिक महत्व – पहाड़ का उठाना, पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक

इन बिंदुओं को छोटा नोट बनाकर टाइम‑टेबल में रखें, ताकि परीक्षा के दौरान जल्दी रिवीजन कर सकें। अक्सर UPSC, SSC या राज्य बोर्ड के इतिहास, संस्कृति और भारत में धार्मिक विविधता वाले सेक्शन में ऐसे प्रश्न निकले हैं।

वास्तविक जीवन में भी इस पूजन की कुछ उपयोगी टिप्स हैं। अगर आप नई दीवार या छत की मरम्मत कर रहे हैं, तो गोवर्धन की कथा याद रखकर सावधानी से काम करें – यह accidents से बचाता है, क्योंकि झूठी ‘पहल’ कभी नहीं करनी चाहिए।

साथ ही, सोशल मीडिया पर इस दिन बढ़ती हो रही पोस्ट्स और वीडियो को फ़ॉलो करें, ताकि आप नवीनतम ट्रेंड्स और स्थानीय कार्यक्रमों से अपडेट रहें। कई राज्य भर में बड़े मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जहाँ आप लाइव सिखावट और सांस्कितिक कार्यक्रम देख सकते हैं।

अंत में, यदि आप विदेश में रहते हैं या ऑनलाइन पूजा करना चाहते हैं, तो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव प्रसारण देख सकते हैं। ऐसा करने से आपके मन में शांति बनी रहेगी और आप परिवार के साथ दूरी बनाए बिना इस पर्व को मनाने का अनुभव ले पाएँगे।

तो इस गोवर्धन पूजन को सिर्फ एक रिवाज़ मत समझें, इसे अपने ज्ञान, संस्कृति और सामाजिक कर्तव्य के साथ जोड़ें। यही तरीका है जिससे आप प्रतियोगी परीक्षा में भी चमक पाएँगे और जीवन में सच्ची खुशी भी।

वसु बारस 2024: गोवर्धन पूजा, महत्व और गोवंश के साथ दिवाली के पहले विशेष पर्व की पूरी जानकारी
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वसु बारस, जिसे गोवर्धन पूजा या वाघ बारस के नाम से भी जाना जाता है, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है, जो दिवाली की शुरुआत का संकेत देता है। यह पर्व महाराष्ट्र और गुजरात में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसमें गायों की पूजा होती है और उन्हें विशेष पौष्टिक आहार दिया जाता है। यह पर्व धार्मिक महत्व के साथ-साथ कृषि और सांस्कृतिक दृष्टिकोण दोनों से महत्वपूर्ण है।

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