देवशयनी एकादशी 2024 – कब, क्यों और कैसे मनाएँ?

देवशयनी एकादशी हिन्दू कैलेंडर की एक खास एकादशी है, जो भगवान विष्णु के सोने की रात को दर्शाती है। 2024 में यह एकादशी 1 मार्च को आती है, यानी शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि। इस दिन गर्मी की शुरुआत और ऋतुओं के बदलाव का संकेत मिलता है, इसलिए इसे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ माना जाता है।

देवशयनी एकादशी का महत्त्व

इस एकादशी को विष्णु के विसर्जन के रूप में देखा जाता है। कहा जाता है कि विष्णु जी इस रात को शयन में जाते हैं और अगले दिन से पुनः जागरूक होते हैं। इसलिए इस दिन व्रत रखने से शारीरिक व मानसिक रोगों में सुधार, तनाव में कमी और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। कई भक्त मानते हैं कि इस दिन की प्रार्थना से भविष्‍य में आर्थिक समृद्धि और परिवार में स्वास्थ्य मिलता है।

पूजा और व्रत के आसान कदम

1. व्रत की शुरुआत शाम 6 बजे से – एक गिलास पानी से व्रत करें और मन में शुद्ध इरादा रखें।
2. शुद्ध स्नान – सुबह जल्दी स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें।
3. ध्यान और मंत्र जप – विष्णुधनुष या विष्णु सहस्रनाम का जप करें, 108 बार।
4. मुख्य पूजा (पूजाअरती) – सुनहरी या पीली वस्त्र लपेट कर विष्णु जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ। फल, चंदन और पान के पत्ते अर्पित करें।
5. भोज – व्रत समाप्ति के बाद हल्का फलों का सलाद, जौ का खिचड़ी या किंग रोटी खाएँ। यह पाचन को आसान बनाता है।

अगर आप शाकाहारी हैं तो अनाज, दाल और साग का मिश्रण भी बहुत फायदेमंद है। व्रत के दौरान तेज मसाले, शराब और कामिन (जैसे अंडा) से बचें, क्योंकि ये ऊर्जा को गिरा सकते हैं।

पूजा के साथ-साथ आप भजन-कीर्तन भी कर सकते हैं। “हर हर महादेव” या “ओम् नमः शिवाय” जैसे श्लोक गाने से मन शान्त होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

देवशयनी एकादशी के दिन अपने घर के छोटे बच्चों को भी इस महत्त्व के बारे में बताना अच्छा रहेगा। उन्हें सरल भाषा में बताएं कि यह दिन हमारे शरीर और आत्मा को साफ़ करने का अवसर है।

संक्षेप में, देवशयनी एकादशी 2024 आपको शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शांति दोनों देने का मौका देती है। सही समय पर व्रत रखें, सादगी से पूजा करें और सकारात्मक सोच बनाए रखें – यही इस एकादशी की असली शक्ति है।

देवशयनी एकादशी 2024: पूजा मुहूर्त, विधि और व्रत की जानकारी
देवशयनी एकादशी 2024: पूजा मुहूर्त, विधि और व्रत की जानकारी

देवशयनी एकादशी, जिसे हरिशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और पद्मनाभ एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। 2024 में यह पर्व 17 जुलाई को मनाया जाएगा। यह एकादशी तिथि 16 जुलाई को रात 8:33 बजे से शुरू होकर 17 जुलाई को रात 9:02 बजे समाप्त होगी।

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