चोट से बचें और सही इलाज कैसे करें

सड़क पर चलते हुए, खेलते समय या घर में रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी चीज़ों से चोट लगना आम बात है। अक्सर हम दर्द को नजरअंदाज़ कर देते हैं या डॉक्टर के पास नहीं जाते। लेकिन सही जानकारी होने से चोट से तेज़ी से ठीक हो सकते हैं और भविष्य में बड़े मसलों से बचा जा सकता है। आइए, चोट के प्रकार, तुरंत क्या करें और कब डाक्टर को दिखाएँ, इस पर बात करते हैं।

चोट के आम प्रकार और कारण

चोट दो मुख्य श्रेणियों में बाटी जा सकती है – हल्की (जैसे खरोंच, छोटे कट) और गंभीर (जैसे फ्रैक्चर, मोच)। खेल के मैदान में पैर मोड़ना, गिरते समय कलाई पर दबाव लगना, या रसोई में कटर से कटना आम कारण होते हैं। अक्सर लोग दर्द को हल्का समझकर खुद से ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये तरीका कभी‑कभी चोट को और बिगाड़ देता है।

पहला उपचार (R.I.C.E.)

चोट लगते ही सबसे पहला कदम R.I.C.E. मेथड अपनाएँ:

R – Rest (आराम): चोट वाले हिस्से को हल्का रखें, ज़्यादा चलने‑फिरने से बचें।

I – Ice (बर्फ): 15‑20 मिनट के लिये बर्फ या ठंडा पैक रखें। इससे सूजन कम होती है। बर्फ को थैला में या कपड़े में लपेटकर उपयोग करें, सीधे त्वचा पर नहीं।

C – Compression (दबाव): एलास्टिक बैंडेज से चोट वाले हिस्से को धीरे‑धीरे बांधें। दबाव बहुत टाइट न हो, क्योंकि रक्त परिसंचरण रुक सकता है।

E – Elevation (ऊँचा रखना): चोट वाले अंग को दिल के स्तर से ऊपर रखें। यह भी सूजन कम करने में मदद करता है।

इन चार कदमों को 2‑3 घंटे के बाद दोहराएं जब तक दर्द कम न हो। यदि दर्द लगातार बना रहे या सूजन बढ़ती दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

कई चोटों में घर का उपाय काम कर सकता है – जैसे कट पर हल्का एंटीसेप्टिक लगाना, छोटे घाव को साफ़ पानी से धोना। लेकिन अगर कट गहरा हो, खून बहता रहे या टेटनस की वैक्सीन सौं नहीं लगी हो, तो मेडिकल मदद जरूरी है।

डॉक्टर को कब दिखाएँ? अगर आप ये संकेत देखें तो देर न करें:

  • हड्डी टूटने का शक (असामान्य दर्द, अंग का आकार बदलना)।
  • ज़ोर से खून बहना या कट गहरा हो।
  • सूजन कई घंटे बाद भी नहीं घट रही।
  • छोटे मोच में हाथ‑पैरों में सुन्नता या झुनझुनी।
  • बुखार या संक्रमण की लक्षण (लाल, गर्म, दर्द बढ़ना)।

डॉक्टर अक्सर X‑ray, MRI या अल्ट्रासाउंड से समस्या देखता है और फिर उचित कास्ट, ब्रेस या रीहैबिलिटेशन एक्सरसाइज़ बताता है। अक्सर रेस्ट और फिजियोथेरेपी से चोट जल्दी ठीक हो जाती है।

चलते‑फिरते चोट से बचने के लिए नीचे के कुछ आसान बातों को याद रखें:

  • खेलते समय उचित जूते और सुरक्षा गियर पहनें।
  • घर में तेज़ चाकू या कैंची को सुरक्षित जगह रखें।
  • सड़क पर पैदल चलते समय रास्ते के फ़र्श पर ध्यान दें, तिरछी सतह से बचें।
  • बोझ उठाते समय सही मुद्रा अपनाएँ – कमर नहीं, घुटने मोड़ें।
  • बच्चों को खेल के दौरान निगरानी में रखें, विशेषकर स्लिपिंग को फर्श पर।

उम्मीद है अब आपको चोट के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गयी होगी। याद रखें, चोट लगते ही तुरंत पहला उपचार शुरू करें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की सहायता लें। सही कदम उठाने से दर्द कम होगी, स्कार (झ scars) कम रहेगा और आप जल्दी से फिर से सामान्य जीवन में लौट आएँगे।

कैरोलीना मारिन की चोट से पेरिस ओलंपिक से वापसी के बाद आँसूओं में टूटीं खिलाड़ी
कैरोलीना मारिन की चोट से पेरिस ओलंपिक से वापसी के बाद आँसूओं में टूटीं खिलाड़ी

कैरोलीना मारिन, 2016 की रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, पेरिस 2024 ओलंपिक में घुटने की चोट के कारण महिला सिंगल्स बैडमिंटन सेमीफाइनल मुकाबले से वापसी करने पर मजबूर हो गईं। चोट के कारण वह मैच से बाहर हो गईं और उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

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