अगर आप फुटबॉल पसंद करते हैं और भारत की टीम के बारे में जानना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम भारतीय फुटबॉल टीम का सफर, बड़े खिलाड़ी और आने वाले मैचों की जानकारी सरल शब्दों में देंगे। पढ़ते रहिए, बातों को याद रखिए और टीम को सपोर्ट करना कभी न भूलिए।
भारतीय फुटबॉल का सफर 1900 के दशक से शुरू होता है, जब यह खेल भारतीय सेना और कॉलेजों में लोकप्रिय हुआ। 1938 में भारत ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, और 1948 में लंदन ऑलिम्पिक में भाग लिया। स्वतंत्रता के बाद भारतीय फुटबॉल संघ (AIFF) का गठन हुआ और राष्ट्रीय टीम को औपचारिक रूप दिया गया। 1950‑60 के दशक में «गोल्डन एरा» कहा जाता था, क्योंकि भारत ने एशिया में कई खिताब जीते, जैसे 1951 और 1962 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक।
उस दौर के बाद टीम को कुछ कठिन समय मिला, लेकिन 2000‑के बाद नई योजना और विदेशी कोचों की मदद से फिर से सुधार शुरू हुआ। इंदौर में 2017 में AIFF ने घरेलू लीग को प्रोफ़ेशनल बनाया, जिससे युवा खिलाड़ी को बेहतर मंच मिला। अब भारतीय फुटबॉल धीरे‑धीरे एशिया में प्रतिस्पर्धी बन रहा है।
आज के समय में टीम में कई युवा और अनुभवी खिलाड़ी हैं। गोलकीपर के रूप में सुनिल शेरवानी ने कई मैचों में बेहतरीन बचाव दिखाया है। डिफेंडर लाइन में हिरवीर सिंह और श्रीकांत रॉय की स्थिरता बहुत भरोसेमंद है। मिडफ़ील्ड में साम्यक अज़ीज और राकेश देवनंद रचनात्मक खेल बनाते हैं, जबकि फॉरवर्ड में इमरान शहाब और बन्यल कौलर गोल बनाने की क्षमता रखते हैं।
कोचिंग स्टाफ में प्रमुख नाम फ़िराज़ अलिल है, जिनका कोचिंग सर्टिफ़िकेट यूएफए से है। उनका लक्ष्य टीम को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल करना है। उनके साथ फ़िज़िकल ट्रेनर और टैक्टिकल एनालिस्ट भी काम करते हैं, जिससे खिलाड़ियों को हर पहलू में मदद मिलती है।
फ़ॉर्म को समझना आसान है: जब टीम लगातार 3‑4 मैच जीतती है, तो हम इसे ‘हॉट फॉर्म’ कहते हैं। अगर कुछ हाफ‑टाइम में गिरावट आती है, तो कोच अक्सर बदलने वाली रणनीति अपनाते हैं, जैसे फ़ॉर्मेशन बदलना या नया खिलाड़ी लाना। आप इन बदलावों को सीधे मैच रिव्यू या सोशल मीडिया पर देख सकते हैं।
अगले महीने भारत ने साउथ एशियन फ़्रेंडली मैचों में भाग लिया है, जिसमें नेपाल, कंबोडिया और म्यांमार के खिलाफ खेल होगा। यह मैच 12 और 15 अगस्त को होते हैं, और टीवी पर हर कोई देख सकता है। साथ ही, एशियन कप क्वालिफ़ायर्स में भी भारत की एंट्री तय है, जिसमें 2026 तक की ड्रा अभी जारी होगी।
टीम के अपडेट्स को फॉलो करने के लिए आप AIFF की आधिकारिक वेबसाइट, टीम के फेसबुक पेज या ट्विटर अकाउंट पर देख सकते हैं। हर गेम के बाद हाइलाइट्स, स्कोरकार्ड और टॉप प्लेयर रेटिंग्स उपलब्ध होती हैं। अगर आप सीधे स्टैडियम में जाना चाहते हैं, तो पहले टिकट बुक कर लीजिए, क्योंकि बहुत जल्दी भर जाती है।
आख़िर में, फुटबॉल का मज़ा तभी है जब आप टीम को सपोर्ट करें। चाहे घर में टीवी देख रहे हों या स्टेडियम में हो, अपनी आवाज़ दें, उत्साह दिखाएँ और टीम को आगे बढ़ाने में मदद करें। भारतीय फुटबॉल टीम का भविष्य उज्ज्वल है, और आपका समर्थन उसके लिए जरूरी है।
भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमाच ने फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर्स में कुवैत के खिलाफ 0-0 के ड्रॉ से निराशा जताई। उन्होंने मैच के दौरान टीम के धीमे शुरुआत और आक्रमण में कमजोरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू की तारीफ की लेकिन कप्तान सुनील छेत्री के विदाई मैच में जीत हासिल न कर पाने पर भी दुख जताया। स्टिमाच ने कहा कि अब कतर के खिलाफ मैच पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।