आपने शायद सुना होगा कि कभी‑कभी बुध ग्रह पीछे की दिशा में चलता है, इसे ही बुध वक्री कहते हैं। ज्योतिष में इसे रेट्रोग्रेड कहा जाता है। इस समय संचार, यात्रा और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में गड़बड़ी हो सकती है। डरने की जरूरत नहीं, बस समझदारी से काम लेने पर समस्या कम होती है। अब जानते हैं कब‑कब बुध वक्री असर डालता है और कैसे तैयार रहें।
जब बुध वक्री में आता है, तो नीचे दिखे लक्षण अक्सर सामने आते हैं:
अगर इन चीज़ों को आप देख रहे हैं, तो संभावना है कि अभी बुध वक्री का असर चल रहा है। इस अवधि में नई बड़ी योजना शुरू करना या अनुबंध पर हस्ताक्षर करना थोड़ा जोखिमभरा हो सकता है।
सभी चीज़ें पूरी तरह से रुकती नहीं हैं, लेकिन आप नीचे दिए गए आसान उपायों से समस्याओं को कम कर सकते हैं:
इन टिप्स से आप बुध वक्री के दौरान भी अपने काम को सुप्रभात रख सकते हैं। याद रखें, इस समय का उपयोग अपनी योजनाओं को पुनः जांचने, पुरानी चीज़ों को सुलझाने और आत्म‑विकास पर ध्यान देने का भी अच्छा मौका है।
बुध वक्री हर साल 3‑4 बार आता है, इसलिए इस बारे में अपडेटेड जानकारी रखें। अगर आप ज्योतिष में गहरी रुचि रखते हैं तो वैदिक पंचांग या विश्वसनीय ज्योतिष साइट से तारीखें पता कर सकते हैं। इस तरह आप पहले से ही तैयार रहकर जीवन के हर पहलू को सहज बना सकते हैं।
28 जुलाई 2025 को वृषभ और कर्क राशि के जातकों के प्रेम जीवन में चुनौतियाँ आएंगी। शुक्र के कर्क में प्रवेश और बुध के वक्री होने से भावनात्मक संवाद में रुकावटें आ सकती हैं। पुराने रिश्तों से जुड़ी बातें फिर उभर सकती हैं। संवाद और व्यवहार में संयम जरूरी रहेगा।