भारत बनाम कुवैत, फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स: कोच इगोर स्टिमाच टीम के प्रदर्शन से निराश

भारत बनाम कुवैत, फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स: कोच इगोर स्टिमाच टीम के प्रदर्शन से निराश

फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स में भारतीय टीम का निराशाजनक प्रदर्शन

फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर्स में कुवैत के खिलाफ 0-0 के ड्रॉ के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमाच ने अपनी टीम के प्रदर्शन पर निराशा जाहिर की। कोच ने कहा कि टीन ने मैच की शुरुआत बेहद धीमी की और इसके बाद कभी भी मुकाबले पर पकड़ नहीं बना सकी। खिलाड़ियों की सामान्य पासिंग स्पीड और खतरनाक क्षेत्रों में गेंद पास करने की कमी को उन्होंने भारी विफलता करार दिया।

गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू की तारीफ

हालांकि, कोच ने गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू की तारीफ की और कहा कि उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के जरिए कई मौकों पर टीम को बचाया। इसके बावजूद, स्टिमाच ने माना कि दबाव के क्षणों में भी टीम फुटबॉल के मुख्य आक्रमणकारियों को प्रभावी ढंग से गेंद पहुंचाने में असफल रही। उन्होंने यह भी कहा कि टीम कप्तान सुनील छेत्री के विदाई मैच में जीत दर्ज नहीं कर पाई, जिससे वे बेहद निराश हैं।

अगले मैच पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान

स्टिमाच ने जोर देकर कहा कि अब टीम को कतर के खिलाफ आने वाले मैच पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीम को गोल के सामने और अधिक सटीक होने और यकीन के माहौल को तैयार करने की आवश्यकता है ताकि वे कतर के खिलाफ जीत हासिल कर सकें। कोच ने जय गुप्ता के पदार्पण की भी प्रशंसा की और पुष्टि की कि डेविड लालह्लांंसंगा कतर मैच के लिए स्क्वाड में शामिल रहेंगे।

मिडफील्डरों के प्रदर्शन पर जताई नाराजगी

सहल अब्दुल समद और अनिरुद्ध थापा के प्रदर्शन पर कोच ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि दोनों मिडफील्डरों को हाफटाइम पर मैदान से हटा लिया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीम को अपनी रणनीतियों में सुधार करना होगा और अपने प्रयासों को धारदार बनाना होगा।

प्रशंसकों से समर्थन बनाए रखने की अपील

अंत में, इगोर स्टिमाच ने भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों से अपील की कि वे इस निराशाजनक परिणाम के बावजूद टीम का समर्थन बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रशंसकों का समर्थन टीम के खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

आगे आने वाले मैचों में भारतीय फुटबॉल टीम को एकजुटता और विशेष प्रयास की जरूरत है। लगातार कठिन मुकाबलों और प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ मैदान में उतरते हुए उनकी चुनौतियाँ बढ़ने वाली हैं। इस नाजुक समय में, कोच और खिलाड़ियों के बीच तालमेल और बेहतर रणनीति का विकास ही अंतिम जीत की कुंजी साबित हो सकता है।