अगर आप भारतीय राजनीति की बात कर रहे हैं तो बीजेपी का नाम सुनते‑ही दिमाग में कई बातें दौड़ती हैं। सरकार की नीतियों से लेकर विपक्ष के साथ टकराव तक, हर दिन नया मामला उभरता है। इस पेज पर हम सबसे भरोसेमंद, सरल और जल्दी समझ में आने वाली ख़बरें लाते हैं, ताकि आप बिना झंझट के पूरी तस्वीर देख सकें।
पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री ने एक बड़े इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी, जिसमें हाईवे, रेल और बिजली का एक साथ विकास शामिल है। इस घोषणा ने स्टार्ट‑अप्स और छोटे‑मोटे उद्योगियों को नई उम्मीदें दीं। साथ ही, विपक्ष ने इस पैकेज पर सवाल उठा कर कई बैठकों में बहस शुरू कर दी, जिससे मीडिया में गर्मी बढ़ी।
एक और महत्त्वपूर्ण पहल है कृषि सुधारों पर फिर से चर्चा। पहले कई राज्यों में विरोध हुआ था, लेकिन अब नई संशोधित नीति के साथ बोर्ड ने किसानों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। यह कदम कई राज्यों में भू‑राजनीतिक ताने‑बाने को थोड़ा बदल रहा है।
वित्तीय वर्ष के अंत की तैयारी में बजट को लेकर भी बहुत गड़बड़ है। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या इस बार जनसंकल्पनाओं को सच में प्राथमिकता दी जाएगी या फिर बड़ी कंपनियों को और सुविधाएँ मिलेंगी। इस पर विशेषज्ञों ने अलग‑अलग राय दी हैं, लेकिन एक बात साफ़ है – बजट की धूम फूटने से पहले ही बहस का दौर शुरू हो चुका है।
आगे देखते हुए, बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ा सवाल है युवा वोटरों की भावना। सोशल मीडिया पर नई लहरें चल रही हैं और चुनावी मुद्दे जल्दी‑जल्दी बदल रहे हैं। पार्टी को अपनी नीतियों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी उतना ही प्रभावी बनाना होगा, जितना वह जमीन पर करती है।
दूसरी चुनौती है अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में संतुलन बनाना। पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद, व्यापार समझौते और रणनीतिक साझेदारी के मसले लगातार बेड़ें बदलते रहते हैं। इस समय बीजेपी को दोनों तरफ़ तालमेल रखना जरूरी है, नहीं तो आर्थिक और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में ठेस लग सकती है।
अंत में, आंतरिक राजनीति में भी कुछ टकराव छिपे हुए हैं। राज्य स्तर पर कई नेते अपने क्षेत्रों में अलग‑अलग आवाज़ें दे रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता बनाये रखना मुश्किल हो सकता है। यदि ये मतभेद बढ़ते हैं तो पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है। परन्तु अगर नेताओं का समन्वय सही रहा, तो ये मतभेद भी नई रणनीति का हिस्सा बन सकते हैं।
तो कुल मिलाकर, बीजेपी का हर कदम जनता और विपक्ष दोनों की निगाहों में रहता है। आप चाहे किसी भी कोने से पढ़ रहे हों, यहाँ पर आपको हर प्रमुख घटना की साफ़ समझ मिलेगी। अब जब आप इस टैग पेज पर आते हैं, तो हर नई कहानी, हर विश्लेषण और हर अपडेट को एक ही जगह पढ़ें और अपने राय बनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं, भले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुमत से कम सीटें मिल रही हों। एनडीए गठबंधन और विपक्षी गठबंधन के बीच का अंतर अब सिर्फ 60 सीटों का है, जिससे यह तय नहीं हो सका कि अगली सरकार कौन बनाएगा। इस बार चुनाव में भाजपा को कई राज्यों में बड़ा नुकसान हुआ है।
हरियाणा के 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव परिणामों की लाइव अपडेट्स। बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सभी परिणाम घोषित किए जा रहे हैं।