घर या ऑफिस के गेट का गिरना अक्सर अनदेखी वजहों से होता है। एक छोटी सी लापरवाही बड़े नुकसान में बदल सकती है। अगर आप गेट को मजबूत रखना चाहते हैं तो नीचे बताए गए बिंदु समझना जरूरी है।
1. अपर्याप्त फिक्सिंग – पिवट, बोल्ट या झूठे स्क्रू कई बार ढीले हो जाते हैं। मौसम के साथ धातु सड़ जाती है और गेट एडवांस नहीं रहता।
2. अधिक वजन या लोड – कभी‑कभी लोग गेट पर सामान या बड़े पॉट लगाते हैं। वह वजन डिजाइन से अधिक हो जाता है और गेट नीचे गिर जाता है।
3. मौसम का असर – बारिश, तेज़ हवा या बर्फ गेट की जॉइंट को कमजोर कर देती है। नमी से धातु में जंग लगती है और दृढ़ता घटती है।
4. खराब सामग्री – कम क्वालिटी वाला धातु या लकड़ी का गेट जल्दी ही टूट जाता है। शुरुआती कीमत कम लग सकती है पर बाद में बने नुकसान काफी महंगे पड़ते हैं।
5. रखरखाव की कमी – नियमित चेक‑अप नहीं करवाने से छोटे‑छोटे दरार या जॉइंट की ढीलापन बढ़ता है। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, फिर अचानक गिर जाता है।
• नियमित इंस्पेक्शन – हर 6 महीने में गेट की जॉइंट, पिवट और बोल्ट को जांचें। अगर कोई स्क्रू ढीला लगे तो तुरंत कसें।
• सही सामग्री चुनें – वजनदार गेट के लिए स्ट्रॉन्ग स्टील या ट्रीटेड लकड़ी इस्तेमाल करें। सस्ता मटेरियल बाद में ज्यादा खर्च बनता है।
• ओवरलोड नहीं करें – गेट पर भारी वस्तुएं न रखें। अगर डिलीवरी या बड़े सामान को रखना पड़े तो गेट के नीचे एक सपोर्ट बेंच लगाएं।
• हवाबंदी और रिसीवर – गेट को खुला रहने पर भी सुरक्षित रखें। विंड प्रोटेक्टर या बम्पर लगाने से तेज़ हवा से बचाव होता है।
• जॉइंट पर लुब्रिकेंट लगाएं – हिंगे और पिवट पर नियमित तेल लगाएं, इससे घिसाव कम होता है और चलाना आसान रहता है।
• सही इंस्टॉलेशन – गेट लगाने से पहले मरम्मत वाले को चुनें। सही एंगल, सही बीम और सही फिक्सिंग सुनिश्चित करता है कि गेट ठीक से काम करे।
जब गेट गिरने का शंका हो तो तुरंत एक प्रोफेशनल को बुलाएं। छोटी सी समस्या को नजरअंदाज करने से बड़े खर्चे और दुर्घटना हो सकती है। ये कदम अपनाकर आप अपने घर या ऑफिस को सुरक्षित रख सकते हैं, बिना ज्यादा खर्चे के।
कर्नाटक के तुंगभद्रा बांध में गेट नंबर 19 के टूट जाने से तेलंगाना में चिंता की लहर दौड़ गई है। यह घटना उस वक्त हुई जब शनिवार रात को चेन लिंक टूट गया, जिससे गेट बह गया। इससे कृष्णा नदी के निचले हिस्से में अलर्ट जारी किया गया है।